राहुल मर्डर केस को सांप्रदायिक रंग देने की मुहिम हुई तेज, भाजपा ने ट्वीटर पर ट्रेंड कराया #राहुल_कंडेरा_को_क्यों_मारा
जनज्वार। दिल्ली में दलित युवक की कथित तौर पर प्रेम प्रसंग मामले में हुई हत्या का मामला अब राजनीतिक रंग लेता जा रहा है। खासकर कट्टरपंथी विचारधारा वाले लोग इसे लेकर दो समुदायों के बीच नफरत के बीज बोने की कोशिश में भी जुट गए हैं। वह भी तब, जब दिल्ली पुलिस पहले ही साफ कर चुकी है कि यह घटना दो परिवारों के बीच के आपसी विवाद के कारण हुई है और इसे मजहबी रंग नहीं दिया जाय। लेकिन घटना की आड़ में सांप्रदायिक ध्रुवीकरण की कोशिशें भी कम नहीं हो रहीं हैं। वह भी तब, जब दिल्ली में हुई हिंसा की घटना के बाद अभी ज्यादा समय नहीं बीता है।
इस घटना को लेकर राजनीतिक दलों से जुड़े नेताओं की आवाजाही शुरू हो चुकी है। सोशल मीडिया पर इस घटना को कई रूप देकर वायरल किया जा रहा है। सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म ट्विटर पर 'राहुल कंडेरा को क्यों मारा' ट्रेंड कराया जा रहा है।
बीजेपी के फायरब्रांड नेता कपिल मिश्रा मृतक राहुल के परिजनों से मिलने जा रहे हैं। इसकी जानकारी उन्होंने ट्वीट कर दी है। ट्वीट में उन्होंने लिखा है 'कल दोपहर एक बजे मैं और @TajinderBagga आदर्श नगर में राहुल के परिवार से मिलने जा रहे हैं। #राहुलकंडेराकोक्योंमारा'
दिल्ली के उपमुख्यमंत्री मनीष सिसोदिया भी मृतक राहुल के परिजनों से मुलाकात कर चुके हैं। उन्होंने मृतक के परिजनों को 10 लाख रुपये के मुआवजे की घोषणा की है।
गौरतलब है कि दिल्ली के आदर्श नगर में दूसरे समुदाय की युवती से कथित तौर पर प्रेम प्रसंग के मामले में 18 वर्षीय दलित युवक राहुल की हत्या कर दी गई थी। इस मामले में पुलिस ने तीन नाबालिगों समेत 5 लोगों को गिरफ्तार कर लिया है।
आओ पूछे एक सवाल
— Kapil Mishra (@KapilMishra_IND) October 15, 2020
दिल्ली के आदर्श नगर में#राहुल_कंडेरा_को_क्यों_मारा
इससे पहले बीजेपी के दिल्ली प्रदेश अध्यक्ष आदेश कुमार गुप्ता ने शनिवार को पीड़ित परिवार से मुलाकात कर केजरीवाल सरकार से एक करोड़ रुपये मुआवजे की मांग की थी। वहीं बीजेपी नेता कपिल मिश्रा ने युवक की हत्या को लेकर केजरीवाल सरकार से उसके परिवार को कानूनी सहायता देने की मांग की थी। इसके अलावा बीजेपी ने फास्ट ट्रैक कोर्ट में मुकदमा चलाकर दोषियों को जल्द से जल्द सजा देने की मांग की है।
हालांकि दिल्ली पुलिस ने बयान जारी करते हुए इस मामले को सांप्रदायिक रूप से तूल न देने की अपील की थी। दिल्ली पुलिस ने अपील कि थी 'इस मामले को कोई और रुख ना दिया जाए, जिससे इलाके की शांति व्यवस्था भंग हो। ये दो परिवारों का मामला था, जिसमें विक्टिम राहुल की मौत हुई और इस मामले में 5 मुजरिम गिरफ्तार हुए हैं। इसको लेकर कोई गलत जानकारी या भ्रम न फैलाएं।'
वहीं बीजेपी नेता कपिल मिश्रा ने एक वीडियो जारी करके कहा था कि, ये घटना पूरी तरह से निंदनीय है, दलित युवक राहुल को एक विशेष समुदाय के लोगों ने मार-मार कर अधमरा कर दिया और बाद में उसकी अस्पताल में मृत्य हो गई। तुष्टिकरण की राजनीति करने वाले मुख्यमंत्री अभी तक मौन धारण किये हुए हैं। मुख्यमंत्री केजरीवाल पीड़ित के परीवार को अविलंब मुआवजा दें।
अभी अभी कुछ देर पहले केजरीवाल सरकार द्वारा तहसीलदार को भेजकर घर पर 10 लाख रुपये का चेक भिजवाया है
— Kapil Mishra (@KapilMishra_IND) October 15, 2020
हमारे जाने की खबर आने के बाद कम से कम सरकार हरकत में तो आई , पर राहत भी अधूरी है, न्याय भी अधूरा है#राहुल_कंडेरा_को_क्यों_मारा https://t.co/83ediIRAke
उधर दिल्ली प्रदेश बीजेपी अध्यक्ष आदेश कुमार गुप्ता ने कहा कि, 2018 में अंकित सक्सेना के साथ भी ऐसे हुआ था। उस घटना को फिर दोहराया गया। हाथरस की घटना में दलितों को न्याय दिलाने के नाम पर आम आदमी पार्टी और कांग्रेस के लोग कैंडल मार्च निकाल रहे थे। लेकिन राजधानी दिल्ली में दलित राहुल की हत्या पर खामोशी है। कांग्रेस और आम आदमी पार्टी समुदाय विशेष की तुष्टीकरण कर रही हैं।
राहुल कंडेरा के घर पहुंचे आम आदमी पार्टी के आदर्श नगर विधायक पवन शर्मा का कहना है कि जिस दिन ये घटना हुई उस दिन हम खुद पुलिस के पास गए थे। मामले में एफआईआर दर्ज कराई ओर आरोपियों को गिरफ्तार कराया। अंतिम संस्कर में हम खुद मौजूद थे। हम राहुल के परिवार के साथ खड़े हैं। इस मामले को जातीय रंग ना दिया जाए। सीएम अरविंद केजरीवाल तुष्टीकरण की राजनीति नहीं करते हैं।
इससे पहले दिल्ली के उप मुख्यमंत्री मनीष सिसोदिया शनिवार को मृतक के परिजनों से मिले थे। सिसोदिया ने मुलाकात के बाद पीड़ित परिवार के लिये दस लाख रुपये मुआवजा देने की घोषणा भी की। उप मुख्यमंत्री ने यहां मीडिया से कहा कि दिल्ली सरकार इस मामले में अच्छे वकीलों को नियुक्त कर दोषियों को जल्दी से जल्दी सजा दिलवाने का प्रयास करेगी।
पुलिस के मुताबिक, राहुल परिवार समेत मूलचंद कॉलोनी इलाके में रहते थे। परिवार में पिता संजय, मां रेणुका और छोटी बहन है। पिता संजय रोहिणी सेक्टर-18 में टैक्सी स्टैंड चलाते हैं। राहुल सेकंड ईयर की पढ़ाई कर रहे थे। साथ ही अंग्रेजी की ट्यूशन दिया करते थे।
7 अक्टूबर की रात राहुल के चचेरे भाई गोलू के फोन पर अनजान नंबर से फोन आया। फोन करने वाले ने कहा कि उन्हें अपने बच्चे को ट्यूशन पढ़वाना है, इसलिए राहुल को घर से बाहर भेज दें। गोलू के बताने पर राहुल घर से बाहर गली में आ गया। इसके बाद बहाने से आरोपित राहुल को गंदा नाला के पास ले गए। राहुल के चाचा धर्मपाल ने मीडिया को बताया कि उन्हें किसी जानने वाले ने फोन कर बताया कि गंदा नाला के समीप पांच लोग भतीजे राहुल की पिटाई कर रहे हैं। मौके पर पहुंचकर धर्मपाल ने राहुल को बचाया, जिसके बाद पास के डॉक्टर से इलाज कराने के बाद राहुल को वह घर लेकर आए।
उसी दिन देर रात राहुल की तबीयत खराब हुई तो उसे निकट के बाबू जगजीवन राम अस्पताल में भर्ती कराया गया, जहां पर चिकित्सकों ने उन्हें मृत घोषित कर दिया। इसके बाद वारदात की जानकारी पुलिस को दी गई। मामले की जांच के क्रम में पुलिस ने मुहम्मद राज और मुहम्मद अफरोज समेत तीन नाबालिगों को भी गिरफ्तार किया है।
राहुल के परिजनों ने कहा कि लड़की के भाई अफरोज ने अपने अन्य चार दोस्तों के साथ मिलकर राहुल की हत्या की। राहुल को जान से मारने की धमकियां तो पहले से ही घरवाले दे रहे थे, लेकिन उसे भरोसा न था कि मार ही देंगे। उस दिन भी फोन करके नाले के पास बुलाया कि किसी बच्चे के ट्यूशन के बारे में बात करनी है और वहां पहुंचते ही उस पर हमले शुरु हो गये। देर रात अस्पताल में राहुल ने दम तोड़ दिया।