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Farmer Protest : संसद मार्च टालने के पक्ष में नहीं, राकेश टिकैत ने 30 ट्रेक्टर और 500 लोगों को गाजीपुर बॉर्डर बुलाया

Janjwar Desk
27 Nov 2021 2:12 PM GMT
UP Election 2022 : राकेश टिकैत हुए हमलावर, बोले- ईमानदारी से परिणाम आए तो BJP को होगा काफी नुकसान
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राकेश टिकैत हुए हमलावर, बोले- ईमानदारी से परिणाम आए तो BJP को होगा काफी नुकसान

Farmer Protest : 29 नवंबर को संसद में प्रस्तावित रैली को संयुक्त किसान मोर्चा ने फिलहाल टाल दिया है लेकिन भारतीय किसान यूनियन अभी भी संसद में ट्रैक्टर मार्च निकालने के फैसले पर अड़ी है।

Farmer Protest : केन्द्र सरकार की ओर से विवादस्पद कृषि कानून वापसी के बाद भी किसानों का आंदोलन खत्म नहीं हुआ है। बता दें कि 29 नवंबर को संसद में प्रस्तावित रैली को संयुक्त किसान मोर्चा ने फिलहाल टाल दिया है लेकिन भारतीय किसान यूनियन अभी भी संसद में ट्रैक्टर मार्च निकालने के फैसले पर अड़ी है। मीडिया रिपोर्टस के अनुसार भारतीय किसान यूनियन के नेता राकेश टिकैत ने संसद के शीतकालीन सत्र के दौरान किसानों और समर्थकों से रोजाना 30 ट्रैक्टर और 500 लोगों को गाजीपुर सीमा पर भेजने का आह्वान किया है। बता दें कि किसान न्यूनतम समर्थन मूल्य (MSP) पर फसल खरीदने की गारंटी के साथ-साथ किसानों की मांगों को उठाने के लिए संसद में प्रस्तावित ट्रैक्टर मार्च में शामिल होंगे।

मांगे पूरी होंगी तभी समाप्त होगा आंदोलन

हिन्दुस्तान टाइम्स में छपी रिपोर्ट के अनुसार राकेश टिकैत ने कहा कि संसद का शीतकालीन सत्र शुरू होने वाला था और इसलिए उन्होंने संघ के पदाधिकारियों और किसानों को संसद तक मार्च में भाग लेने के लिए हर दिन 30 ट्रैक्टर और 500 लोगों को गाजीपुर सीमा पर भेजने को कहा है। हमने संसद मार्च के लिए अपनी योजना बनाई है। देखते हैं कि वे हैं या नहीं। टिकैत ने दावा किया कि केवल छह प्रतिशत फसल एमएसपी पर बेची जा रही थी और किसानों ने शेष 94 प्रतिशत को कम कीमतों पर बाजार में बेचने का सहारा लिया था। हिंदुस्तान टाइम्स में प्रकाशित खबर के अनुसार यह पूछे जाने पर कि सरकार पूरी फसल को एमएसपी पर क्यों नहीं खरीद सकती जबकि व्यापारी इसका 94 प्रतिशत खरीदकर बाजार में बेचने में सक्षम थे। इस पर उन्होंने कहा कि एमएसपी का मुद्दा देशभर के किसानों की वित्तीय स्थिति में सुधार के लिए महत्वपूर्ण था तथा सरकार द्वारा किसानों की सभी मांगों को मान लेने के बाद ही आंदोलन समाप्त होगा। हालांकि, उन्होंने कहा कि संयुक्त किसान मोर्चा अपनी बैठक में भविष्य की कार्रवाई तय करेगा।

संसद मार्च की तैयारी

दरअसल भारतीय किसान यूनियन नेताओं ने संसद के शीतकालीन सत्र के दौरान गाजीपुर सीमा पर समर्थन जुटाने के लिए गांवों में किसानों और संघ समर्थकों के पास पहुंचना शुरू कर दिया है। मीडिया रिपोर्टस के अनुसार संघ के मुरादाबाद संभाग के अध्यक्ष दिगंबर सिंह ने कहा कि तीन विवादास्पद कृषि कानूनों को वापस लेने के बाद आंदोलन के बारे में किसानों को अवगत कराने और उनकी सुनिश्चित करने के लिए गांवों में बैठकें आयोजित की जा रही हैं। एमएसपी की गारंटी की मांग को आगे बढ़ाने के लिए आंदोलन में उपस्थिति दर्ज कराई गई है। बता दें कि दिगंबर सिंह ने गाजीपुर सीमा पर किसानों की उपस्थिति सुनिश्चित करने का आह्वान किया है।

संयुक्त किसान मोर्चा का ऐलान

बता दें कि संयुक्त किसान मोर्चा के ऐलान किया है कि 29 नवंर को संसद में प्रस्तावित ट्रैक्टर रैली नहीं की जाएगी लेकिन बगैर एमएसपी के हम पीछे नहीं हटेंगे। बताया गया कि चार दिंसबर को फिर किसान की बैठक होगी। शनिवार 27 नवंबर को दिल्ली में मीडिया से बात-चीत के दौरान संयुक्त किसान मोर्चा के नेता दर्शन पाल सिंह ने कहा कि किसानों ने बैठक के बाद ये फैसला लिया है कि संयुक्त किसान मोर्चा 29 नवंबर को संसद में प्रस्तावित ट्रैक्टर रैली नहीं करेगा। साथ ही किसानों ने चेतावनी दी है कि ''बगैर एमएसपी के मोर्चा वापस नहीं जाएगा। इसके अलावा किसान शहीद हुए हैं, लखीमपुर खीरी मामले में किसान जेल भेजे जा रहे हैं। आज जो सरकार ने घोषणाएं की हम उससे सहमत नहीं है। सरकार हमारे साथ मंच साझा कर मामले पर वार्ता करे। लेकिन अगर 4 दिसंबर तक कोई फैसला नहीं हुआ तो हम आगे की रणनीति तय करेंगे।'

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