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राष्ट्रीय

क्या गहलोत सरकार में अब विधायकों के बाद पत्रकार भी सुरक्षित नहीं है ?

Janjwar Desk
25 July 2020 8:30 AM GMT
क्या गहलोत सरकार में अब विधायकों के बाद पत्रकार भी सुरक्षित नहीं है ?
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चुरू जिले के सरदारशहर में जलदाय विभाग में एक टीवी न्यूज चैनल के पत्रकार गजेंद्र सिंह चौहान के साथ अधिशासी अभियंता गोविंद जांगिड़ का कथित बदसलूकी करते हुए वीडियो वायरल हुआ है..

अवधेश पारीक की रिपोर्ट

जयपुर। अगर इन दिनों राजस्थान का नाम हर किसी की जुबां पर है तो उसकी वजह है राजस्थान का सियासी संकट, जो फिलहाल खत्म होता दिखाई नहीं दे रहा है, लेकिन सियासी घटनाओं के इतर चुरू जिले से एक ऐसी घटना सामने आई है जहां अफसरशाही का एक ऐसा चेहरा सामने आया कि एक पत्रकार को पत्रकारिता करना महंगा पड़ गया।

जी हां, चुरू जिले के सरदारशहर में जलदाय विभाग में एक टीवी न्यूज चैनल के पत्रकार गजेंद्र सिंह चौहान के साथ अधिशासी अभियंता गोविंद जांगिड़ का कथित बदसलूकी करते हुए वीडियो वायरल हुआ है।

वायरल वीडियो में जलदाय विभाग में स्थानीय कॉलोनी के लोगों का एक विरोध प्रदर्शन कवर करने गए पत्रकार को अधिकारी धक्का देकर विभाग के प्रवेश द्वार से बाहर धकेल रहे हैं।

घटना का वीडियो वायरल होने के बाद पत्रकार के समर्थन में कई वरिष्ठ पत्रकार सामने आए हैं और इस घटना पर विरोध दर्ज कराया है तो वहीं दूसरी ओर भाजपा के प्रदेश नेतृत्व ने इस पूरे मसले पर गहलोत सरकार को खतरे में बताते हुए सरकारी अधिकारियों पर चुटकी ली है।


घटनाक्रम को सिलसिलेवार ढ़ंग से जानने के लिए हमने फर्स्ट इंडिया न्यूज चैनल के रिपोर्टर गजेन्द्र सिंह से बात की तो उन्होंने बताया कि 22 जुलाई, बुधवार को जब सरदारशहर की काका कॉलोनी के कुछ लोग पानी की समस्याओं को लेकर अधिशासी अभियंता गोविंद शर्मा के पास ज्ञापन देने आए तो वो लोगों की समस्या सुनने में आनाकानी करने लगे, इसी दौरान हमने पूरी घटना की वीडियो बनानी शुरू कर दी।

आगे वह जोड़ते हैं कि अधिकारी की इस हरकत को कैमरे में कैद करते देख अधिकारी आग-बबूला हो गए और हमें बाहर जाने के लिए कहा और वहां मौजूद लोगों के साथ गाली-गलौच करने लगे। धक्का देने वाली बात पर गजेंद्र बताते हैं कि मैं मेरे कैमरामैन के साथ एक बार बाहर चला गया।

'फिर मैंने अपना पत्रकारिता धर्म निभाते हुए अधिकारी का पक्ष जानने की कोशिश की और बात करने अंदर गया तो उन्होंने गाली देकर मुझे जोर से धक्का देकर विभाग का चैनल गेट बंद कर लिया और मुझे और वहां मौजूद लोगों पर सरकारी कामकाज में बाधा डालने और कोरोना की धाराएं लगाकर केस दर्ज करने की धमकी देने लगे।'

वहीं इस पूरे मामले पर जब हमने जलदाय विभाग के अधिशासी अभियंता गोविंद जांगिड़ से बात की तो उनका कहना था कि, शहर की एक प्राइवेट कॉलोनी के कुछ लोग अपनी पानी की समस्या को लेकर ज्ञापन देने आए थे, ऐसे में मैं और अन्य कर्मचारी उन्हें यही समझाइश में लगे थे कि प्राइवेट कॉलोनी में सरकारी पानी एक निश्चित प्रक्रिया के तहत दिया जाता है।

इसके आगे वह कहते हैं, समझाइश का दौर चल ही रहा था कि कुछ कर्माचारी और स्थानीय लोगों की अभी पानी देने की मांग पर गहमागहमी हो गई और लोग वहीं धरने पर बैठने की जिद्द करने लगे, जिसके बाद मैंने संबंधित कर्मचारी के साथ सभी को चैंबर से बाहर जाकर आराम से पूरी बात करने की कहा। लेकिन गौरतलब है कि कथित वायरल वीडियो में गोविंद जांगिड़ जिस लहजे में लोगों को बाहर जाने का कह रहे हैं उसमें कितनी विनम्रता है इस पर सवाल खड़े होने लाजमी है।

इसके अलावा आपने वहां रिपोर्टिंग कर रहे पत्रकार के साथ ऐसा व्यवहार क्यों किया इस सवाल पर अधिशासी अभियंता गोविंद एकदम गोलमोल जवाब देते हुए कहते हैं कि, जब मैं चैंबर का माहौल शांत करने के लिए सभी लोगों से बाहर जाने लिए कह रहा था तभी चैनल गेट होने की वजह से मेरा पैर उलझ गया जिससे अचानक सामने से आ रहे रिपोर्टर को धक्का लग गया।

वहीं धक्का मारने वाले वीडियो को लेकर अधिशासी अभियंता महोदय एक और दिलचस्प बात कहते हैं कि कैमरे का एंगल ही वो कुछ इस तरह से है कि ऐसा लग रहा है मैं धक्का मार रहा हूं, जबकि ऐसा हुआ नहीं था। अब इस पूरे मामले पर उपखंड अधिकारी (SDM) रीना छींपा ने बताया कि घटना के सामने आने के बाद कलक्टर की ओर से उन्हें कारण बताओ नोटिस जारी कर दिया गया है, जिसका जवाब देने के लिए उन्हें 7 दिन का समय दिया है।

कार्यवाही का आश्वासन देते हुए छींपा कहती हैं कि जांच के बाद उचित कार्यवाही अवश्य की जाएगी। इसके अलावा घटनाक्रम पर हमनें चुरू जलदाय विभाग के एक्सईएन रामकुमार झाझड़िया से भी अधिशासी अभियंता गोविंद जांगिड़ पर कार्यवाही के बारे में जानने के लिए संपर्क किया लेकिन उनकी तरफ से कोई जवाब नहीं मिला।

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