Journalist Rana Ayub News: राणा अयूब एयरपोर्ट पर ली गईं हिरासत में, जा रहीं थी पत्रकारिता पर लेक्चर देने लंदन
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Journalist Rana Ayub News: चर्चित पत्रकार राणा अयूब ( Rana Ayyub ) की मुश्किलें कम होने के बदले बढ़ती जा रही है। बुधवार को मुंबई हवाई अड्डे ( Mumbai airport ) पर प्रवर्तन निदेशालय ( Enforcement Directorate ) ने उन्हें लंदन जाने से पहले रोका और हिरासत में ले लिया। ईडी ने उन्हें मनी लॉन्ड्रिंग मामले ( Money Laundering ) में उन्हें पूछताछ के लिए एक अप्रैल को तलब किया है। इससे पहले पत्रकार राणा अय्यूब के खिलाफ लुक आउट नोटिस ( Lookout Notice ) जारी किया गया था। उसी आधार पर उन्हें बाहर जहाने से रोका गया है।बता दें कि लंदन में उन्हें जर्नलिज्म फेस्ट में भारतीय लोकतंत्र विषय पर भाषण देने के बाद इटली के लिए रवाना होना था।
प्रवर्तन निदेशालय ( ED ) के अधिकारियों का कहना है कि अयूब ने नोटिस का पालन नहीं किया और एजेंसी नहीं चाहती कि वह देश छोड़ कर जाएं। इससे जांच में और बाद में अदालत में आरोप पत्र दाखिल करने में देरी हो सकती है। इससे पहले प्रवर्तन निदेशालय ने राणा अयूब ( Rana Ayyub ) के खिलाफ चल रहे मनी लॉन्ड्रिंग ( Money Laundering ) मामले में उनके बैंक में जमा 1.77 करोड़ रुपये से अधिक की राशि जब्त कर ली थी।
पत्रकार राणा अयूब पर चंदे के नाम पर पैसे लेकर अपने निजी खर्चों में इस्तेमाल करने का आरोप है। ताजा अपडेट्स के मुताबिक अय्यूब ने चंदे के नाम पर पैसा पूरी तरह सुनियोजित और व्यवस्थित तरीके से जुटाया और जिस उद्देश्य के लिए यह पैसा एकत्र किया उस पर इसे खर्च नहीं किया।
रवाना होने से पहले ईडी ने रोका
ईडी ( Enforcement Directorate ) की कार्रवाई के बाद पत्रकार राणा अयूब ने ट्विट कर बताया है कि जब मैं पत्रकारों को डराने-धमकाने के मुद्दे पर अपना भाषण देने के लिए लंदन जाने वाली अपनी उड़ान में सवार होने वाली थी, तभी मुझे बाहर जाने से रोक दिया गया। लंदन में जर्नलिज्म फेस्टिवल में भारतीय लोकतंत्र पर मुख्य भाषण देने के तुरंत बाद मुझे इटली के लिए रवाना होना था।
Money Laundering Case : बता दें कि ईडी ने अयूब के खिलाफ मनी लॉन्ड्रिंग ( Money Laundering ) का मामला गाजियाबाद पुलिस की ओर से सितंबर 2021 में दर्ज एक एफआईआर का संज्ञान लेते हुए की थी। यह कार्रवाई अय्यूब द्वारा क्राउडफंडिंग वेबसाइट केट्टो के जरिए जुटाए 2.69 करोड़ की राशि में कथित अनियमितताओं को लेकर की गई थी।