Chhattisgarh News : 4 रुपए लीटर में गोमूत्र खरीद की योजना शुरू, सीएम भूपेश बघेल बने पहले विक्रेता
Chhattisgarh News : 4 रुपए लीटर में गोमूत्र खरीद की योजना शुरू, सीएम भूपेश बघेल बने पहले विक्रेता
Chhattisgarh News : छत्तीसगढ़ में गोबर के बाद गुरुवार से गोमूत्र (Gomutra Scheme ) खरीद की योजना शुरू हो गई है। प्रदेश के सीएम भूपेश बघेल गोमूत्र ( CM Bhupesh Baghel ) के पहले विक्रेता बने। अब छत्तीसगढ़ सरकार गोबर की तरह गोमूत्र की भी खरीद करेगी। गोमूत्र की खरीद के लिए 4 रुपए प्रति लीटर की दर तय की गई है। सीएम भूपेश बघेल ( CM Bhupesh Baghel ) ने गुरुवार को महिलाओं की एक स्वयं सहायता समूह को 5 लीटर गोमूत्र बेच कर इस योजना की शुरुआत की और 20 रुपए कमाये। पांच लीटर गोमूत्र के बदले स्वयं सहायता समूह ने सीएम को 20 रुपए का भुगतान किया।
गौठान में होगी गोमुत्र की खरीद
छत्तीसगढ़ ( Chhattisgarh ) के अलग-अलग पंचायतों में गाय.बैलों के लिए बनाए गए गौठान में गोमूत्र की खरीद की जाएगी। हालांकि अभी ये स्पष्ट नहीं हुआ है कि गोमूत्र की खरीदी के दौरान उसकी शुद्धता को परखने के लिए गौठान में क्या उपाय किए जाएंगे।
हरेली के दिन की गोधन न्याय योजना की शुरुआत
छत्तीसगढ़ सरकार ने हरेली पर्व के अवसर पर गोधन न्याय योजना के तहत गोमूत्र की खरीदी शुरू कर दी है। मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ( CM Bhupesh Baghel ) गोमूत्र खरीदी का शुभारंभ करते हुए 5 लीटर गौमूत्र बेचकर 20 रूपए हासिल किए। अब छत्तीसगढ़ के हर गांव के पशुपालक सरकार को 4 रुपए प्रति लीटर में गोमूत्र बेच सकेंगे। माना जा रहा है कि हरेली के मौके पर होने वाली इस खरीदी से प्रदेश के गौवंशपालकों को आर्थिक रूप से बड़ी मजबूती मिलेगी। अब गोबर के साथ गोमूत्र भी बेचने से उनकी आय में इजाफा होगा। जिससे पशुधन विकास के कार्य को बढ़ावा मिलेगा। दूसरी तरफ विशेषज्ञों का मानना है कि कृषि के साथ पशुपालन का कार्य करने से किसान अपनी आय को दोगुनी करने का लक्ष्य पा सकते हैं।
बता दें कि छत्तीसगढ़ में पिछले दो सालों से गोबर की भी खरीद की जा रही है। झारखंड और मध्य प्रदेश जैसे कई राज्यों ने भी छत्तीसगढ़ की तर्ज पर गोबर खरीदने की योजना बनाई है।
गोमूत्र योजना से पहले कार्यक्रमस्थल पर मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ( CM Bhupesh Baghel ) हरेली पूजास्थल बैलगाड़ी से पहुंचे। वहां पहुंचने के बाद उन्होंने परंपरागत रूप से गौमाता और कृषि उपकरणों की पूजा की। मुख्यमंत्री खुद मशीन से पैरा काटकर गायों को खिलाये। हम सभी जानते है की हरेली के मौके पर गोवंश की पूजा की जाती है। मुख्यमंत्री ने पिछले साल भी अपने निवास से बैलगाड़ी से निकल कर परंपरागत तरीके से हरेली का उत्सव मनाया था।