बाढ़ पीड़ितों को नहीं मिली सरकारी राहत राशि, हजारों पीड़ितों ने अंचल कार्यालय को घेरा
सरकारी राहत राशि न मिलने पर अंचल कार्यालय का घेराव करते बाढ़ पीड़ित
जनज्वार ब्यूरो, पटना। बिहार में बाढ़ का प्रकोप अब धीरे-धीरे कम हो रहा है, पर जिनके घर-सामान बाढ़ की चपेट में आकर बर्बाद हो चुके हैं, उनकी परेशानी कम नहीं हो रही। एक तो कोरोना लॉकडाउन के कारण लोगों की कमर पहले से ही टूटी हुई थी, ऊपर से बाढ़ के कारण सामान और घर में रखे अनाज आदि के बर्बाद हो जाने के कारण इनलोगों पर दोहरी मार पड़ गई है।
सरकार द्वारा बाढ़ पीड़ितों को प्रति परिवार 6 हजार रुपये देने की घोषणा की गई है, पर पीड़ितों का आरोप है कि बड़ी संख्या में लोग इस राहत राशि से वंचित हो जा रहे हैं। इस कारण पीड़ित आक्रोशित होकर आंदोलन पर उतारू हो जा रहे हैं।
14 सितंबर, सोमवार को सारण जिला के अमनौर प्रखंड में भी बाढ़ पीड़ितों ने हंगामा कर दिया। इनका कहना था कि प्रखंड में आई बाढ़ के बाद अब तक राहत की राशि नहीं मिली है। इसे लेकर शेखपुरा पंचायत के आक्रोशित ग्रामीणों ने अंचल कार्यालय का घेराव कर दिया।
लगभग दो हजार से अधिक बाढ़ पीडितों ने प्रखंड सह अंचल कार्यालय परिसर मे पहुंच सरकार व अधिकारियों के खिलाफ नारेबाजी करते हुए जमकर हंगामा किया। इनका कहना था कि पिछले अगस्त माह में आयी बाढ़ से प्रखंड के लगभग सभी पंचायतों में हुई तबाही से लोग अब तक नहीं उबर पाये हैं। बाढ़ की त्रासदी से हजारों लोगों प्रभावित हुए हैं। बिहार सरकार द्वारा बाढ़ पीड़ितों को सहायता राशि के नाम पर छह हजार रुपये देने की बात कही गई है।
इनका आरोप है कि वर्ष 2017 मे आयी बाढ से जो लोग प्रभावित हुए थे, सिर्फ उन्हीं प्रभावित लोगों के ही खाते में राशि जा रही है, जबकि इस बार उनलोगों के साथ अन्य जगहों के लोग भी बाढ़ से प्रभावित हुए थे।
इनका कहना था कि इस बार आयी बाढ के पीडितों का वार्ड सदस्य पंचायत सचिव राजस्व कर्मचारी व मुखिया के द्वारा सूची बनाकर अंचल कार्यालय में जमा किया गया है। परंतु अबतक उनके खाते में जीआर की राशि उपलब्ध नहीं करायी गयी है। नाराज ग्रामीणों ने घंटों अंचल कार्यालय का घेराव किया। इसके बाद सीओ ने इस माह के अंत तक सभी के खाते में जीआर की राशि भेजे जाने का आश्वासन दिया जिसके बाद पंचायत के मुखिया व ग्रामीण माने।
मुखिया संतोष यादव ने कहा कि अगर समय के अंदर राशि नहीं भेजी गई तो सभी अठारह पंचायत के लोग अंचल कार्यालय को जाम कर आंदोलन करेगें।