गलवान घाटी में शहीद हुए कुंदन के पिता से मांगा जा रहा राजकीय सम्मान के आयोजन का बिल
जनज्वार। भारत-चीन सीमा पर गलवान घाटी में 15 जून को हुई झड़प में बिहार के सहरसा जिले के शहीद जवान कुंदन कुमार के परिवार के साथ अजीब वाकया हुआ है। कुंदन कुमार का अंतिम संस्कार राजकीय सम्मान के साथ किया गया था, जिसकी व्यवस्था सरकार को करनी होती है। लेकिन, अब उसके लिए लगाए गए टेंट, कुर्सी, जेनरेटर, स्पीकर आदि का किराया शहीद के परिजनों से मांगा जा रहा है।
प्रभात खबर अखबार की खबर के अनुसार, अंत्येष्टि स्थल पर लगे पंडाल व अन्य सामग्रियों का कुल 81 हजार रुपये बिल शहीद कुंदन के पिता निमिंद्र यादव को भेजा गया है। ये वही निमिंद्र यादव हैं जिन्होंने बेटे के शहीद होने के बाद कहा था कि जब बार्डर पर देश की रक्षा के लिए गया था तो शहीद होगा ही। उन्होंने यह संकल्प भी व्यक्त किया था कि वे अपने दोनों पोतों को भी देश की रक्षा के लिए फौज में भेजेंगे।
शहीद कि पिता से बकाया चुकाने के लिए लगातार तकादा भी किया जा रहा है। उन्होंने कहा है कि वे राजकीय सम्मान का खर्च कैसे और क्यों वहन करें। उन्होंने ऐसा करने के लिए किसी को तो कहा नहीं है। वहीं, टेंट के संचालक रवि यादव ने कहा है कि उन्हें टेंट या टेनेरेटर लगाने का आदेश प्रशासन से नहीं बल्कि कुंदन के चाचा और मुखिया के पति से मिला था।
कुंदन कुमार सहरसा जिले के सत्तरकटैया प्रखंड के आरण गांव के रहने वाले थे। उनकी शहादत के बाद डीएम ने आदेश जारी किया था कि शहीद की अंत्येष्टि के लिए पर्याप्त प्रबंध किया जाए। डीएम खुद शहीद के घर गए थे। पंडाल, टेबल, कुर्सी व अन्य सामान के प्रबंध को कहा था। शहीद का अंतिम संस्कार जिला प्रशासन के आदेश पर राजकीय सम्मान के साथ हुआ लेकिन इसके लिए जुटाए गए समान का बिल जिला नरारत को न भेज कर शहीद के घर भेज दिया गया।