CBSE 12 वीं बोर्ड की परीक्षाओं को लेकर 1 जून तक हो सकता है फ़ैसला, सुप्रीम कोर्ट में भी याचिका दाख़िल
जनज्वार ब्यूरो, नई दिल्ली। कोरोना महामारी के कारण उत्पन्न हालात में परीक्षाओं का आयोजन किया जाना संभव नहीं है। वर्तमान स्थिति को देखते हुए सीबीएससी ने 10वीं की बोर्ड की परीक्षाओं को रद्द कर दिया था। वही 12 वीं की परीक्षाओं को स्थगित कर दिया था। दसवीं के छात्रों को आंतरिक मूल्यांकन के आधार पर पास करने का निर्णय लिया गया। कक्षा 12वीं के छात्रों की परीक्षा को लेकर सरकार अभी कोई निर्णय नहीं ले सकी है। 1 जून तक सरकार इस पर कोई फैसला लेगी। 12वीं की परीक्षा को लेकर शिक्षा मंत्रालय विशेषज्ञों के साथ बातचीत कर रहा है तथा संपूर्ण स्थिति की समीक्षा कर रहा है।
परीक्षाओं को लेकर शिक्षा मंत्रालय के एक वरिष्ठ अधिकारी ने एक अंग्रेजी अखबार से बातचीत में कहा कि 12वीं कक्षा की परीक्षा के रद्द होने की संभावना है। उनका कहना है कि कोरोना की वजह से पैदा हुई वर्तमान स्थिति को देखते हुए परीक्षा को पूरी तरह से रद्द करने की संभावना है। ऐसे में स्थिति की पर्याप्त समीक्षा के बाद 12 वीं कक्षा के छात्रों के लिए वैकल्पिक मूल्यांकन की योजना तैयार की जा सकती है।
कल 17 मई को केंद्रीय शिक्षा मंत्री रमेश पोखरियाल निशंक सभी राज्यों के शिक्षा सचिवों के साथ एक महत्वपूर्ण बैठक कर रहे हैं।संभव है कि इस बैठक के बाद परीक्षाओं को लेकर कोई निर्णय लिया लिया जायेगा। राज्यों से मिले फीडबैक के आधार पर ही शिक्षा मंत्रालय अपने फैसले से सीबीएसई को अवगत करायेगा।
परीक्षाओं को लेकर अभी तक स्थिति स्पष्ट नहीं हुई है। कुछ विशेषज्ञ परीक्षाओं को रद्द करने के पक्ष में है तो कुछ विशेषज्ञ ऑनलाइन परीक्षा का विकल्प भी सुझा रहे हैं। शिक्षा क्षेत्र से जुड़े विशेषज्ञों का कहना है कि हम निश्चित काल तक हालात सामान्य होने का इंतजार नहीं कर सकते, जुलाई तक संभव ना हो तो परीक्षा रद्द करनी चाहियें।
12वीं के छात्र और उनके अभिभावक भी लगातार परीक्षाओं को रद्द करने की मांग कर रहे हैं। 12 वीं की परीक्षाओं को रद्द करने की मांग को लेकर ममता शर्मा नामक अधिवक्ता ने सुप्रीम कोर्ट में एक याचिका दायर की है। उन्होंने 12वीं बोर्ड की परीक्षा रद्द करने की मांग की है। अधिवक्ता ममता शर्मा ने इस याचिका में परीक्षा को रद्द कर सीधे परिणाम की घोषणा करने की मांग की है। याचिका में 'ऑब्जेक्टिव मैथोडोलॉजी' के आधार पर परीक्षा के परिणामों को घोषित करने की मांग की गई है। ताकि छात्र समय रहते विश्वविद्यालयों में उच्च शिक्षा के लिए प्रवेश पा सकें।