BIG BREAKING : सिंघु बॉर्डर पर किसानों पर पथराव-लाठीचार्ज, आंसू गैस के गोले छोड़े गए
नई दिल्ली। किसान आंदोलन का आज 65वां दिन है। सिंघु बॉर्डर पर पथराव की ताजा खबर सामने आ रही है। आंदोलनकारी किसानों के टेंट को भी तोड़ा गया। पुलिस के द्वारा आसू गैस छोड़ी गई है।
खबरों के मुताबिक सिंघु बाॅर्डर पर 26 जनवरी की घटना से गुस्साये ग्रामीणों ने किसानों पर पत्थरबाजी की है, मगर अंदरखाने यह भी खबर है कि पत्थरबाजी करने वाले कुछ उपद्रवी तत्व भीड़ में घुस गये हैं। हिंसा फैलाने वाले किसान या ग्रामीण नहीं बल्कि कुछ उपद्रवी हैं जो किसान आंदोलन को बर्बाद करना चाहते हैं और यह सब पार्टी विशेष के इशारे पर हो रहा है।
जो लोग किसानों के खिलाफ नारेबाजी कर पथराव कर रहे हैं वो अपने आप को ग्रामीण बता रहे हैं। उन्होंने किसानों के तंबुओं को भी तोड़ दिया है। पहले पत्थरबाजी भी उन्हीं लोगों की तरफ से की गयी।
JUST IN: Goons have started to dismantle the tents of the protesting farmers at #SinghuBorder. They even pelted stones and threw sticks at them.
— Aayush Sharma | ਆਯੁਸ਼ ਸ਼ਰਮਾ 🏳️🌈 (@AayushJourno) January 29, 2021
The dirty tricks have started. #IndiaStandsWithFarmers pic.twitter.com/RMMLfWVnZu
मीडिया में आ रही खबरों के मुताबिक पुलिस का कहना है कि वह ग्रामीणों और किसानों के बीच समझौता कराने के लिए बीचबचाव कर रही है, मगर असल सवाल यह है कि जब वहां किसी को भी आने की अनुमति नहीं है तो भारी फोर्स की तैनाती के बावजूद तथाकथित ग्रामीण किसानों के धरनास्थल पर पहुंची कैसे। स्थिति इतनी नियंत्रण से बाहर कैसे हुई कि पुलिस को आंसूगैस के गोले छोड़ने पड़े।
दिल्ली पुलिस एक बार फिर सवालों के घेरे में है कि वह आखिर किसके इशारे पर काम कर रही है। इतनी भारी संख्या में फोर्स तैनाती के बाद आखिर उसने हिंसक भीड़ को कैसे किसानों के धरनास्थल पर घुसने दिया। पुलिस के सामने लगातार खुद को ग्रामीण बता रहे लोग अभी भी लगातार पत्थरबाजी कर रहे हैं।
सिंघु बॉर्डर पर सिर्फ 150 गुंडे हजारों पुलिसकर्मियों के रहते हुए किसानों पर पथराव करने चले आए. गजब मज़ाक बना दिया है.
— Ranvijay Singh (@ranvijaylive) January 29, 2021
बड़ा सवाल यह भी है कि सिर्फ सुरक्षाबलों को जहां पर आने की इजाजत दी वहां पर 'देश के गद्दारों को..... समेत तमाम धार्मिक नारे लगाती भीड़ पहुंची कैसे।