आंदोलनकारी किसानों ने तीन बड़े मीडिया हाउसों का किया बायकॉट, 'आज तक' की रिपोर्टर ने मांगी माफी
जनज्वार ब्यूरो/नई दिल्ली। लाखों की संख्या में किसान धरने पर हैं। डिजिटल मीडिया के अलावा इक्का-दुक्का चैनल किसान आंदोलन की कवरेज कर रहे हैं। पंजाब और हरियाणा के धरनारत किसान मीडिया से भी खफा हैं। आज तक, रिपब्लिक भारत सहित ज़ी न्यूज़ का किसानों ने आंदोलन से पूरी तरह बायकॉट कर दिया है।
आंदोलन कर रहे किसानों ने बाकायदा एक पोस्टर जारी करते हुए मंगलवार को देश के तीन तथाकथित बड़े मीडिया हाउसों के चैनलों का बहिष्कार कर दिया। जिनमे अर्नब का रिपब्लिक हिंदी, ज़ी न्यूज़ सहित आज तक भी शामिल है। किसानों ने इन चैनलों के संवाददाताओं से बात करने से ही इनकार कर दिया और तो और धरना दे रहे किसानों ने इनके कोरेस्पोंडेंट को बिकाऊ मीडिया और दलाल मीडिया तक का तमगा देकर वापस भेजा।
मंगलवार 1 दिसंबर को वायरल एक वीडियो में आज तक की महिला पत्रकार को माफी तक मांगनी पड़ी, तब जाकर किसानों ने हूटिंग करना बंद किया। इससे पहले किसानों ने ज़ी मीडिया के रिपोर्टर का माइक दिखाते हुए कहा कि 'लो जी आ गए दलाल, ये बिकाऊ मीडिया है, ये गोदी मीडिया है' जैसे शब्दों से ज़ी न्यूज़ को नवाजा गया। आज तक के स्टार रिपोर्टर अशोक सिंघल को माइक में बगैर आईडी लगाए रिपोर्टिंग करनी पड़ी।
बताते चलें कि पंजाब हरियाणा सहित यूपी के किसान बीते शुक्रवार से किसान बिल के विरोध में धरने पर बैठे हुए हैं। किसानों का आरोप है कि देश का मीडिया उनकी कवरेज को ठीक से नहीं दिखा रहा है। जबकि प्रयागराज की देव दीपावली में लाइट और म्यूजिक पर थिरकते पीएम मोदी को कई एंगल से घुमा घुमा कर दिखाया जा रहा है। आखिर किसान देश का पेट भरते हैं।
किसानों की टीस अपने आप के जायज भी है। उनके प्रदर्शन और धरने की आवाज कनाडा तक जा पहुंची है। कनाडा के पीएम ट्रूडो बे इसे दुर्भाग्यपूर्ण बताया है। जबकि देश की दिल्ली में ही रहने वाले उनके अपने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी उनकी आवाज ना सुनकर प्रयागराज में थिरकते हुए देव-दीपावली के आयोजन का लुत्फ उठा रहे हैं।