Birbhum Violence : बीरभूम हिंसा पर BJP की फैक्ट फाइंडिंग कमिटी ने अपनी 'Secret Report' जेपी नड्डा को सौंपी
Birbhum Violence : बीरभूम हिंसा पर भाजपा की फैक्ट फाइंडिंग कमिटी ने अपनी 'गोपनीय रिपोर्ट' जेपी नड्डा को सौंपी
Birbhum Violence : बीरभूम हिंसा (Birbhum Violence) के बाद भाजपा (BJP) की ओर से बनायी गयी पांच सदस्यीय फैक्ट फाइंडिंग कमिटी (Fact Finding Committee) ने बुधवार (30 March) को भाजपा अध्यक्ष जेपी नड्डा को सौंप दी है। आप को बता दें कि पश्चिम बंगाल के बीरभूम में एक तृणमूल कांग्रेस की नेता की हत्या की खबर के बाद आठ लोगों को जिंदा जलाकर मार दिया गया था। मृतकों में महिलाएं और बच्चे भी शामिल थे। अभी इस मामले की जांच कोलकाता हाईकोर्ट (Kolkata High Court) के निर्देश के बाद सीबीआई (CBI) कर रही है।
बीरभूम में हिंसा होने के बाद भाजपा के राष्ट्रीय अध्यक्ष जेपी नड्डा (BJP President JP Nadda) ने एक पांच सदस्यीय कमिटी बनायी थी। इस कमिटी में पश्चिम बंगाल में भाजपा के प्रदेश अध्यक्ष सुकांत मजूमदार, बंगाल के पूर्व डीजीपी और वर्तमान में राज्यसभा सांसद ब्रजलाल, लोकसभा सांसद और मुंबई पुलिस के पूर्व कमिश्नर सत्यपाल सिंह, भाजपा सांसद और पूर्व आईपीएस केसी राममूर्ति और भाजपा की प्रवक्ता और पूर्व आईपीएस भारती घोष को रखा गया था।
दिल्ली मे बुधवार को भाजपा अध्यक्ष को रिपोर्ट सौंपे जाने से पहले भाजपा के पश्चिम बंगाल के अध्यक्ष सुकांत मजूमदार ने मीडिया से बातचीत में बताया कि भाजपा की फैक्ट फाइंडिंग कमिटी बीरभूम के उस गांव में पहुंची थी जहां इस दिल दहलादेने वाली घटना को अंजाम दिया गया था। उन्होंने कहा कि बंगाल में सत्ताधारी तृणमूल कांग्रेस की ओर से टीम गांव में पहुंचने को लेकर कई व्यावधान भी खड़े किए गए पर हमारी टीम घटनास्थल पर पहुंची।
उन्होंने बताया कि कमिटी में चार आईपीएस अधिकारी शामिल थे। कमिटी ने पूरे घटनाक्रम पर काफी बारीकी से गौर करते हुए एक तथ्यपरक रिपोर्ट तैयार की है जिसे आज भाजपा के राष्ट्रीय अध्यक्ष जेपी नड्डा को सौंपा जाएगा। उन्होंने जानकारी देते हुए बताया कि हम इस गोपनीय रिपोर्ट की एक प्रति गृह मंत्री अमित शाह को भी सौंपेंगे।
हम आपको बता दें कि पश्चिम बंगाल के बीरभूम जिले के रामपुरहाट इलाके में टीएमसी नेता भादू शेख की हत्या की खबर के बाद भीड़ ने क्षेत्र में कई घरों में घुसकर मारपीट की थी और घरों को आग लगा दी थी जिसमें आठ लोगों की जलकर मौत को गयी थी। फिलहाल इस मामले की जांच कलकत्ता हाईकोर्ट के निर्देश पर सीबीआई कर रही है।
इस मामले में सीबीआई की ओर से दर्ज की गयी एफआईआर में 147,148,149 व अन्य धाराओं के तहत 21 लोगों को अरोपित बनाया गया है। उनपर हथियारों से लैस होकर दंगा फैलाने का आरोप भी लगाया गया है। पिछले हफ्ते बंगाल के डीजीपी मनोज मालवीय ने बताया था कि मामले में 11 लोगों की गिरफ्तारी की गयी थी। बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने भी बीते गुरुवार को बीरभूम के बागतोई गांव पहुंच कर मृतकों के परिजनों से मुलाकात की थी।
बीते शुक्रवार को कलकत्ता हाईकोर्ट ने मामले की जांच सीबीआई को सौंपते हुए पश्चिम बंगाल सरकार की ओर से जांच के लिए बनायी गयी एसआईटी को मामले से जुड़े दस्तावेज, सबूतों और गिरफ्तार किए गए लोगों को सीबीआई को सौंपने का निर्देश दिया था। कोर्ट ने पश्चिम बंगाल सरकार को यह भी निर्देश दिया था कि जहां यह घटना हुई है वहां कि 24 घंटे निगरानी के लिए गांव में सीसीटीवी कैमरे लगाए जाएं। कोर्ट के इस निर्देश के बाद हिंसा प्रभावित रामपुरहाट इलाके में सीसीटीवी कैमरे लगाए गए हैं।
इस घटना के बाद भाजपा के सात सांसदों के एक शिष्टमंडल ने गृहमंत्री अमित शाह से मुलाकात पर मामले में पहल कर दोषियों पर सख्त कार्रवाई करने की मांग की थी बाद केन्द्रीय गृह मंत्रालय ने भी इस घटना पर पश्चिम बंगाल सरकार से रिपोर्ट तलब की है।