फैक्ट चैक : क्या मुजफ्फरपुर बलात्कार कांड में नीतीश कुमार के खिलाफ शुरू हो गयी है CBI जांच
मुजफ्फरपुर,जनज्वार। सोशल मीडिया के प्रभुत्व वाले इस दौर में कई बार फर्जी खबरें भी तेजी से वायरल होने लगतीं हैं। बिहार में विधानसभा चुनावों की गहमागहमी के बीच मुजफ्फरपुर बालिका गृह कांड को लेकर एक फर्जी खबर तेजी से सोशल मीडिया में वायरल हो गई।
इस खबर में एक राष्ट्रीय स्तर के न्यूज़ चैनल ABP की तस्वीर लगाते हुए खबर में छेड़छाड़ की गयी है। इस खबर को ध्यान से देखेंगे तो लिप्सिंग का पता साफ-साफ चलता है। दावा किया जा रहा था कि बिहार की राजनीति में इस बड़ी खबर से भूचाल आने की उम्मीद है। दावा यह भी किया गया कि मुजफ्फरपुर बालिका गृह कांड में कोर्ट ने नीतीश कुमार के खिलाफ सीबीआई जांच के आदेश दिए हैं। हालांकि जनज्वार के फैक्ट चेक में यह खबर गलत निकली।
यह खबर अंशुमान मोहन नाम के एक फेसबुक पेज से भी शेयर की गई है। जनज्वार इस पेज या इस पेज को संचालित करने वाले व्यक्ति या संस्थान की पुष्टि नहीं करता। इस पेज पर पोस्ट किए जाने के बाद 4 घंटों में यह खबर आगे 634 बार शेयर हुई है और 1अब तक बीसियों हजार लोग इस फर्जी खबर वाली वीडियो को देख चुके हैं। ऐसे ही सोशल मीडिया के कई अन्य स्रोतों पर भी यह खूब वायरल हुआ है।
इसके अलावा भी सोशल मीडिया के विभिन्न प्लेटफार्म पर यह फर्जी खबर वायरल हुई है। इस फर्जी खबर में बताया जा रहा है कि मुजफ्फरपुर में बालिका गृह कांड में नीतीश कुमार के विरुद्ध कोर्ट द्वारा सीबीआई जांच की अनुशंसा कर दी गई है। इससे चुनाव के वक्त बिहार की राजनीति में भूचाल आने वाला है।
इसके अलावा सोशल मीडिया के कई प्लेटफार्म पर ऐसी फर्जी खबर के हवाले से कहा जा रहा है कि बालिका गृह कांड में कई बिन्दुओं पर पड़ताल बड़ी चुनौती है। वायरल फर्जी खबर में यह भी बताया जा रहा है कि देश स्तर पर चर्चित इस मामले में सीबीआई जांच शुरू ही करने वाली है। राज्य सरकार ने गुरुवार को जांच की अनुशंसा ही की है। अब मामला सीबीआई के हाथ में चला गया है। इससे पहले दस की गिरफ्तारी हो चुकी है।
जनज्वार ने अपने फैक्ट चेक में पाया कि बिहार के मुजफ्फरपुर में हुए बालिका गृह कांड की सीबीआई पहले से ही जांच कर रही है। न तो सीबीआई, न राज्य सरकार और न ही केंद्र सरकार द्वारा ऐसी कोई जानकारी दी गई है, जिसमें कहा गया हो कि नीतीश कुमार के विरुद्ध जांच का कोई आदेश हुआ है। कोर्ट से भी ऐसे किसी आदेश की बात अबतक सामने नहीं आई है। ऐसे में जाहिर है कि वायरल हुई यह खबर फर्जी है।