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बिहार

पूर्व IPS अमिताभ दास ने फिर फोड़ा लेटर बम, लगाया आरोप- नीतीश के निर्देश पर मंजू वर्मा के विरुद्ध नहीं हो रहा स्पीडी ट्रायल

Janjwar Desk
21 Nov 2020 1:56 PM GMT
पूर्व IPS अमिताभ दास ने फिर फोड़ा लेटर बम, लगाया आरोप- नीतीश के निर्देश पर मंजू वर्मा के विरुद्ध नहीं हो रहा स्पीडी ट्रायल
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अमिताभ कुमार दास ने डीजीपी को संबोधित अपने पत्र में लिखा है कि बेगूसराय जिला के चेरिया बरियारपुर थाना कांड संख्या 143/18 में मंजू वर्मा चार्जशीटेड हैं, सीबीआई ने उनके घर से 50 जिंदा कारतूस बरामद किए थे...

जनज्वार ब्यूरो, पटना। शिक्षा मंत्री का पदभार ग्रहण के कुछ देर बाद ही इस्तीफा देनेवाले मेवालाल चौधरी मामले में बिहार के डीजीपी को पत्र लिखकर उनकी पत्नी की अप्राकृतिक मौत की एसआइटी जांच की मांग करने वाले पूर्व आईपीएस अमिताभ कुमार दास ने फिर एक लेटर बम फोड़ दिया है। इस बार उनके निशाने पर पूर्व मंत्री मंजू वर्मा हैं।

दास ने बिहार के डीजीपी को पत्र लिखकर चेरिया बरियारपुर थाना कांड संख्या 143/18, जिसमें मंजू वर्मा आरोपित हैं, उस मामले की स्पीड ट्रायल कराने की मांग की है। अमिताभ कुमार दास ने डीजीपी को संबोधित अपने पत्र में लिखा है कि बेगूसराय जिला के चेरिया बरियारपुर थाना कांड संख्या 143/18 में मंजू वर्मा चार्जशीटेड हैं। सीबीआई ने उनके घर से 50 जिंदा कारतूस बरामद किए थे।


बिंदुवार लिखे गए इस पत्र के दूसरे बिंदु में उन्होंने मुख्यमंत्री नीतीश कुमार के विरुद्ध भी सीधा और गंभीर आरोप लगा दिया है। उन्होंने लिखा है 'मुख्यमंत्री नीतीश कुमार के निर्देश पर बेगूसराय पुलिस इस मामले का स्पीडी ट्रायल नहीं करा रही है।'

तीसरे बिंदु में उन्होंने लिखा है कि इसी वजह से उनके विरुध्द दोष सिद्धि नहीं हो पा रही है और वे चुनाव लड़ पाने के लिए स्वतंत्र हैं। उन्होंने डीजीपी से मांग की है कि चेरिया बरियारपुर थाना कांड संख्या 143/18 का स्पीडी ट्रायल कराने के निर्देश दिये जाएं। सजायाफ्ता हो जाने के बाद मंजू वर्मा के चुनाव लड़ने पर पाबंदी लग जाएगी।

उल्लेखनीय है कि मंजू वर्मा राज्य की समाज कल्याण मंत्री रहीं हैं और मुजफ्फरपुर बालिका गृह कांड का खुलासा होने के बाद वे मंत्री पद से हटाई गईं थीं। मुजफ्फरपुर बालिका गृह कांड के मुख्य आरोपित ब्रजेश ठाकुर से साल 2018 के जनवरी से जून माह के बीच उनके पति चन्द्रशेखर की 17 बार हुई बातचीत का खुलासा हुआ था। इसके बाद सीबीआई की टीम ने अगस्त 2018 में पटना और चेरिया बरियारपुर थाना क्षेत्र स्थित उनके आवास सहित चार स्थानों पर छापेमारी की थी।

सीबीआई के छापे के दौरान मंजू वर्मा के अर्जुन टोला स्थित ससुराल पक्ष के घर से 50 कारतूस मिलने के बाद उनके और पति चंद्रशेखर के खिलाफ मामला दर्ज किया गया। बरामद कारतूस अलग-अलग हथियारों के बताए गए थे। सीबीआई के एक अधिकारी के बयान पर ही दोनों के खिलाफ प्राथमिकी दर्ज कराई गई थी।

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