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Delhi News: कानूनी लड़ाई लड़ मुसलमानों ने बचा लिया मंदिर, बिल्डरों ने यहां के धर्मशाला को कर दिया था ध्वस्त

Janjwar Desk
26 Sept 2021 3:22 PM IST
Delhi News: कानूनी लड़ाई लड़ मुसलमानों ने बचा लिया मंदिर, बिल्डरों ने यहां के धर्मशाला को कर दिया था ध्वस्त
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(मुसलमानों ने गंगा जमुनी तहजीब की अनूठी मिसाल पेश करते हुए मंदिर के लिए लड़ी कानूनी लड़ाई)

Delhi News: वार्ड कमेटी जामिया नगर की तरफ से अध्यक्ष सैयद फौजुल अजीम की याचिका पर न्यायमूर्ति संजीव सचदेवा की पीठ ने कहा कि ले-आउट प्लान के हिसाब से उक्त स्थान पर मंदिर है और इस पर अतिक्रमण करने की अनुमति नहीं है..

Delhi News: जनज्वार। भारत की राजधानी दिल्ली (Delhi) के मुस्लिमों ने जामिया नगर में स्थित नूर नगर की कानूनी लड़ाई (Legal fight) लड़ कर एक मिसाल कायम कर दी। जामिया नगर के नूर नगर में स्थित मंदिर को मुसलमानों द्वारा कानूनी लड़ाई लड़ कर संरक्षित किया गया।

वार्ड कमेटी जामिया नगर (Jamianagar) की तरफ से अध्यक्ष सैयद फौजुल अजीम ( अर्शी) की याचिका पर सुनवाई करते हुए, न्यायमूर्ति संजीव सचदेवा की पीठ ने कहा, कि ले-आउट प्लान के हिसाब से उक्त स्थान पर मंदिर है और इस पर अतिक्रमण करने की अनुमति नहीं है।

सुनवाई के दौरान दिल्ली सरकार (Delhi Government) पुलिस आयुक्त व जामिया नगर के थाना प्रभारी ने पीठ को आश्वासन दिया कि वे सुनिश्चित करेंगे कि भविष्य में मंदिर परिसर में कोई अवैध अतिक्रमण नहीं होगा साथ ही वहां पर कानून व्यवस्था की भी कोई समस्या नहीं होगी। इसके लिए पर्याप्त इंतजाम किए जाएंगे।

पीठ ने किया याचिका का निपटारा

पीठ ने याचिकाकर्ता की उस दलील को रिकॉर्ड मे लिया। जिसमे अधिवक्ता नितिन सलूजा के माध्यम से कहा गया कि मंदिर की धर्मशाला को रातों-रात गिरा कर जमीन को लेवल कर दिया गया। ताकि बिल्डरों द्वारा इस पर कब्जा किया जा सके। याचिकाकर्ता द्वारा धर्मशाला को तोड़ने से जुड़ी कुछ तस्वीरें भी पेश की गई। साथ ही यह बताया गया कि दिल्ली सरकार के शहरी विकास की वेबसाइट पर उपलब्ध लेआउट प्लान के हिसाब से नूर नगर एक्सटेंशन जामिया नगर में उक्त स्थान पर मंदिर है।

दूसरी तरफ दक्षिणी दिल्ली नगर निगम की तरफ से पेश हुए अधिवक्ता ने कहा कि निगम द्वारा ध्वस्तिकरण की कोई कार्यवाही नहीं की गई। उन्होंने यह भी कहा कि उक्त स्थान का निरीक्षण किया गया और वहां पर कोई निर्माण कार्य नहीं चल रहा है। दिल्ली सरकार व पुलिस की दलील को रिकॉर्ड पर लेते हुए पीठ ने याचिका का निपटारा कर दिया।

क्या था पूरा मामला

दायर याचिका में कहा गया था, कि जामिया नगर के नूर नगर में स्थित मंदिर की धर्मशाला की जमीन माखनलाल के पुत्र जौहरी लाल की थी। मंदिर की स्थापना माखनलाल ने वर्ष 1970 में की थी मुस्लिम बहुल क्षेत्र होने के बावजूद भी यहां 50 साल से लोग पूजा करते आ रहे थे। मंदिर की देखरेख करने वाले ने पहले तो धर्मशाला को गिरा दिया और मंदिर को भी गिराकर रिहायशी कंपलेक्स बनाना चाहते हैं।

20 सितंबर 2021 को अर्शी ने इस बात की शिकायत पुलिस को दी। लेकिन वहां से कोई कार्यवाही नहीं हुई। जिसके बाद हाई कोर्ट में याचिका दायर की गई। जिसमें मुसलमानों ने गैर धर्म के धार्मिक स्थल जामिया नगर के मंदिर को संरक्षित कर विशाल काम कर दी और बड़प्पन का परिचय दिया।

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