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राष्ट्रीय

Bharat Jodo Yatra: 117 योद्धाओं के साथ राहुल गांधी आज कन्याकुमारी से करेंगे शुरुआत, माहौल देख लग रहा 100 साल पुरानी कांग्रेस फिर एक बार हो रही है जिंदा

Janjwar Desk
7 Sept 2022 11:56 AM IST
Bharat Jodo Yatra: 117 योद्धाओं के साथ राहुल गांधी आज कन्याकुमारी से करेंगे शुरुआत, माहौल देख लग रहा 100 साल पुरानी कांग्रेस फिर एक बार हो रही है जिंदा
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Congress Bharat Jodo Yatra Live Updates: राहुल गांधी की "भारत जोड़ो यात्रा" (Bharat Jodo Yatra Live Update) के लिए देशभर से जो 117 लोग चुने गए हैं उन्हें देख समझकर रोमांच सा होता है।

कन्याकुमारी से दीपक असीम की रिपोर्ट

Congress Bharat Jodo Yatra Live Updates: राहुल गांधी की "भारत जोड़ो यात्रा" (Bharat Jodo Yatra Live Update) के लिए देशभर से जो 117 लोग चुने गए हैं उन्हें देख समझकर रोमांच सा होता है। ऐसा लगता है किसी फिल्म का क्लाइमेक्स आने वाला है। हीरो ने ऐसे साथी चुन लिए हैं जो सबके सब जांबाज हैं साथ ही लड़ाके भी हैं। सब में कुछ ना कुछ हुनर ऐसा है जो अंत की लड़ाई में खलनायक के गिरोह को हैरान परेशान कर देगा। इस सब को फिल्मी ढंग से सोचने के कई कारण हैं। कन्याकुमारी का चयन अपने आप में एक प्रतीक है। कन्याकुमारी के बाद कोई शहर नहीं। इसका मतलब हुआ अब और पीछे नहीं हटा जा सकता। अब तो लड़ना होगा और आगे बढ़ना होगा।

राहुल गांधी के साथ कन्याकुमारी से कश्मीर तक साथ रहने के लिए जिन 117 लोगों को चुना गया है उनमें से 34 महिलाएं हैं और महिलाएं भी अनोखी हैं। जैसे हरियाणा की प्रिया ग्रेवाल। उनके हाथ पर टैटू बना है जिस पर लिखा है मेरा लीडर राहुल गांधी। राहुल गांधी के प्रति प्रेम और विश्वास यहां आई महिलाओं में अटूट है। प्रिया ग्रेवाल भारी बदन की अधेड़ हैं। मगर उनमें जोश युवा लड़कियों जैसा है। पति से मुक्त हैं। दो बच्चे हैं जो हाई स्कूल पढ़ रहे हैं। इस "भारत जोड़ो यात्रा" (Bharat Jodo Yatra Live Update) के लिए वे साढ़े पांच महीने घर से बाहर रहने वाली हैं। उनके साथ नागपुर की पिंकी सिंह भी हैं। वह भी दो बच्चों को घर छोड़ कर आई हैं। यह दोनों आपस में सहेलियां हैं और सहेली होने का कारण है कांग्रेस के अनेक आंदोलनों में साथ में भाग लेना। यह दोनों ही किसान आंदोलन में शुरू से आखिर तक डटी रही थी। प्रिया ग्रेवाल किसान कांग्रेस से हैं। दोनों को पैदल चलने में शुरुआती दिक्कतें आएंगी मगर दोनों बेफिक्र है।


यहां जो 117 लोग आए हैं उनमें से किसी को भी आने जाने का कोई किराया कांग्रेस ने नहीं दिया है। प्रिया ग्रेवाल की तो फ्लाइट 14000 की थी। टैक्सी से कन्याकुमारी तक आने में उनके 4000 और खर्च हुए। उज्जैन की नूरी खान भी इन दोनों की दोस्त हैं। दोस्ती का आधार वहीं कांग्रेस और वही आंदोलन। नूरी खान रात डेढ़ बजे यहां पहुंच पाईं। उनकी पहली फ्लाइट मिस हो गई थी। इसी तरह उत्तर प्रदेश अंबेडकर नगर से जितेंद्र पटेल आए हैं। यह भी फ्लाइट से अपना पैसा खर्च करके आए हैं। उन्होंने बताया कि सबसे ज्यादा उत्तर प्रदेश के ही लोग इस यात्रा में हैं।

खुद जितेंद्र पटेल इलाहाबाद से बलिया तक 600 किलोमीटर की पदयात्रा 24 दिनों में कर चुके हैं । कांग्रेस ओबीसी विंग के प्रदेश संगठन सचिव हैं। प्रियंका गांधी को जब उत्तर प्रदेश का प्रभार दिया गया तो उन्होंने आंदोलनकारी युवाओं को मौका दिया। उत्तर प्रदेश अल्पसंख्यक विभाग के अध्यक्ष शाहनवाज आलम भी यात्रा में शरीक हैं। बनारस से डॉक्टर राहुल राजभर है। उत्तर प्रदेश महिला कांग्रेस अध्यक्ष शहला अहरावी भी है। फिशरमैन कांग्रेस के देवेंद्र निषाद हैं। जितेंद्र पटेल ने बताया की न सिर्फ आंदोलनकारियों को चुना गया है बल्कि सभी जात सभी वर्ग के प्रतिनिधियों को पदयात्रा में साथ लेने की कोशिश की गई है। यह नेता भले ही जात बिरादरी की पहचान से चुने गए हैं, सभी का मिजाज आंदोलनकारी का है और यह सभी छात्र राजनीति में सक्रिय रहे हैं।


कन्याकुमारी का होटल सी सन रेजिडेंसी कहने के लिए थ्री स्टार होटल है मगर इसे सिर्फ इसलिए चुना गया है कि इसमें बहुत सारे कमरे हैं। इतना पैसा खर्च करके, इतनी तकलीफ उठा कर के जो आंदोलनकारी यहां आ रहे हैं उन्हें इस होटल से कोई शिकायत नहीं है। प्रिया ग्रेवाल का मानना है कि यह एक ऐतिहासिक पल है और मैं इतिहास का हिस्सा होने जा रही हूं। इन महिलाओं को नहीं पता की इनके पास कोई वैनिटी वैन होगी या नहीं। इन्हें कोई परवाह ही नहीं। बस कोई वाहन ऐसा हो जिसमें इनका बैग रखा हो और इतना तो होगा ही इसका इन्हें विश्वास है। दिग्विजय सिंह समेत कांग्रेस के बड़े नेता आसपास के रिजॉर्ट में हैं जो निश्चित ही आरामदेह हैं। 117 लड़ाकों को इस बात की भी जलन नहीं है कि बड़े नेता अच्छी जगह पर ठहरे हैं।

यह कांग्रेसी उन कांग्रेसियों से बिल्कुल अलग हैं, जिन्हें हम शहर में अपने आसपास देखते हैं। इन्हें ना सुविधा चाहिए ना अच्छा खाना। ऐसा लगता है 100 साल पुरानी कांग्रेस यहां एक बार फिर जिंदा हो रही है। एक और बात यह की यह सब कांग्रेसी वैचारिक तौर पर भी काफी परिपक्व है। ऐसा नहीं कि केवल लड़ाकू और किसी भी बात पर भिड़ जाने वाले लोगों का जमावड़ा है। आप इनसे किसी भी विषय पर बात कीजिए। इन्हें इतिहास पता है। इन्हें संविधान पता है। इन्हें यह पता है कि कांग्रेस सभी तरह की राजनीतिक विचारधाराओं का एक मेल है। जितेंद्र पटेल ने रात को कहा कि जब हम अंग्रेजों से लड़ रहे थे तब भी सांप्रदायिक लफंगे हमारे विरोध में थे और आज जब हम भारत जोड़ो पदयात्रा कर रहे हैं तब भी यह लोग हमारे खिलाफ खड़े हैं। मध्य प्रदेश युवक कांग्रेस संयोजक हितेश एस वर्मा ने बताया कि मध्य प्रदेश से भी कुछ लोग आज रात आने वाले हैं। यह भी छात्र राजनीति से उभरे हुए नेता हैं और पूरे समय साथ रहने वाले हैं।

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