सलमान खुर्शीद की किताब पर रोक लगाने से दिल्ली हाई कोर्ट का इनकार, हाई कोर्ट बोला- जिनकी भावनाएं आहत होती हैं वे कुछ और पढ़ें
नई दिल्ली। सलमान खुर्शीद की नई किताब पर रोक लगाने की याचिका दिल्ली हाई कोर्ट में खारिज हो गई है। गुरुवार को दिल्ली हाई कोर्ट ने सुनवाई के दौरान कांग्रेस नेता की किताब पर रोक लगाने से इनकार कर दिया। हाई कोर्ट ने याचिका खारिज करते हुए कहा कि जिन लोगों की भावनाएं आहत हो रही हैं तो वे कुछ और भी पढ़ सकते हैं। किसी ने उनसे पढ़ने के लिए नहीं कहा।
दिल्ली हाई कोर्ट में कांग्रेस नेता की किताब पर रोक लगाने की मांग विनीत जिंदल नामक अधिवक्ता ने की थी। दिल्ली हाई कोर्ट ने विनीत जिंदल की याचिका पर सुनवाई करते हुए याचिकाकर्ता को फटकार लगाते हुए कहा कि आप लोगों से किताब न पढ़ने और न खरीदने की अपील क्यों नहीं करते?
कोर्ट ने याचिकाकर्ता को खरी खोटी सुनाते हुए कहा कि आप लोगों से किताब न खरीदने की अपील भी कर सकते हैं। लोगों से कहिए कि किताब अच्छी नहीं है इसलिए वे किताब को न पढ़ें। अगर भवानाएं ही आहत हो रही हैं तो लोग कुछ बेहतर भी पढ़ सकते हैं।
याचिकाकर्ता ने कोर्ट से कहा कि किसी व्यक्ति को दूसरों की भावनाएं आहत करने का कोई अधिकार नहीं है। संविधान इसकी अनुमति किसी को नहीं देता। इस पर दिल्ली हाई कोर्ट ने कहा कि मसला केवल किताब के एक हिस्से का है पूरी किताब का नहीं। हाई कोर्ट ने कहा कि अगर आप प्रकाशक के लाइसेंस को रद्द करने की मांग करना चाहते तब यह दूसरा मामला है। हमारे सामने पूरी किताब नहीं रखी गई है, यह सिर्फ किताब का महज़ एक हिस्सा भर है।
इससे पहले पटियाला हाउस कोर्ट में भी हिंदू सेना ने सलमान खुर्शीद की किताब पर रोक लगाने की मांग की थी। जिसे पटियाला हाउस कोर्ट ने भी खारिज कर दिया था। पटियाला हाउस कोर्ट ने भी यही कह कर हिंदू सेना की याचिका को खारिज कर दिया था कि अगर याचिकाकर्ता चाहे तो किताब के विरुद्ध प्रचार कर सकता है, लेकिन किताब की बिक्री और उसके प्रकाशन पर रोक लगाना जायज़ नहीं है। क्योंकि यह अभिव्यक्ति की स्वतंत्रता का मामला है।
सलमान खुर्शीद की किताब सनराइज ओवर अयोध्या का कट्टर हिंदू संगठन काफी विरोध कर रहे हैं। कांग्रेस नेता ने अपनी किताब में हिंदुत्व के राजनीति दुरुपयोग की तुलना आईएसआईएस और बोको हरम जैसे आतंकी संगठनों से की है। सलमान खुर्शीद ने अपनी किताब में एक जगह लिखा है कि हिंदुत्व का राजनीतिक स्वरूप संतों और मनीषियों के हिंदू धर्म को किनारे लगाने का काम कर रहा है। हिंदू धर्म और हिंदुत्व की राजनीति को अलग खड़ा करने की सलमान खुर्शीद की यही कोशिश कट्टर हिंदू संगठनों के गले नहीं उतर रही है।