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Bihar Crime News: मोदीकाल में मॉब लिंचिंग की घटनाओं में इजाफा, अब बिहार के मोहम्मद सिद्दीकी को पीटकर मार डाला...

Janjwar Desk
11 Dec 2021 1:54 PM GMT
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(बिहार के अररिया में युवक को भीड़ ने मार डाला image/financialexpress)

पुलिस ने इस मामले में अज्ञात लोगों के खिलाफ केस दर्ज कर खानापूर्ति कर दी है। मीडिया रिपोर्टस के अनुसार, इस मामले में अब तक एक भी गिरफ्तारी नहीं हुई है। मोहम्मद सिद्दीकी की मॉब लिंचिंग का मामला जिले का एकलौता मामला नहीं है...

Bihar Crime News : प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी (PM Narendra Modi) जब से दिल्ली की गद्दी पर आसीन हुए हैं तब से देश में गायों की रक्षा के नाम पर मॉब लिंचिंग की घटनाएं तेज़ी से बढ़ी हैं। इससे भी बड़ी बात यह की इस तरह की घटनाओं में अधिकतर मुस्लिमों को ही निशाना बनाया जाता है। आंकड़ों की अगर बात करें तो 2010 के बाद से गोवंशों के नाम पर होनी वाली 95 प्रतिशत से ज्यादा हत्याएं मोदी सरकार में हुई हैं।

हालिया मामला बिहार के अररिया (Araria Bihar) से सामने आया है। 'द इंडियन एक्सप्रेस' की खबर के मुताबिक, 8 दिसंबर को अररिया के फुलकहा थाना क्षेत्र के भवानीपुर गांव में 50 वर्षीय व्यक्ति मोहम्मद सिद्दीकी की पशु चोरी के आरोप में हत्या कर दी गई। इस घटना में गांव के 100 से भी अधिक लोग सिद्दीकी को लाठी-डंडों से तब तक पीटते रहे जब तक उसकी जान नहीं निकल गई।

थाना प्रभारी फुलकहा ने बताया कि उस इलाके से अक्सर मवेशियों के चोरी होने की खबरें आती रहती थीं, लेकिन मॉब लिंचिंग का ये मामला नया है। आरोप है कि 8 दिसंबर को कुछ लोग भैंसों और बैलों की चोरी कर रहे थे। तभी किसी ने शोर मचाया और कथित तौर पर चोरी की घटना को अंजाम दे रहे लोग भाग खड़े हुए। मोहम्मद सिद्दीकी को उसी कथित चोर गिरोह का सदस्य बताया जा रहा है। मौके पर पहुंची 100 से ज्यादा लोगों की भीड़ ने सिद्दीकी को तब तक पीटा, जब तक उसकी मौत नहीं हो गई।

बता दें कि पुलिस ने इस मामले में अज्ञात लोगों के खिलाफ केस दर्ज कर खानापूर्ति कर दी है। मीडिया रिपोर्टस के अनुसार, इस मामले में अब तक एक भी गिरफ्तारी नहीं हुई है। मोहम्मद सिद्दीकी की मॉब लिंचिंग का मामला जिले का एकलौता मामला नहीं है। इससे पहले दिसंबर 2019 में भी अररिया जिले के सिमरबनी गांव में मवेशी चोरी के शक में एक 53 वर्षीय व्यक्ति की भीड़ ने पीट-पीटकर हत्या कर दी थी।

देश ऐसी कई घटनाओं का गवाह बन चुका है जिसमें कोई न कोई वजह बताकर भीड़ हत्या कर देती है। गौ-रक्षा के नाम पर तो मुसलमानों की हत्या तो अब आम बात हो चुकी है। सरकार इन मामलों को खराब कानून व्यवस्था का मामला बताकर हल्का कर देती है। लेकिन धर्म या जाति आधारित भीड़हत्याओं के तार सीधा राजनीति से जुड़ते हैं।

तमाम मीडिया रिपोर्ट्स बताती हैं कि सत्तारूढ़ भारतीय जनता पार्टी के राज में ऐसी हत्याएं अब आम हो चलीं हैं। यह शायद ऐसा इसलिए क्योंकि अपराधियों को पता है कि वो मॉब लिंचिग करने के बावजूद आसानी से बच निकलेंगे।

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