E- Commerce: ई-कामर्स प्लेटफार्म पर फर्जी रिव्यू पर मोदी सरकार का शिकंजा, बनाया सख्त नियम, फर्जी एवं पेड रिव्यू पर लगेगा इतने लाख का जुर्माना
E- Commerce: ई-कामर्स प्लेटफार्म पर फर्जी रिव्यू पर मोदी सरकार का शिकंजा, बनाया सख्त नियम, फर्जी एवं पेड रिव्यू पर लगेगा इतने लाख का जुर्माना
E- Commerce: मोदी सरकार ने ई-कॉमर्स कंपनियों की वेबसाइट पर जारी किए जाने वाले फर्जी रिव्यू और पेड रिव्यू पर रोक लगाने के लिए नये दिशा-निर्देश जारी की हैं. नए दिशा-निर्देशों के तहत, कंपनियों के दोषी पाए जाने पर 10 लाख तक का जुर्माना लगाया जा सकता है. ई-कॉमर्स कंपनियों के लिए ये दिशा-निर्देश 25 नवंबर से लागू होंगे. इन नए नियमों का उद्देश्य फेक और पेड रिव्यूज पर सरकारी शिकंजा कसना है. इनके लागू हो जाने के बाद ई-कॉमर्स कंपनियां अब फेक और पेड रिव्यूज जारी नहीं करवा पाएंगी.
केंद्र सरकार ने नये नियम जारी करते हुए कहा है कि अब पेड रिव्यू को अलग से मार्क करना होगा. इससे ग्राहकों को मदद मिलेगी. उपभोक्ता रिव्यूज के आधार पर ग्राहक सही प्रोडक्ट खरीद सकेंगे. ई-कॉमर्स कंपनियों में दिशा-निर्देश लागू करने पर सहमति बन गई है. गौरतलब कि अभी दिशा-निर्देश अनिवार्य नहीं है. हालांकि जल्द ही दिशा-निर्देशों को अनिवार्य बनाया जाएगा.
सरकार ने कहा है कि ई-कॉमर्स कंपनियां अगर दिशा-निर्देशों का पालन नहीं करती हैं तो कंपनियों पर सख्त कार्रवाई की जाएगी. यह कार्रवाई कंज्यूमर प्रोटेक्शन एक्ट के तहत होगी. नये नियमों के अनुसार यह मामला अनफेयर ट्रेड प्रैक्टिस में आएगा. इसके तहत कंपनियों पर पेनल्टी लगाने का प्रावधान होगा. कंपनियों पर 10 लाख रुपये तक का जुमानज़ लग सकता है.
गौरतलब है कि ऐसे फर्जी रिव्यूज की वजह से ग्राहकों को प्रभावित करने से जुड़े मामले सामने आते रहे हैं, जहां उन्होंने रिव्यू पर भरोसा कर गलत प्रोडक्ट खरीदकर नुकसान उठा लिया. नये दिशा-निर्देशों के साथ यह उम्मीद बंधेगी कि लोग आगे ऐसे फर्जी रिव्यू से बच सकेंगे.
सरकार द्वारा जारी नये दिशा-निर्देशों का उद्देश्य उपभोक्ता के हितों की रक्षा करना है और किसी उत्पाद की सही जानकारी सामने लाना है. जिससे वो सामान की खरीद को लेकर सबसे सही फैसला ले सके. इन दिशा-निर्देशों के दायरे में कंपनियों के द्वारा अपने उत्पाद के लिए पॉजिटिव रिव्यू के साथ साथ दूसरी कंपनी के उत्पादों के निगेटिव रिव्यू भी शामिल होंगे. सरकार के इस कदम से जोमैटो, स्विगी, नाएका, अमेजन और फ्लिपकार्ट जैसी कंपनियों पर कार्रवाई हो सकेगी.
गौरतलब है कि ई-कॉमर्स कंपनियां किसी भी उत्पाद के साथ उस प्रोडक्ट को खरीद चुके और इस्तेमाल कर रहे ग्राहकों के रिव्यू भी देती हैं. इनका मकसद ग्राहक को प्रोडक्ट को लेकर सही जानकारी देना होता है. हालांकि सेल्स बढ़ाने के लिए कई बार कंपनियां चुनिंदा ग्राहकों को गिफ्ट आदि देकर अपने प्रोडक्ट के लिए सकारात्मक रिव्यू लिखने को कहती हैं.