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बिहार में कोरोना मरीज इलाज बिना तोड़ रहे दम, प्रशासन बटोर रहा 'कोविड नाव एंबुलेंस' बना सुर्खियां

Janjwar Desk
12 Aug 2020 4:26 AM GMT
बिहार में कोरोना मरीज इलाज बिना तोड़ रहे दम, प्रशासन बटोर रहा कोविड नाव एंबुलेंस बना सुर्खियां
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वैशाली जिले में एक सप्ताह में हर दिन 100 से अधिक कोरोना पॉजिटिव मरीज मिल रहे हैं। मंगलवार 11 अगस्त को ही यहां कोरोना के कुल 103 केस सामने आये हैं....

हाजीपुर। कोरोना वायरस की भयावहता से जहां पूरी दुनिया त्रस्त है, वहीं इसने हमारे देश की चरमराई स्वास्थ्य व्यवस्था को पूरी तरह एक्सपोज कर दिया है। बिहार—यूपी में तो कोरोना आम जनता का काल बनकर आया है। इलाज के अभाव में लोग दम तोड़ रहे हैं, मगर शासन—प्रशासन वाहवाही लूटने में व्यस्त है।

ऐसा ही कुछ बिहार के वैशाली जिला प्रशासन ने किया है। बिहार में भी कोरोना मरीज इलाज के अभाव में बेहाल हैं, एक के बाद एक मौतें हो रही हैं, वहीं जिला प्रशासन सड़क पर एंबुलेंस और मरीजों को अस्पताल में इलाज मुहैया कराने के बजाय नाव वाली एम्बुलेंस लेकर आया है। जब अस्पतालों में मरीजों का इलाज ही नहीं होगा तो भला नाव हो या सड़क वाली एंबुलेंस उससे मरीजों को क्या फायदा।

हालांकि बिहार के वैशाली जिले के राघोपुर के कई क्षेत्र ऐसे हैं, जहां के लोगों को अस्पताल आने के लिए एकमात्र सहारा नाव है, कोरोना मरीजों को अस्पताल लाने के लिए जिला प्रशासन ने यह पहल की है और नाव को ही स्पेशल कोविड एंबुलेंस में तब्दील कर दिया। कहा जा रहा है इस नाव में वो सारी सुविधाएं उपलब्ध कराई गई हैं, जो एक एंबुलेंस में होती हैं।

वैशाली जिले के राघोपुर के दियारा क्षेत्र के कई ऐसे गांव हैं, जहां के लोगों के लिए पीपा पुल खुल जाने के बाद प्रखंड मुख्यालय आने के लिए एकमात्र सहारा नाव ही होती है। ऐसे में बाढ़ की आशंका और कोरोना संक्रमित मरीजों को नजदीकी अस्पताल पहुंचाने के लिए वैशाली जिला प्रशासन ने 'नाव एंबुलेंस' की व्यवस्था शुरू की है, मगर असल सवाल यह है कि अस्पताल तक पहुंचने के लिए भी क्या सारे कोरोना मरीजों को यह सुविधा मिल पायेगी। यह आशंका इसलिए क्योंकि वैशाली में मरीजों का आंकड़ा लगातार बढ़ता जा रहा है।

वैशाली जिले में एक सप्ताह में हर दिन 100 से अधिक कोरोना पॉजिटिव मरीज मिल रहे हैं। मंगलवार 11 अगस्त को ही यहां कोरोना के कुल 103 केस सामने आये हैं। स्वास्थ्य विभाग के पोर्टल पर दी गई जानकारी के अनुसार वैशाली जिले में कोरोना संक्रमित मरीजों की कुल संख्या 2615 हो गई है।

जिला प्रशासन का दावा है कि आम लोगों के लिए शुरू की गयी इस नाव एंबुलेंस पर सभी तरह की स्वास्थ्य सुविधाओं के साथ मेडिकल टीम मौजूद है, जो इमरजेंसी मरीजों को चिकित्सकीय सुविधा उपलब्ध करा रही है।

राघोपुर के अंचल पदाधिकारी राणा अक्षय प्रताप सिंह कहते हैं, कोविड-19 के दौर में और बाढ को देखते हुए प्रशासन ने पहले ही नाव को एंबुलेंस बनाने की योजना बनाई थी। इसके तहत कई गांव के लोगों को जांच के लिए स्थानीय अस्पतालों में लाया जा रहा है। उन्होंने कहा कि यह नाव जेठुली घाट और तेतर घाट के बीच चलाई जा रही है।

जिला प्रशासन का कहना है, नाव एंबुलेंस पर पीपीई किट में जांच दल के साथ एक डॉक्टर, एक असिस्टेंट के अलावा मेडिकल टीम की व्यवस्था की गई है। इस पर स्ट्रेचर, बेड, अक्सीजन सिलेंडर, दवा, स्लाईन की सुविधा है। राघोपुर के एक चिकित्सक कहते हैं कि नाव एंबुलेंस पर डॉक्टर एवं मेडिकल टीम की ड्यूटी लगाई गई है।

उल्लेखनीय है कि बिहार में कोरोना संक्रमितों की संख्या में तेजी से वृद्घि देखी जा रही है। बिहार में कोरोना संक्रमित मरीजों की संख्या 82,741 तक पहुंच गई है। राहत की बात है कि राज्य में अब तक 54,139 संक्रमित स्वस्थ हो चुके हैं। बिहार राज्य में कोरोना संक्रमित व्यक्तियों की रिकवरी रेट 65.43 फीसदी है।

— इनपुट आईएएनएस

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