Begin typing your search above and press return to search.
बिहार

राज्यपाल बोले, बिहार के विश्वविद्यालय-कालेजों में बुनियादी ढांचे का अभाव, केंद्र दे आर्थिक मदद

Janjwar Desk
8 Sept 2020 10:45 AM IST
राज्यपाल बोले, बिहार के विश्वविद्यालय-कालेजों में बुनियादी ढांचे का अभाव, केंद्र दे आर्थिक मदद
x

Photo:social media

बिहार के राज्यपाल फागू चौहान ने कहा कि उच्च शिक्षा में सकल नामांकन अनुपात के लक्ष्य को हासिल करने के लिए महाविद्यालयों एवं विश्वविद्यालयों के बुनियादी ढांचे को विकसित करना होगा,इसमें केंद्र की आर्थिक मदद की आवश्यकता पड़ेगी....

जनज्वार ब्यूरो, पटना। बिहार के अधिकांश विश्वविद्यालयों और कॉलेजों में आधारभूत संरचनाओं और कार्यबल की कमी है। ज्यादातर तकनीकी संस्थानों में भी इन सब चीजों का अभाव है। लिहाजा राज्य के कई विश्वविद्यालयों और कॉलेजों को नैक की ग्रेडिंग भी नहीं मिल सकी है। यूजीसी से आर्थिक सहायता प्राप्त करने के लिए यह ग्रेडिंग जरूरी कर दी गई है, इससे राज्य के कई विश्वविद्यालयों और कॉलेजों के यूजीसी की आर्थिक सहायता से वंचित होने का खतरा भी मंडरा रहा है।

इन सबके बीच केंद्रीय शिक्षा मंत्रालय द्वारा सोमवार को देश के राज्यपालों के साथ एक वर्चुअल सम्मेलन किया गया।राज्यपाल राज्यों में विश्वविद्यालयों के कुलाधिपति भी होते हैं। इस सम्मेलन में बिहार के राज्यपाल फागू चौहान ने कहा कि उच्च शिक्षा में सकल नामांकन अनुपात (जीईआर) के लक्ष्य को हासिल करने के लिए महाविद्यालयों एवं विश्वविद्यालयों के बुनियादी ढांचे को विकसित करना होगा। इसमें केंद्र की आर्थिक मदद की आवश्यकता पड़ेगी।

राज्यपाल फागु चौहान इस वर्चुअल सम्मेलन में राजभवन के वीडियो-कान्फ्रेंसिंग हॉल से शामिल हुए। राज्यपाल ने कहा कि राष्ट्रीय शिक्षा नीति-2020 में सकल नामांकन अनुपात को सन 2035 तक 50 प्रतिशत करने का लक्ष्य रखा गया है, जिसे हासिल करने के लिए महाविद्यालयों एवं विश्वविद्यालयों बुनियादी ढांचे को और अधिक विकसित करना होगा।

राज्यपाल ने कहा कि बिहार जैसे सीमित संसाधन वाले प्रदेश, जिसके आधे से अधिक हिस्से को प्रत्येक वर्ष बाढ़ की विभीषिका का सामना करना पड़ता है, में शिक्षा की गणिवत्ता एवं आधारभूत संरचना दोनों ही पहलुओं के विकास के लिए केंद्र से विशेष आर्थिक सहायता की आवश्यकता होगी।

उल्लेखनीय है कि यह सम्मेलन 'उच्चतर शिक्षा के रूपान्तरण में राष्ट्रीय शिक्षा नीति-2020 की भूमिका' विषय पर केंद्रित था, जिसका उद्घाटन राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद द्वारा किया गया। उद्घाटन सत्र को राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद, प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी एवं केंद्रीय शिक्षा मंत्री रमेश पोखरियाल 'निशंक' ने सम्बोधित किया।

सम्मेलन के अन्य सत्रों में केंद्रीय शिक्षा राज्य मंत्री संजय शामराव धोत्रे, विभिन्न राज्यों के राज्यपालों, उपराज्यपालों, शिक्षा मंत्रियों, 'राष्ट्रीय शिक्षा नीति-2020' की ड्राफ्ट कमिटी के अध्यक्ष डॉ. के. के. कस्तूरीरंगन सहित कई शिक्षाविदों ने भी अपने विचार रखे।

राजभवन से सम्मेलन में शिक्षा मंत्री कृष्णनंदन प्रसाद वर्मा, राज्यपाल के प्रधान सचिव चैतन्य प्रसाद एवं शिक्षा विभाग के प्रधान सचिव संजय कुमार भी उपस्थित थे। राज्य के विभिन्न विश्वविद्यालयों के कुलपतियों ने भी अपने संबंधित जिले के एनआईसी केंद्रों से भाग लेते हुए सम्मेलन की कार्यवाही को देखा और सुना।

Next Story

विविध