ब्राह्मण लड़की से शादी की सजा मौत, सीएम सिटी गोरखपुर में हुई जघन्य वारदात
(प्रत्यक्षदर्शियों के मुताबिक हमलावरों ने धारदार हथियार से अनीश के सिर और गर्दन पर ताबड़तोड़ वार किए और भाग निकले।)
जनज्वार ब्यूरो। आधुनिकता की भले ही तमाम दुहाई दे ले, जातिवाद व धर्म की दीवारों को तोड़ कर इंसानियत के रिश्तों की भले ही लाख बात कर लें, पर जमीनी तस्वीर अभी बहुत कुछ नहीं बदली है। सामाजिक समरसता की बात करने वाले उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के जिले गोरखपुर की एक घटना ने दकियानूस समाज की एक बार फिर कलई खोल दी है। सामाजिक ताना बाना को तोड़ कर ब्राहमण लड़की से साथ शादी रचाने की सजा दलित युवक को मौत के रूप में मिली है।
बाइक सवार नकाबपोश चार बदमाशों द्वारा दिनदहाड़े धारदार हथियार से गोंद कर हत्या कर दी जाती है। कानून का राज स्थापित होने की योगी सरकार इससे बड़ी और क्या दुहाई दे सकती है। इसके बाद हर घटनाओं की तरह एक बार फिर शव का पंचनामा,पोस्टमार्टम व आरोपियों के खिलाफ मुकदमे की कार्रवाई के साथ घटना को ठंडे वास्ते में डालने की कोशिश शुरू हो जाती है। ऐसे में सवाल उठता है कि क्या धर्म के ठेकेदार ऐसे प्रकरण में इंसाफ दिलाएंगे?
गोरखपुर जिले के गोला थाना क्षेत्र के गोपालपुर चौराहे पर शनिवार की घटना को गुजरे चौबीस घंटे से अधिक का वक्त गुजर चुका है, पर भीड़ भरे बाजार में हुई यह घटना अभी भी लोगों जेहन में ताजा है। घटना के वक्त दो बाइक से आए चार बदमाशों ने दिनदहाड़े उरुवा ब्लॉक पर तैनात सेक्रेटरी अनीश चौधरी (34) की हत्या कर दी। इस दौरान बचाव करने आए पट्टीदारी के चाचा देवीदयाल (45) पर भी बदमाशों ने हमला कर घायल कर दिया। उपचार के लिए उन्हें जिला अस्पताल लाया गया जहां से मेडिकल कॉलेज रेफर कर दिया गया।
बड़े भाई व पूर्व प्रधान अनिल ने पुलिस को बताया कि अनीश ने तीन महीने पहले ही गोला ब्लॉक पर तैनात सेक्रेटरी दीप्ति मिश्रा से प्रेम विवाह किया था। इससे दीप्ति के परिजन खुश नहीं थे। उन्होंने बताया कि अनीश पर पहले भी हमला हुआ था। आरोप लगाया कि दीप्ति के परिवार वालों ने ही अनीश की हत्या कराई है। उधर, पुलिस ने लड़की के मायके गगहा के देवकली से दो महिला और दो युवती को हिरासत में ले लिया है।
गोला थाना क्षेत्र के उनौली गांव निवासी पूर्व ग्राम प्रधान अनिल के भाई व उरुवा ब्लॉक के सेक्रेटरी अनीश चौधरी उर्फ पिंटू अपने चाचा देवीदयाल के साथ शनिवार की दोपहर में कार से गोपलापुर चौराहे पर स्थित एक दुकान पर हिसाब करने गए थे। इसी दौरान उनके मोबाइल पर कोई फोन आया और बात करते हुए दुकान के बाहर सड़क पर आ गए।
इस बीच उरुवा की तरफ से दो बाइक पर सवार चार बदमाश आए और अनीश पर धारदार हथियार से हमला कर दिया। हमला होता देख चाचा बीच बचाव को आए तो उन पर हमला कर दिया गया। बाइक चला रहे दोनों हमलावर हेलमेट लगाए थे, पीछे बैठे बदमाशों ने चेहरा बांध रखा था। उन्होंने अपने हाथ में धारदार हथियार (दाव) लिया था।
प्रत्यक्षदर्शियों के मुताबिक, हमलावरों ने धारदार हथियार से अनीश के सिर और गर्दन पर ताबड़तोड़ वार किए और भाग निकले। चौराहे पर दिनदहाड़े हुई घटना से हर कोई दहशत में आ गया और अनीश को बचाने की हिम्मत नहीं जुटा पाया। घायल अनीश सड़क पर गिरकर तड़प रहे थे। सूचना पर आई पुलिस दोनों को लेकर अस्पताल पहुंची जहां से डॉक्टरों ने जिला अस्पताल रेफर कर दिया।
जिला अस्पताल में अनीश को डॉक्टरों ने मृत घोषित कर दिया और चाचा को मेडिकल कॉलेज रेफर कर दिया गया। यहां उनका उपचार चल रहा है। भाई व पूर्व ग्राम प्रधान अनिल ने बताया कि अनीश ने प्रेम विवाह किया था। इससे लड़की पक्ष के लोग नाराज थे। आरोप लगाया कि उन्हीं लोगों ने हमला किया है।
मौके पर जांच कर रहे कोतवाल सुबोध कुमार ने बताया कि घटनास्थल के आसपास के सभी सीसीटीवी फुटेज की जांच की जा रही है। हत्या में इस्तेमाल एक धारदार हथियार मौके से व दूसरा पास की झाड़ी से बरामद हुआ है। जल्द ही घटना में शामिल लोगों को गिरफ्तार कर लिया जाएगा।
घटना की सूचना मिलते ही एसपी साउथ अरुण कुमार सिंह फोर्स के साथ मौके पर पहुंच गए थे। वहीं सीडीओ इंद्रजीत सिंह व एसएसपी दिनेश कुमार प्रभु ने भी जिला अस्पताल पहुंचकर मामले की जानकारी ली। अफसरों ने पीड़ित परिजनों से बात की और कड़ी कार्रवाई का भरोसा दिलाया है। जिला पंचायती राज अधिकारी हिमांशु शेखर ठाकुर ने भी पीड़ित परिजनों से बात की है। घटना की जानकारी होने के बाद अनीश की पत्नी दीप्ति बेसुध हो गईं थीं।
एसएसपी दिनेश कुमार प्रभु ने कहा कि धारदार हथियार के हमले से अनीश की मौत हुई है। पुलिस ने तहरीर के आधार पर केस दर्ज कर लिया है। आरोपितों की तलाश में पुलिस दबिश दे रही है।
अनीश की अपील के बाद भी पुलिस नहीं दिला सकी सुरक्षा
अनीश व दीप्ति पिछले 1 वर्ष से साथ-साथ रह रहे थे। कोर्ट मैरिज के बाद सामाजिक मान्यता के लिए शादी भी रचा ली। लेकिन दीप्ति के घरवालों को यह शादी मंजूर नहीं थी। कहा जाता है कि दीप्ति के घरवाले इसको लेकर कई बार अंजाम भुगतने की चेतावनी दे चुके थे। उधर सुरक्षा की गुहार लगाते हुए अनीश व दीप्ति कई बार एक साथ वीडियो जारी कर एसएसपी समेत अन्य पुलिस अफसरो से स्वेच्छा से एक साथ रहने व इसमें किसी के जोर जबरदस्ती न करने की बात की थी। पेशे से दोनों ग्राम विकास अधिकारी के बार बार सुरक्षा की गुहार लगाने के बाद भी गोरखपुर पुलिस उनकी रक्षा नहीं कर सकी।
अब दूसरा सवाल यह उठता है कि हमारी सरकारें अंतरजातीय विवाह करने के लिए प्रोत्साहित करने की बात करती है, तो फिर इसके साथ खड़ा रहने के बजाए मुंह क्यों मोड़ ली? अनीश व दीप्ति एक दूसरे के करीब आए व साथ में जीवन निभाने की कस्मे खाई। लेकिन धर्म के ठेकेदारों को कथित तौर पर ऊंची व नीची जाती का मेल देखा नहीं गया। सवाल यह उठता है कि राजनीति करने वाले सोशल इंजीनियरिंग की बात करते हैं, लेकिन ऐसे वक्त पर क्यों खामोश हो जाते हैं। क्या इनका सोशल इंजीनियरिंग मात्र चुनाव में चंद वोटों के लिए ही होता है? इन सवालों को जब तक हल नहीं किया जाएगा तब तक ऐसी वारदात" प्रतिष्ठा पर आंच " ( ऑनर किलिंग ) के नाम पर होती रहेगी।