नागपंचमी पर बगहा में सांप्रदायिक उन्माद की कोशिशें 2024 से पहले दंगा फैलाने की भाजपाइयों ने की थी तैयारी, फैक्ट फाइंडिंग टीम का आरोप
विशद कुमार की रिपोर्ट
कल 21 अगस्त को नाग पंचमी के अवसर पर बिहार के पश्चिमी और पूर्वी चंपारण में सांप्रदायिक उन्माद की जो घटनाएं सामने आई हैं, उससे साफ लग रहा है कि बगहा को 2024 के चुनावों से पहले सांप्रदायिक उन्माद में झोंकने की तैयारी भाजपा ने की हुयी थी।
भाकपा-माले के सिकटा विधायक वीरेन्द्र प्रसाद गुप्ता के नेतृत्व में माले व इंसाफ मंच की एक टीम ने 22 अगस्त को बगहा का दौरा किया और पूरे मामले की जांच की। उन्होंने कहा कि 21 अगस्त को बगहा में अशांति व आतंक फैलाया गया। पूर्वी चंपारण के पिपरा में भी ऐसी ही कोशिश की गई।
वीरेन्द्र प्रसाद गुप्ता कहते हैं, 2024 की चुनाव की तैयारी में यह सांप्रदायिक ध्रुवीकरण की कोशिशों की ही एक और कड़ी है। बकौल वीरेंद्र प्रसाद गुप्ता पुलिस-प्रशासन का रवैया भी बहुत ढीला-ढाला दिख रहा है, जिसके कारण उन्मादी-उत्पाती ताकतों को जगह मिल जा रही है। जुलूस तय रूट से नहीं निकला और प्रशासन की सुरक्षा व्यवस्था भी बहुत लचर थी।
भाकपा माले और इंसान मंच की टीम ने शांति और सौहार्द कायम करने की अपील करते हुए बगहा के अंसारी टोला और रतन माला की घटनाओं में पीड़ित लोगों से मुलाकात की और उनकी तकलीफों को सुना।
फैक्ट फाइंडिंग टीम के मुताबिक बगहा में भाजपा के बड़े नेताओं, नगर परिषद के अध्यक्ष व आरएसएस के लोगों द्वारा नाग पंचमी के अवसर पर बड़ा उन्माद खड़ा करने की साजिश कुछ दिन पहले से ही चल रही थी। बावजूद पुलिस प्रशासन ने सुरक्षा की उचित व्यवस्था नहीं की। कुछ पदाधिकारी भाजपा नेताओं के मन के अनुरूप काम कर रहे थे। सारा प्लान 2024 की तैयारी के अनुसार हो रहा था।
प्रशासन द्वारा तय रूट से अलग जुलूस निकाला गया। बगहा-2 के असामाजिक तत्वों और संघ के नेताओं को जुलूस को रतन माला में जाने से रोकने के लिए पर्याप्त पुलिस बल की व्यवस्था नहीं की गई थी। अंसारी टोला के सामने मस्जिद के पास मात्र दो पुलिसकर्मी थे। अफवाह फैला कर बगहा-2 के जुलूस को बगहा-1 में लाया गया, बजरंगबली की मूर्ति तोड़ने की अफवाह फैलाई गई, जबकि ऐसी कोई बात नहीं थी।
जुलूस में शामिल लोग दो से लेकर पांच बजे तक रतनमाला अंसारी टोला व अन्य जगहों पर उत्पात मचाते रहे। इस क्रम में कई दर्जन दुकानों, मकानों को क्षतिग्रस्त किया गया। फ्रीज, मोटरसाइकिल, सिलाई मशीन, बिजली मीटर, कुर्सियां आदि दर्जनों घरों के तोड़ दिए गए और कुछ दुकानों से रुपए भी उठा लिए गए। बकरी, मुर्गा अनाज लूट लिया गया। लोग अपने घरों में डर से दुबके रहे। बीसियों परिवार के घर के दरवाजे तोड़ दिए गए और क्षतिग्रस्त कर दिए गए।
मस्तान टोला के सैकड़ों परिवार गांव छोड़कर अपने रिश्तेदारों के यहां भागने के लिए विवश हुए। पुलिस कुछ नहीं कर पा रही थी। 3 घंटे के बाद उन्मादी वहां से गए, तब तक वे आतंक फैलाए रहे। वहां अभी भी आतंक माहौल है और जनजीवन सामान्य नहीं हो पाया है। मलपुरवा के पास कुछ कच्ची दुकानों को क्षतिग्रस्त किया गया है। पत्रकारों और पुलिस कर्मियों से मारपीट की गई है। दो पत्रकारों के मोबाइल को छीन लिया गया है। इस तरह की घटना की नरकटियागंज में भी साजिश की गई थी, लेकिन पुलिस प्रशासन ने नाकाम कर दिया।
भाकपा माले और इंसान मंच की टीम ने सरकार के सामने मांग रखी है कि उपर्युक्त तथ्यों के आलोक में साजिशकर्ता और अशांति फैलाने वालों पर कड़ी कार्रवाई की जाए। सभी की तत्काल गिरफ्तारी की जाए। संदिग्ध भूमिका वाले पुलिस पदाधिकारियों पर कार्रवाई हो, उनका तत्काल तबादला किया जाए।
जिनकी दुकान, मकान, मोटरसाइकिल, फ्रीज आदि क्षतिग्रस्त हुआ है और नकद के अलावा बकरी, मुर्गा लूट लिया गया; हाथ-पैर तोड़ दिए गए, उन्हें मुआवजा दिया जाए और पुलिस प्रशासन की व्यवस्था को चुस्त-दुरुस्त किया जाए ताकि सभी नागरिक शांति से रह सकें।
जांच टीम में भाकपा माले के सिकटा विधायक वीरेंद्र प्रसाद गुप्ता, राज्य कमिटी सदस्य सुनील यादव, वरीय नेता दयानंद द्विवेदी, भिखारी प्रसाद, परशुराम यादव, इंसान मंच के जिला अध्यक्ष अख्तर इमाम, जिला सचिव फरहान राजा, मुखिया संघ के जिला अध्यक्ष अफसर एमाम, वरिष्ठ समाजसेवी डाक्टर मोतिउर्रहमान, लालबाबू प्रसाद सोनी, रमजान मियां और अन्य लोग शामिल थे।