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Cyrus Mistry Death: साइरस मिस्त्री की एक मौत से देश में बन गया नया परिवहन का कानून, अन्यथा रोज सड़क दुर्घटना में मरते हैं 426

Janjwar Desk
7 Sept 2022 8:11 PM IST
Cyrus Mistry Death: साइरस मिस्त्री की एक मौत से देश में बन गया नया परिवहन का  कानून, अन्यथा रोज सड़क दुर्घटना में मरते हैं 426
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Cyrus Mistry Death: साइरस मिस्त्री की एक मौत से देश में बन गया नया परिवहन का कानून, अन्यथा रोज सड़क दुर्घटना में मरते हैं 426

Cyrus Mistry Death: केंद्र सरकार द्वारा शीट बेल्ट अलर्ट जारी करने के बाद लोगो के बीच हलचल मच गई है। लोगो ने भारत के संविधान पर सवाल खड़ा कर दिया है।हाल ही में टाटा संस के पूर्व चैयरमैन सायरस मिस्त्री की सड़क दुर्घटना में मौत हो गई थी।

Cyrus Mistry Death: केंद्र सरकार द्वारा शीट बेल्ट अलर्ट जारी करने के बाद लोगो के बीच हलचल मच गई है। लोगो ने भारत के संविधान पर सवाल खड़ा कर दिया है।हाल ही में टाटा संस के पूर्व चैयरमैन सायरस मिस्त्री की सड़क दुर्घटना में मौत हो गई थी। मौत की वजह शीट बेल्ट नहीं पहनने को बताया गया जिसके बाद से केंद्र सरकार शीट बेल्ट को लगाने की अनिवार्यता को लेकर सक्रिय हो गई है। ट्रांसपोर्ट एंड हाईवेज मिनिस्टर नितिन गडकरी ने एक कार्यक्रम में कहा कि सायरस मिस्त्री के एक्सीडेंट के बाद सरकार ने पीछे बैठे यात्रियों के लिए शीट बेल्ट अलर्ट शुरू करने का फैसला लिया है जिसे जल्द ही लागू कर दिया जायेगा। यह सुनते ही देश वासी अचंभित हो गए। उनके दिमाग में अनेकों तरह के प्रश्न उठने लगे है। लोगो का कहना है की जब भारत के संविधान में हम सभी भारतीयों को एक जैसा दर्जा दिया गया हैं तो केवल सायरस मिस्त्री के मरने के बाद सरकार शीट बेल्ट अलर्ट क्यों जारी कर रही हैं। क्या हमारी कोई पहचान नहीं हैं?क्या हम इस देश के वासी नही है?बता दे कि इस देश में हर दिन 400 से अधिक लोगो की मौत सड़क दुर्घटना में होती हैं लेकिन एक व्यक्ति के मौत हो जाने से केंद्र सरकार क्यों सक्रिय हो गई है?

हाई स्पीड को बताया हादसे की वजह

नेशनल क्राइम रेकॉर्ड्स ब्यूरो (National Crime Records Bureau) के आंकड़ों के मुताबिक पिछले साल देश में सड़क दुर्घटनाओं में 1.55 लाख से अधिक लोग मारे गए जिसमे रोजाना 426 यानी हर घंटे 18 लोग सड़क दुर्घटनाओं में मारे गए। देश में सबसे ज्यादा सड़क हादसे नेशनल हाइवेज पर होते हैं। सड़कों की बदहाली के अलावा लापरवाही से गाड़ी चलाना भी दुर्घटना का मुख्य कारण है। देश में सड़क दुर्घटनाओं की सबसे बड़ी वजह ओवर स्पीडिंग गाड़ी चलाना है। 2021 में 59.7 फीसदी दुर्घटनाएं ओवर-स्पीडिंग के कारण हुई। इनमें 87,050 लोगों की मौत हुई और 2.28 लाख लोग घायल हुए। पिछले साल देश में 4.03 लाख सड़क दुर्घटनाओं में 3.71 लाख लोग घायल हुए थे। क्राइम रिकॉर्ड्स ब्यूरो के अकड़ो के मुताबिक भारत में हर दिन लगभग 426 लोग सड़क दुर्घटना में मारे जाते है। वही वर्ल्ड बैंक (World Bank) के आंकड़ों के मुताबिक दुनिया में सड़क हादसों में सबसे ज्यादा लोग भारत में मारे जाते हैं। कोरोना महामारी से पहले देश में हर चार मिनट में एक भयानक सड़क हादसा होता था। भारत में दुनिया की सिर्फ एक फीसदी गाड़ियां हैं लेकिन सड़क हादसों में दुनिया में होने वाली कुल मौतों में 11 फीसदी भारत में होती हैं। दुनिया का दूसरा सबसे बड़ा रोड नेटवर्क भारत का है जो 58.9 लाख किमी लंबा है। लेकिन खराब रोड होने के कारण अधिक से अधिक दुर्घटनाएं होती हैं।‌जिसके कारण सरकार का कहना है की अगर पीछे बैठे यात्रियों ने अगर शीट बेल्ट नहीं पहनी तो अलर्ट की आवाज आ जायेगी वही लोगो की सुरक्षा के लिए सरकार द्वारा हर एक कार में एयर बैग भी दिया जायेगा।

मोटर वाहन अधिनियम के नियम 138(तीन) के तहत कानूनी तौर पर पिछली सीट पर बैठने वाले यात्रियों के लिए सीट बेल्ट न पहनने पर 1,000 रुपये का जुर्माना लगाने का प्रावधान किया गया है ताकि एक बार फिर से देश में साइरस मिस्त्री जैसा कार दुर्घटना दुबारा नहीं हो। सायरस मिस्त्री की एक गलती आज उनके जीवन पर भारी पड़ गया जिसकी वजह से मशहूर उद्योगपति मिस्त्री आज हमारे बीच नहीं रहे। कार में सायरस मिस्त्री पिछली सीट पर बैठे थे और उन्होंने सीट बेल्ट नहीं पहनी थी, जिसकी वजह से उनकी मौत हो गई। विशेषज्ञों ने बताया पिछली सीट पर बैठे लोगों के लिए बेल्ट नहीं लगाना कितना खतरनाक हो सकता है।

1993 से ही शीट बेल्ट लगाना अनिवार्य कर दिया गया

ड्राइवर और अगली सीट पर बैठे यात्री के लिए सीट बेल्ट लगाना 1993 में ही अनिवार्य कर दिया गया था किंतु भारत की जनता द्वारा इसे हल्के में लेने की वजह से देश में दिन प्रतिदिन सड़क हादसे बढ़ते जा रहे है। बाद में सरकार ने अक्टूबर 2002 को पिछली सीट पर बैठे यात्रियों के लिए भी सीट बेल्ट लगाना अनिवार्य कर दिया था, लेकिन इसका भी सही से पालन नहीं होता है। अंततः 2019 में सरकार ने सीट बेल्ट नहीं लगाने पर जुर्माना बढ़ाकर 1000 रुपये कर दिया था, लेकिन इससे भी स्थिति नहीं सुधरी। जिसके कारण सरकार ने सीट बेल्ट लगाना अनिवार्य कर दिया है, जिससे सड़क हादसे की संख्या में कमी आ सके।

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