हरियाणा के किसान आंदोलनकारियों का सिर फोड़ने का आदेश देने वाले SDM को सस्पेंड करने की उठी मांग
जनज्वार। भारतीय जनता पार्टी की बैठक के खिलाफ करनाल के पास प्रदर्शन कर रहे किसानों पर हरियाणा पुलिस ने शनिवार 28 अगस्त को बर्बर लाठीचार्ज किया। इस दौरान दर्जनभर किसान बुरी तरह घायल हो गए। खून से लथपथ किसानों की तस्वीरें सोशल मीडिया पर वायरल हो रही हैं। वहीं इस घटना के बाद लोगों का गुस्सा सोशल मीडिया पर फूट पड़ा है। ट्विटर पर करनाल के उपजिलाधिकारी को सस्पेंड करने की मांग की जा रही है वहीं मुख्यमंत्री मनोहर लाल खट्टर को नया जनरल डायर बताया जा रहा है।
बता दें कि आईएएस अफसर आयुष सिन्हा इस समय करनाल में एसडीएम के पद पर तैनात है। उनपर आरोप है कि उन्होंने ही पुलिस अधिकारियों को किसानों का सिर फोड़ने का आदेश दिया। सोशल मीडिया यूजर्स उन्हें ही जिलाधिकारी बता रहे हैं।
वाणी गुप्ता नाम ट्विटर यूजर लिखती हैं, "यदि आप किसी धर्म या राजनीतिक झुकाव से इस हद तक जुड़े हुए हैं कि सत्य और न्याय गौण विचार बन जाते हैं, तो आपकी शिक्षा बेकार है। आपका प्रदर्शन बेकार है। यदि आप क्षुद्र भावनाओं से परे तर्क नहीं कर सकते हैं, तो आप मानव जाति के लिए एक दायित्व हैं। शर्मनाक।"
If you are attached to a religion or political leaning to the point that truth and justice become secondary considerations,your education is useless.Your exposure is useless.If you cannot reason beyond petty sentiments,you are a liability to mankind
— Vaani Gupta🆕️ (@goofyvaani) August 29, 2021
SHAME👎🏼#करनाल_DM_सस्पेंड_करो pic.twitter.com/1xYJOGGyjG
संदीप सिंह ढालीवाल लिखते हैं, "फासीवादी भाजपा एक बार फिर बेनकाब हो गई है। प्रदर्शन कर रहे किसानों पर डीएम ने पुलिस को मारपीट करने का आदेश दिया।"
Fascist bjp exposed once again.
— Sandeep Singh Dhaliwal (@SandeepDhaliw) August 29, 2021
DM ordered police to hit on protesting farmers.#Khattar_NewGeneralDyer #FarmersProtest #करनाल_DM_सस्पैंड_करो pic.twitter.com/ZZEpSR4vQu
ट्विटर बायो में खुद को सोशल वर्कर बताने वाले एक यूजर ने लिखा, "किसानों को केवल 'भारत की रीढ़' कहा जाता है, समाज में उनका बहुत महत्व है। छात्र समाज को सुधारने और मजबूत करने में अहम भूमिका निभा सकते हैं लेकिन दोनों मोदी सरकार से नाखुश हैं। अगली बार वोट नहीं माफ़ी मांगो।"
Farmers are simply called as the 'Backbone of India', have great importance in society.
— شهيد الشيخ (@shahidsheik03) August 29, 2021
Students can play an important role in improving and strengthening the society
But both are unhappy with Modi Govt.
Agli Bar Vote Nahi Maafi Mango#मोदी_रोजगार_दो#करनाल_DM_सस्पैंड_करो pic.twitter.com/xmyKaulkHv
योगेश मीणा नाम के यूजर ने लिखा, "क्या यह लोकतंत्र है? किसानों को शांतिपूर्ण विरोध का कोई अधिकार नहीं है। इस लाठीचार्ज के पीछे क्या कारण है? आखिर ऐसा क्या है कि पुलिस और सरकार ने किसानों पर लाठीचार्ज किया।"
Is it democracy? farmers has no right to peaceful protest. what is the reason behind this laathicharge? what is the emergency behind so that police and govt did laathicharge on farmers.#मोदी_रोजगार_दो#करनाल_DM_सस्पेंड_करोpic.twitter.com/Om3ZO0eNYc
— YogeshMeena (@Yogeshkherli) August 29, 2021
सिमरजीत सिंह पवार ने लिखा, "कृषि कानूनों के अनुसार ऐसे अम्बानी अडानी गैंग भक्त एसडीएम कॉर्पोरेट से विवाद वाले किसानों की शिकायतों का निस्तारण करेंगे। कोई आपकी नहीं सुनेगा और यह भविष्य होगा।"
According to the agricultural laws, such #AmbaniAdaniGang #Bhakts #SDM will decide the complaints of farmers having dispute with corporates
— Simarjit Singh Pawar (@summypawar) August 29, 2021
No one will hear you and this will be the future. #FarmersProtest #KisanAndolan #Khattar_NewGeneralDyer #करनाल_DM_सस्पैंड_करो #GodiMedia pic.twitter.com/UXvbxNu7uR
एक अन्य यूजर ने लिखा- "लाला लाजपत राय पर अंग्रेजों की लाठी उनके अधिकार के ताबूत में आखिरी कील साबित हुई। आज किसानों को लाठियों से मारा जा रहा है। काले अंग्रेजों का पतन निकट है।"
The sticks of the British on Lala Lajpat Rai proved to be the last nail in the coffin of his authority. Today the farmers have been hit with sticks; the downfall of the black British is near.#करनाल_DM_सस्पैंड_करो
— ਇਕਬਾਲ ਸਿੰਘ ਸਮਰਾ (@SamreOYE) August 29, 2021
#Khattar_NewGeneralDyer pic.twitter.com/t3aG41JMW5
सुधीर कादियान नाम यूजर ने इस घटना की तुलना जालियावालां बाग कांड से की और लिखा- "सरकार ने कल किसानों के साथ वही किया जो पहले जिलावाला बाग में किया था।"
The government did the same to the farmers yesterday as it had done earlier in Jillawala Bagh. #Khattar_NewGeneralDyer#FarmersProtest #Haryana#किसान_विरोधी_खट्टर #करनाल_DM_सस्पेंड_करो pic.twitter.com/JqMgDT9xAs
— Sudhir Kadian (@SudhirKadian3) August 29, 2021
बता दें कि शनिवार 29 अगस्त को करनाल में मुख्यमंत्री मनोहर लाल खट्टर की भाजपा के स्थानीय नेताओं के साथ चुनाव को लेकर बैठक हो रही थी। इसके खिलाफ किसान प्रदर्शन करते हुए करनाल की तरफ बढ़ रहे थे, तभी पुलिस ने उनपर लाठीचार्ज कर दिया है, इस घटना में करीब एक दर्जन किसान बुरी तरह घायल हो गए।
वहीं भारतीय किसान यूनियन के नेता राकेश टिकैत ने इस घटना को लेकर कहा कि देश में अब सरकारी तालिबानियों का कब्जा हो चुका है। उन्होंने कहा कि किसानों पर लाठीजार्च करने वाले पुलिसकर्मियों को तालिबानों के कमांडर ने आदेश दिया है।
किसानों ने बताया कि 100 किसानों को चोट आई है। इस सब के बीच करनाल के एसडीएम आयुष सिन्हा का एक वीडियो सोशल मीडिया पर वायरल हो रहा है। इसमें वह एक नाके पर पुलिसकर्मियों को हिदायत दे रहे हैं कि यदि यहां से कोई पार होेने की कोशिश करे तो उसका सिर फोड़ देना।
इस वीडियो के बाद एसडीएम के व्यवहार की जबरदस्त आलोचना हो रही है। इस वीडियो को ट्वीट करते हुए भाजपा के सांसद वरुण गांधी ने लिखा है कि मैं उम्मीद करता हूं यह वीडियो एडिट हो, डीएम ने ऐसा कुछ न बोला हो। यदि ऐसा बोला है तो यह लोकतंत्र में स्वीकार्य नहीं है।
कांग्रेस की प्रदेशाध्यक्ष कुमारी शैलजा ने भी एसडीएम की आलोचना की है। उन्होंने एसडीएम के खिलाफ कार्यवाही की मांग की है। कांग्रेस के राष्ट्रीय प्रवक्ता रणदीप सिंह सुरजेवाला ने एसडीएम की तुलना जनरल डायर से की है।
किसानों ने भी मांग की कि एसडीएम के खिलाफ उचित कार्यवाही की जाए। किसानों ने इस मामले को लेकर नूंह में एक महापंचायत का आयोजन किया है। इसमें मांग की कि एसडीएम के खिलाफ उचित कार्यवाही की जानी चाहिए।
किसान नेता गुरनाम सिंह चढ़ूनी ने कहा कि एसडीएम ने जिस तरह से नाके पर तैनात पुलिसकर्मियों को बर्बरता की खुली छूट देने का ऐलान किया है, इससे एक बात तो साबित हो जाती है कि प्रशासन ने पहले ही किसानों पर हमला करने की योजना बना ली थी। उन्होंने कहा कि इस मामले की जांच होनी चाहिए।
किसान नेताओं ने कहा कि लोकतंत्र में विरोध प्रदर्शन करना उनका हक है, लेकिन किसी पर इस तरह से ज्यादती नहीं की जानी चाहिए। उन्होंने कहा कि किसानों को रोकने का पुलिस का यह तरीका गलत ही नहीं बल्कि बर्बरतापूर्वक है। जिसे किसी हालत में बर्दाश्त नहीं किया जा सकता।
किसानों पर लाठीचार्ज का जेजेपी में भी विरोध होना शुरू हो गया है। पार्टी की लाडवा जिला कुरुक्षेत्र की पूर्व कैंडिडेट डॉ सन्तोष दहिया ने जजपा से दिया इस्तीफा। संतोष दहिया हरियाणा का जाना माना चेहरा है। वह सर्व खाप महिला हरियाणा की अध्य्क्ष होने के साथ साथ जननायक जनता पार्टी में राष्ट्रीय कार्यकारिणी के सदस्य और 4 जिलों कैथल कुरुक्षेत्र करनाल अंबाला की महिला प्रभारी भी रही है।
इधर पंजाब में भी एसडीएम के आदेश अौर किसानों पर लाठीचार्ज को लेकर जगह जगह किसान जत्थेबंदियों ने प्रदर्शन किया। भाजपा हरियाणा के सीएम मनोहर लाल खट्टर का पुतला जला कर विरोध दर्ज कराया है।
आयुष सिन्हा 2017 बैच के आईएएस अधिकारी है, उन्होंन इस परीक्षा में सातवां रैक हासिल किया है। आयुष सिन्हा शिमला के रहने वाले हैं। उनके पिता प्रदीप कुमार सिन्हा एडिशनल प्रिंसिपल चीफ कंजरवेटर के पद से पांच साल पहले रिटायर हुए हैं। उनकी माता अलका वर्मा शिमला में अर्थशास्त्र की एसोसिएट प्रोफेसर है।
लाठीचार्ज मामले में सीएम मनोहर लाल ने भी जांच कराने का आश्वासन दिया है। उन्होंने कहा कि किसानों को पुलिस पर हमला नहीं करना चाहिए था। इसके बाद ही हालात बिगड़े हैं।