CM ममता बनर्जी ने गवर्नर जगदीप धनखड़ को Twitter पर किया ब्लॉक, गवर्नर पर लगाया ये बड़ा आरोप
सीएम ममता बनर्जी और राज्यपाल जगदीप धनखड़।
Mamata Banerjee Blocks Bengal Governor: पश्चिम बंगाल के राज्यपाल जगदीप धनखड़ और सीएम ममता बनर्जी के बीच तकरार और बढ़ गई है। सीएम ममता बनर्जी ने राज्यपाल का ट्विटर अकाउंट ब्लॉक करा दिया है। ममता बनर्जी ने इसका कारण भी बताया है। ममता बनर्जी ने कहा कि राज्यपाल प्रत्येक दिन ट्विटर पर ऐसी-ऐसी बातें ट्विट करते हैं, जो उन्हें परेशान करती है। असंवैधानिक बातें की जाती है। गाली-गलौज की जाती है। वह सुपर पहरेदार की तरह व्यवहार करते हैं।
मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने कहा कि मुझे ट्विटर पर राज्यपाल जगदीप धनखड़ को ब्लॉक करने के लिए मजबूर किया गया है। हर दिन वह सरकारी अधिकारियों को निशाना बनाने और धमकी देने वाले ट्वीट कर रहे थे जैसे कि हम उनके बंधुआ मजदूर हैं। ममता बनर्जी ने कहा कि राज्यपाल मुख्य सचिव, पुलिस महानिदेशक को धमका रहे हैं। ममता बनर्जी ने कहा कि उन्होंने पीएम नरेंद्र मोदी से कई बार राज्यपाल के खिलाफ कार्रवाई की मांग की थी, लेकिन कोई कदम नहीं उठाये गये। अंततः उन्हें यह फैसला लेना पड़ा।
"I have been forced to block Governor Jagdeep Dhankhar on Twitter. Everyday he was issuing tweets targeting and threatening govt officials as if we're his bonded labourers," says West Bengal Chief Minister Mamata Banerjee
— ANI (@ANI) January 31, 2022
(File pic) pic.twitter.com/gwTTY2nBzc
उन्होंने कहा कि पीएम नरेंद्र मोदी को चार बार चिट्ठी दी है, लेकिन कोई कदम नहीं उठाया गया। डेढ़ साल से प्रत्येक कार्य में उनको अटकाते हैं। बहुत हो गया है। अब विधानसभा और संसद इस बारे में फैसला लेगा। पेगासस राजभवन से चल रहा है। एक राष्ट्रीय स्तर पर पेगासस चल रहा है। दूसरा राजभवन से पेगासस चल रहा है। अधिकारियों पर अविश्वास किया जा रहा है।
राज्यपाल ने उनके ट्विटर अकाउंट को ब्लॉक करने का जवाब दिया है। राज्यपाल ने ट्वीट किया, संविधान के अनुच्छेद 159 के तहत यह सुनिश्चित करने के लिए अनिवार्य है कि राज्य में कोई भी संवैधानिक मानदंड और कानून के नियमों को "ब्लॉक" नहीं किया जा सकता है, जो "भारत के संविधान के प्रति सच्ची आस्था और निष्ठा रखते हैं।
गौरतलब है राज्यपाल जगदीप धनखड़ और ममता बनर्जी की सरकार के बीच कई बार घमासान हो चुका है। राज्यपाल ने कई बार राज्य की कानून व्यवस्था से लेकर नौकरशाहों के रवैये को लेकर सवाल उठाते रहे हैं। हाल में विधानसभा परिसर के दौरान उन्होंने विधानसभा अध्यक्ष की भी खुलकर आलोचना की थी। धनखड़ ने कहा था कि किसी भी प्रकार का 'अपमान' उन्हें अपने कर्तव्य पालन से विमुख नहीं कर सकता। उन्होंने कहा कि हिंसा एवं लोकतंत्र एक साथ नहीं चल सकते। उन्होंने सभी से अपील की कि वे शांति और अहिंसा के दूत बनें, जो राष्ट्रपिता को सच्ची श्रद्धांजलि होगी।