बिहार में कोरोना मृतक पति के अंतिम संस्कार के लिए मांगी मोहलत, नहीं मिली तो निकल भागी क्वारन्टीन पत्नी
क्वारंटीन पत्नी को जब कोरोना से मृत पति की खबर मिली तो अफसरों से जाने की मोहत मांगी.नहीं मिली तो भाग निकली पत्नी
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जनज्वार, पटना। देश मे कोरोना महामारी के बीच अपनों की मौत होने पर नाते-रिश्तेदारों के मुंह मोड़ लेने की घटनाएं लगातार सामने आ रही हैं। कुछ यही मामला मुंगेर जिले से सामने आया है। यहां एक महिला अपने पति का अंतिम संस्कार करने के लिए क्वारंटीन सेंटर से भाग गई। सूचना के मुताबिक लगभग एक हफ्ते पहले उनके पति की मौत हो गई थी।
जिले के रामनगर पाटन गांव के रहने वाले 28 साल के विकास मंडर कोरोना पॉजिटिव हो गए थे। 13 मई को तबीयत बिगड़ने पर उनकी पत्नी कंचन देवी ने उन्हें बेगूसराय सदर अस्पताल में भर्ती कराया। यहां इलाज के दौरान उनकी मौत हो गई। अस्पताल में अकेली पत्नी कंचन देवी ने ससुरालवालों से अंतिम संस्कार के लिए मदद मांगी लेकिन उन्होंने मना कर दिया।
इसके बाद कंचन ने अपने परिवारवालों से संपर्क किया और मदद की गुहार लगाई। उन्होंने भी इनकार दिया। कंचन की मां बेटी की मदद के लिए आगे आईं और अस्पताल पहुंचीं। मां-बेटी ने मुंगेर जाने का फैसला किया। उन्होंने एक बार फिर पति के परिवारवालों से अनुरोध किया लेकिन इस बार भी उनके हाथ निराशा लगी।
थक-हारकर कंचन और उनकी मां ने पड़ोसियों से मदद मांगी लेकिन यहां भी कोई आगे नहीं आया। इसके बाद उन्होंने समस्तीपुर स्थित पैतृक गांव जाने का फैसला किया। परिवार के पुरुष सदस्यों ने दोनों की मदद करने के बजाय जिला प्रशासन से इसकी शिकायत कर दी। समस्तीपुर के स्वास्थ्य विभाग के अधिकारियों ने दोनों की समस्या का समाधान करने के बजाय उन्हें क्वारंटीन सेंटर में भेज दिया।
कंचन और उनकी मां ने क्वारंटीन सेंटर के अधिकारियों से उन्हें रिहा करने का अनुरोध किया लेकिन वहां बात बनी नहीं। आखिरकार पति की मौत के 6 दिन बाद कंचन क्वारंटीन सेंटर से भाग खड़ी हुई और 18 मई को पति के पास बेगूसराय पहुंची।
बेगूसराय के एसडीओ सदर ने बताया है कि 'पीड़िता ने सदर अस्पताल के स्वास्थ्य अधिकारियों से अपने पति के शव को सौंपने का अनुरोध किया था। हमने तुरंत आगे आकर शव को अंतिम संस्कार के लिए सौंप दिया। एसडीओ ने बताया कि एंबुलेंस की व्यवस्था करके शव को सिमरिया घाट स्थित श्मशान घाट भेजा। यहां पत्नी ने अपने पति का अंतिम संस्कार किया।'