डीजल-पेट्रोल की बढ़ती कीमतों को लेकर तेजस्वी उतरे सड़क पर, सायकिल मार्च निकाल जताया विरोध
जनज्वार ब्यूरो,पटना। देश में डीजल-पेट्रोल की लगातार बढ़ रही कीमतों को लेकर बिहार में राष्ट्रीय जनता दल सड़क पर उतर गया है। गुरुवार 25 जून को नेता प्रतिपक्ष तेजस्वी यादव के नेतृत्व में पटना में साइकिल मार्च निकाला गया। भारी संख्या में राजद कार्यकर्ता इसमें शामिल हुए और केंद्र सरकार के विरुद्ध जमकर नारेबाजी की गई। बिहार में शीघ्र ही चुनाव होनेवाले हैं और इस प्रदर्शन को राजद की चुनावी मुहिम का आगाज भी माना जा रहा है।
राजद के कार्यकर्ता पटना के सर्कुलर रोड स्थित पूर्व मुख्यमंत्री राबड़ी देवी के आवास के बाहर एकत्रित हुए। सभी कार्यकर्ता सायकिल पर सवार थे। यहां से नेता प्रतिपक्ष तेजस्वी यादव और तेजप्रताप यादव ने रैली का नेतृत्व किया।
बिहार में अगले कुछ माह में विधानसभा चुनाव होने हैं। लिहाजा विपक्षी दल लगातार आक्रामक हैं। केंद्र और राज्य दोनों जगह अभी एनडीए की सरकार है। इसलिए विपक्षी दल विभिन्न मुद्दों को लेकर केंद्र एवं राज्य सरकार पर हमलावर होने लगे हैं। खासकर प्रवासी मजदूरों की समस्या, महंगाई,बेरोजगारी और क्राइम के मुद्दों पर सरकार को घेरने की कोशिश में लगे हैं।
मीडिया से बात करते हुए तेजस्वी यादव ने केंद्र और राज्य सरकार को गरीब-मजदूर और किसान विरोधी करार दिया। उन्होंने कहा 'केंद्र की नरेंद्र मोदी सरकार और राज्य की नीतीश सरकार दोनों जनविरोधी सरकारें हैं। ये पूंजीपतियों की सरकारें हैं। जनता की समस्याओं से इन्हें कोई मतलब नहीं। अंतरराष्ट्रीय बाजारों में कच्चे तेल की कीमत लगातार कम हो रही है,बावजूद इसके देश में डीजल-पेट्रोल की कीमत लगातार बढ़ाई जा रही है। बिहार में बेरोजगारी दर 44 फीसदी हो गया है,जो राष्ट्रीय औसत 23 प्रतिशत से लगभग दुगुना है।'
23 जून को राजद के 5 विधान पार्षद सत्ताधारी दल जदयू में शामिल हो गए थे। वहीं पार्टी के राष्ट्रीय उपाध्यक्ष रघुवंश प्रसाद सिंह ने भी उसी दिन पद से इस्तीफा दे दिया था। माना जा रहा था कि इससे राजद दबाव में है और तेजस्वी यादव के नेतृत्व पर भी सवाल उठने लगे थे। उस दिन भी वे इन सब घटनाओं से इतर आरक्षण के मुद्दे को लेकर राजभवन पहुंच गए थे।
तेजस्वी यादव ने कहा कि केंद्र और राज्य सरकार लगातार जनविरोधी निर्णय कर रही है। इससे देश और राज्य के गरीब,बेरोजगार,किसान,मजदूरों के सामने भारी संकट आ गया है। इसी को लेकर वे लगातार जनता के बीच जा रहे हैं। आज भी जनता से यही सवाल पूछने जा रहे हैं कि केंद्र और राज्य सरकार की नीतियों से उन्हें क्या और कितना नुकसान हुआ है। वे अब जनता की अदालत में हैं और जनता ने बिहार के नीतीश कुमार की सरकार को उखाड़ फेंकने का संकल्प ले लिया है।