बेतिया : वीडियो वायरल करने वाले कोरोना मरीज को नहीं लगाया ऑक्सीजन, कहा - वे खुद लगा लें, हो गई मौत
जनज्वार। बिहार के बेतिया के कोविड अस्पताल में एक शिक्षक की अव्यवस्था के कारण कोरोना से मौत हो गई। कोविड19 से संक्रमित नरेंद्रनाथ बरनवाल की मृत्यु गुरुवार की सुबह डॉक्टरों व कर्मियों की लापरवाही से हो गई, जबकि मात्र दो दिन पहले यानी मंगलवार को उन्होंने सोशल मीडिया पर एक वीडियो शेयर कर अस्पताल की कुव्यवस्था को उजागर किया था और अपनी जान बचाने की गुहार लगायी थी। उन्होंने उस वीडियो में लोगों से कराहते हुए अपील की थी कि इसको अधिक से अधिक शेयर करें, ताकि उनकी जान बचायी जा सके।
नरेंद्रनाथ वर्णवाल ने अस्पताल की कुव्यवस्था के बारें में 21 जुलाई 2020 की रात में लगभग नौ बजे अपने स्वास्थ्य से संबंधित एक वीडियो फेसबुक पर साझा किया था। उस वीडियो में उन्होंने अस्पताल प्रबंधन द्वारा उनकी देखरेख में लापरवाही करने का आरोप लगाया। वे यह कहते दिख रहे हैं कि अस्पताल का हाल बुरा है। वे वीडियो में यह कहते दिख रहे हैं कि कल से उनका बेतिया कोविड अस्पताल में इलाज शुरू हुआ है और कोई देखते नहीं आता है। वे वीडियो में यह कहते हुए दिख रहे हैं कि सरकार कहती है कि अस्पताल में सारी व्यवस्था लेकिन बेतिया कोविड अस्पताल में कोई व्यवस्था ही नहीं है। वे कहते हैं कि डाॅक्टर यहां बहुत लापरवाह हैं, आप इस वीडियो को अधिक से अधिक शेयर कर मेरी जान बचाएं।
शिक्षक ने अपने वीडियो में यह भी बताया है कि आइसोलेशन वार्ड के अंदर कुत्ते घूम रहे हैं। स्वच्छता की कोई व्यवस्था नहीं है। वीडियो वायरल होने के बाद भी उनकी स्वास्थ्य की नियमित जांच नहीं की गई, इसके कारण से उनकी मौत हो गई।
मृतक शिक्षक के भतीजे देवेश वर्णवाल ने अपने चाचा की मौत की वजह अस्पताल प्रबंधन को बताया है और उसके खिलाफ बेतिया नगर थाने में शिकायत दर्ज करायी है।
देवेश वर्णवाल ने इस संबंध में पुलिस को की गई शिकायत के बारे में बताया है कि उन्होंने अपने चाचा को 20 जुलाई 2020 को गवर्नमेंट मेडिकल कॉलेज के आइसोलेशन वार्ड के डी 25 में स्वयं भर्ती कराया। भर्ती के पश्चात लगातार उनकी शिकायत रही कि अस्पताल प्रबंधन नियमित स्वास्थ्य चेकअप नहीं करा रहा। इस संदर्भ में उन्होंने 21 जुलाई 2020 की रात लगभग नौ बजे एक वीडियो भी वायरल किया।
पुलिस को दी गई शिकायत के अनुसार, 23 जुलाई को लगभग तीन बजे सुबह देवेश को उनके चाचा नरेंद्रनाथ ने फोन किया कि ऑक्सीजन खत्म हो चुका है। बहुत देर से चिल्लाने पर भी कोई ऑक्सीजन लगाने नहीं आ रहा है। इसके बाद देवेशने वहां वार्ड में ड्यूटी कर रहे कर्मचारी साहेब कुमार पटेल को ऑक्सीजन की व्यवस्था करने को कहा, परंतु उसने लापरवाही पूर्वक जवाब दिया कि अपने चाचा को फोन कर बोल दीजिए कि एक बगल में अन्य पाइप जो लटक रहा है, उससे अपने ऑक्सीजन का कनेक्शन जोड़ ले।
देवेश ने उस कर्मचारी से बहुत आग्रह किया परंतु ड्यूटी पर कार्यरत साहेब कुमार पटेल ने उनकी बात को अनसुना कर दिया। गुरुवार की सुबह जब मृतक की पत्नी और मृतक के परिजन लगातार फोन करते रहे तो फोन रिसीव नहीं हुुआ। मृतक के परिजन को शक हुआ तो मृतक के भतीजे दीपांशु कुमार अस्पताल में पहुंचे तो उनको पता चला कि चाचा इस दुनिया में नहीं रहे।
मृत शिक्षक की एक छह वर्षीया बेटी और 10 साल का बेटा है।