जजों की नियुक्ति पर बढ़ा विवाद, केंद्र ने SC को लौटाई 20 और फाइल
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Collegium System : केंद्र सरकार ( Central Government ) और सुप्रीम कोर्ट ( Supreme Court ) के बीच कॉलेजियम ( Collegium ) के मुद्दे पर विवाद बढ़ने के बजाय और गहरा गया है। ताजा घटनाक्रम में सुप्रीम कोर्ट के ऐतराज के बाद कानून मंत्रालय ने 20 और जजों की नियुक्ति से संबंधित फाइलों को लौटा दी है। इन फाइलों में अधिवक्ता सौरभ कृपाल की भी फाइल शामिल है जो खुद के समलैंगिक होने के बारे में पहले ही स्पष्ट कर चुके हैं। जानकारी के मुताबिक जजों की नियुक्ति के लिए ( appointment of High Court Judges ) सिफारिश किये गये नामों पर केंद्र सरकार ने कड़ी अपत्ति जताई है।
कानून मंत्रालय की ओर से लौटाई गई 20 फाइलों में 11 नये मामले हैं। जबकि शीर्ष अदालत कॉलेजियम ने नौ मामलों को दोहराया है। सुप्रीम कोर्ट के पूर्व मुख्य न्यायाधीश एनवी रमण की अध्यक्षता वाली कॉलेजियम ने अधिवक्ता सौरभ कृपाल के नाम की सिफारिश दिल्ली उच्च न्यायालय में न्यायाधीश नियुक्त करने के लिए की थी। सौरभ कृपाल देश के पूर्व प्रधान न्यायाधीश बीएन कृपाल के बेटे हैं।
बता दें कि दिल्ली उच्च न्यायालय के कॉलेजियम की ओर से उच्चतम न्यायालय के कॉलेजियम को कृपाल का नाम अक्टूबर 2017 में भेजा गया था, लेकिन बताया जा रहा है कि कृपाल के नाम पर विचार करने को शीर्ष अदालत कॉलेजियम ने तीन बार टाला। अधिवक्ता कृपाल ने हाल ही में एनडीटीवी से कहा था कि उन्हें लगता है कि उनकी उपेक्षा का कारण उनका यौन रुझान है।
केंद्र सरकार के इस रुख पर न्यायमूर्ति एनवी रमण से पहले सीजेआई रह चुके एसए बोबडे ने कथित रूप से सरकार से कहा था कि वह कृपाल के बारे में और अधिक जानकारी मुहैया कराएं। अतंत: न्यायमूर्ति रमण की अध्यक्षता वाली कॉलेजियम ने नवंबर 2021 में कृपाल के पक्ष में फैसला लिया। सुप्रीम कोर्ट (Supreme Court) ने सोमवार को कॉलेजियम की ओर से उच्चतर न्यायापालिका में न्यायाधीश नियुक्ति किये जाने के लिए सिफारिश किये गये नामों को मंजूरी देने में केंद्र सरकार की देरी को लेकर नाराजगी जताई और कहा कि इससे नियुक्ति प्रक्रिया प्रभावी रूप से हतोत्साहित होती है।
एक दिन पहले कॉलेजियम की सिफारिश के बावजूद जजों की नियुक्ति में देरी के मसले पर सुप्रीम कोर्ट ने सुनवाई के दौरान ये माना कि कॉलेजियम द्वारा प्रस्तावित न्यायाधीशों की नियुक्ति पर विचार करने में केंद्र महीनों से देरी करता रहा है। 28 नवंबर को सुप्रीम कोर्ट ने इन नियुक्तियों में होने वाली देरी के चलते केंद्र सरकार को फटकार भी लगा चुकी है।