कपिल मिश्रा ने किसान नेताओं की हत्या की साजिश को बताया छल, कपट, झूठ और षड्यंत्र
जनज्वार। भारतीय जनता पार्टी के नेता कपिल मिश्रा ने किसान नेताओं पर हमले की साजिश को किसान नेताओं द्वारा ही रचा गया एक षड्यंत्र बताया है। कपिल मिश्र ने एक ट्वीट कर इसे आंदोलन के नाम पर छल, कपट, झूठ, षड्यंत्र, तमाशा, नौटंकी, साजिश, हिंसा की तैयारी व झूठे आरोप बताया है।
कपिल मिश्रा ने लिखा है कि दिन में गाड़ी तोड़ने की नौटंकी फैल हुई तो रात में ये बेशमी कर रहे हैं। ये लोग खुद ही सिर्फ हिंसा भड़काने के लिए हमले करवाएंगे। उन्होंने कहा कि यह तमाशा देखा हुआ है।
आंदोलन के नाम पर छल, कपट, झूठ, षड्यंत्र, तमाशा, नौटंकी, साजिश, हिंसा की तैयारी, झूठे आरोप
— Kapil Mishra (@KapilMishra_IND) January 22, 2021
दिन में गाड़ी तोड़ने की नौटंकी फेल
तो रात में ये बेशर्मी
ये लोग खुद ही हमले भी करवाएंगे सिर्फ हिंसा भड़काने के लिए
ये सब तमाशा देखा हुआ हैं https://t.co/zozCx3NoOE
मालूम हो कि शुक्रवार की रात सिंघु बाॅर्डर पर एक युवक को 26 जनवरी को किसान गणतंत्र परेड के दिन चार प्रमुख किसान नेताओं की हत्या की साजिश रचने के आरोप में गिरफ्तार किया गया। कपिल मिश्रा ने उस युवक के बयान के वीडियो को ट्वीट कर इसे किसान नेताओं की ही साजिश बता डाला है।
किसान यूनियन ने उक्त युवक का वीडियो सोशल मीडिया पर पोस्ट किया और बाद में उसे पूछताछ के लिए दिल्ली पुलिस के हवाले कर दिया। नकाबपोश युवक इस वीडियो में यह कहते सुनायी पड़ रहा है कि जब किसान ट्रैक्टर मार्च लेकर दिल्ली के अंदर प्रवेश की कोशिश करेंगे तो पुलिस उन्हें रोकेगी, इसके बाद हम पीछे से फायरिंग करेंगे, ताकि पुलिस को ऐसा लगे कि यह गोली किसानों की ओर से चलायी गयी है।
उस युवक ने यह दावा किया है कि रैली के दौरान उसे चार किसान नेताओं को गोली मारने का आदेश था और उनकी तसवीर मुहैया करा दी गयी है। उसने इस पूरे मामले में दिल्ली पुलिस के एक एसएचओ की संलिप्तता का भ्ज्ञी दावा किया। उसने कहा कि राई थाने के उक्त एसएचओ का नाम प्रदीप है जो चेहरा ढक कर आता थ्ज्ञा और उसने उसका बैज देखा था।युवक ने कहा है कि दो जगह से उसे हथियार मिले हैं।
मालूम हो कि शुक्रवार को किसान नेताओं की सरकार के साथ 11वें दौर की वार्ता हुई थी जो बेनतीजा रही। इस बैठक में सरकार ने किसान नेताओं से कानून को वापस लेने से मना करते हुए उसे डेढ-दो साल के लिए रोकने की बात कही, जिस पर किसान नेता अबतक सहमत नहीं हुए हैं। सरकार ने किसान नेताओं को अपने प्रस्ताव पर शनिवार तक विचार कर सूचित करने को कहा है। इस बीच किसान नेताओं ने अपना आंदोलन पूर्ववत जारी रखने केा फैसला लिया है और 26 जनवरी को वे किसान गणतंत्र परेड करेंगे, जिसके तहत किसान शांतिपूर्ण ट्रैक्टर मार्च करेंगे। इस मार्च के दौरान उपद्रव व हिंसा फैलाने की साजिश का अब खुलासा हुआ है।