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बिहार

लव-कुश समीकरण को फिर से साधने की कोशिश में जेडीयू, पिछला चुनाव हार चुके उमेश कुशवाहा बने प्रदेश अध्यक्ष

Janjwar Desk
10 Jan 2021 3:29 PM GMT
लव-कुश समीकरण को फिर से साधने की कोशिश में जेडीयू, पिछला चुनाव हार चुके उमेश कुशवाहा बने प्रदेश अध्यक्ष
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File photo

प्रदेश अध्यक्ष के चयन में पार्टी के पुराने लव-कुश समीकरण का ख्याल रखा गया है, वे उस कुशवाहा वर्ग से आते हैं, जो कुर्मी वर्ग के साथ जेडीयू का आधार वोटबैंक माना जाता रहा है...

जनज्वार ब्यूरो, पटना। आरसीपी सिंह को नया राष्ट्रीय अध्यक्ष बनाए जाने के बाद रविवार को पार्टी का नया प्रदेश अध्यक्ष भी चुन लिया गया है। पटना में जेडीयू के दो दिवसीय प्रदेश कार्यकारिणी की बैठक में पूर्व विधायक उमेश कुशवाहा को नया अध्यक्ष बनाया गया है। उमेश कुशवाहा महनार के विधायक रहे हैं और पिछले चुनावों में हार गए थे।

प्रदेश अध्यक्ष के मनोनयन में पार्टी के पुराने लव-कुश समीकरण का ख्याल रखते हुए उन्हें प्रदेश की कमान सौंपी गई है। वे उस कुशवाहा वर्ग से आते हैं, जो कुर्मी वर्ग के साथ जेडीयू के आधार वोटबैंक माना जाता रहा है। कहा जा रहा है कि पिछले चुनावों में कुशवाहा वर्ग का पूरा समर्थन नहीं मिलने के कारण जेडीयू की सीटों में इस बार कमी आ गई। गौरतलब है कि नए राष्ट्रीय अध्यक्ष आरसीपी सिंह कुर्मी वर्ग से आते हैं।

उमेश कुशवाहा वैशाली जिले के महनार विधानसभा सीट से इस बार विधानसभा चुनावों में उतरे थे, लेकिन चुनाव हार गए थे। हालांकि वे वहां से सिटिंग एमएलए थे। इससे पहले प्रदेश अध्यक्ष पद के लिए कुशवाहा बिरादरी के ही पूर्व विधायक रामसेवक सिंह, सवर्ण वर्ग से पूर्व मंत्री संजय झा और नीरज कुमार के नाम भी चर्चा में आए थे, पर आज तमाम कयासों पर विराम लगाते हुए उमेश कुशवाहा को प्रदेश अध्यक्ष चुन लिया गया।

बिहार में जदयू की राज्य परिषद की दो दिवसीय बैठक के दूसरे और अंतिम दिन उमेश कुशवाहा जदयू के प्रदेश अध्यक्ष चुने गए। इससे पहले बैठक के दौरान वशिष्ठ नारायण सिंह ने स्वास्थ्य कारणों से इस्तीफा दिया और उमेश कुशवाहा को प्रदेश अध्यक्ष बनाने के लिए उनके नाम का प्रस्ताव रखा। इस प्रस्ताव को सर्वसम्मति से पारित किया गया।

इससे एक दिन पहले पार्टी की बैठक के पहले दिन मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने इशारों-इशारों में बीजेपी पर निशाना साधा था।उन्होंने कहा था कि चुनावों में पता ही नहीं चला कि कौन दोस्त है और कौन दुश्मन।

उन्होंने बिहार विधानसभा चुनाव में पराजित हुए जदयू नेताओं से चुनाव परिणाम भूल पूरी मजबूती से काम में लग जाने को कहा था। उन्होंने कहा था कि अपने क्षेत्र की सेवा उसी तरह कीजिए जैसे आप चुनाव जीतकर करते। सरकार पूरे पांच साल चलेगी। समाज के हर तबके के बीच जाइए और हर तबके के उत्थान के लिए काम करिए। आने वाले समय में हमलोग पहले से अधिक मजबूत होकर उभरेंगे।

नीतीश कुमार ने कहा कि हमलोग समाजवादी सोच के लोग हैं। गांधी, जेपी, लोहिया, अंबेडकर और कर्पूरी को मानने वाले लोग हैं। हमलोगों की राजनीति सेवा के लिए है, स्वार्थ के लिए नहीं। जनता की सेवा ही हमारा एकमात्र लक्ष्य है। हमें जिन्होंने वोट दिया और जिन्होंने नहीं दिया, सबके लिए एक समान काम करना है। उन्होंने सभी पराजित उम्मीदवारों से कहा कि चुनाव परिणाम को भूलकर पूरी मजबूती के साथ काम में लग जाइए।

उन्होंने कहा कि आजकल लोग सोशल मीडिया का उपयोग दुष्प्रचार के लिए करते हैं। तरह-तरह का भ्रम फैलाते हैं। आप उसका उपयोग लोगों के बीच अपनी पॉजिटिव बातों को रखने में करिए। लोगों को, खासकर नई पीढ़ी को सजग करके सही रास्ते पर चलने के लिए प्रेरित करिए।

नीतीश ने कहा कि जो कुछ पाने की लालसा से इस पार्टी में हैं, ये पार्टी उनलोगों के लिए नहीं है। जो नि:स्वार्थ भाव से काम करते हैं और दिन-रात मेहनत कर रहे हैं, उन्हें जरूर आगे बढ़ाया जायेगा।

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