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Farmer Protest : राकेश टिकैत ने दी जानकारी, किसान कब तक खाली कर देंगे सभी प्रदर्शन स्थल

Janjwar Desk
10 Dec 2021 10:34 AM GMT
UP Election 2022 : राकेश टिकैत हुए हमलावर, बोले- ईमानदारी से परिणाम आए तो BJP को होगा काफी नुकसान
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राकेश टिकैत हुए हमलावर, बोले- ईमानदारी से परिणाम आए तो BJP को होगा काफी नुकसान

Farmer Protest : भारतीय किसान यूनियन के प्रवक्ता राकेश टिकैत ने बताया है कि दिल्ली के गाजीपुर, टीकरी और सिंघु बॉर्डर पर डटे किसान 15 से 16 दिसंबर तक हट जाएंगे। साथ ही राकेश टिकैत ने कहा है कि हम कल से यानी कि शनिवार 11 दिसंबर से बॉर्डरों से हटना शुरू करेंगे।

Farmer Protest : किसान आंदोलन की समाप्ति का किसानों द्वारा औपचारिक ऐलान हो चुका है। सभी प्रदर्शन स्थलों पर तंबू उखड़ने लगे है। साथ ही सभी प्रदर्शन स्थल कब तक पूरी तरह खाली हो जाएंगे, राकेश टिकैत ने इसकी जानकारी दे दी है। भारतीय किसान यूनियन के प्रवक्ता राकेश टिकैत ने बताया है कि दिल्ली के गाजीपुर, टीकरी और सिंघु बॉर्डर पर डटे किसान 15 से 16 दिसंबर तक हट जाएंगे। साथ ही राकेश टिकैत ने कहा है कि हम कल से यानी कि शनिवार 11 दिसंबर से बॉर्डरों से हटना शुरू करेंगे।

राकेश टिकैत ने कहा है कि 4 से 5 दिन यानी 15 से 16 दिसंबर तक बॉर्डर खाली कर देंगे। बता दें कि गुरुवार 9 दिसंबर को ही किसान संगठनों की संस्था संयुक्त किसान मोर्चा ने आंदोलन की समाप्ति का ऐलान करते हुए कहा था कि हम शनिवार से घर वापसी शुरू कर देंगे। इसके बाद से दिल्ली बॉर्डरों पर जाम की समस्या खत्म होने और लोगों को आवाजाही में होने वाली परेशानी दूर होने की उम्मीद बढ़ गई है।

मेले का आयोजन

किसान नेता राकेश टिकैत ने गाजीपुर बॉर्डर को लेकर कहा कि हम कम से कम एक रोड को 12 दिसंबर तक खाली करने का प्रयास करेंगे। साथ ही उन्होंने कहा है कि सरकार से फिलहाल कोई गतिरोध नहीं है और समझौता हो गया है। आगे राकेश टिकैत ने कहा कि इस आंदोलन में जुटने वाले लोगों के लिए हर साल 8 से 10 दिनों के लिए एक मेले का आयोजन किया जाएगा। इससे लोगों को आपस में मुलाकात करने का मौका मिल सकेगा।

वहीं इस बीच सिंघु बॉर्डर, गाजीपुर बॉर्डर और टिकरी बॉर्डर से किसानों की वापसी का दौर शुरू हो गया है। टेंट उखड़ने लगे हैं, तंबू निकाल कर गाड़ियों में रखे जा रहे हैं। इसके अलावा लंगर का सामान भी वापस लौट रहा है।

राकेश टिकैत ने दी बिपिन रावत को श्रद्धांजलि

गुरुवार 9 दिसंबर को सुबह किसान आंदोलनकारियों को सरकार की ओर से एक आधिकारिक लेटर मिला था। इस पर सहमति बन गई थी और फिर संयुक्त किसान मोर्चा की मीटिंग के बाद आंदोलन की समाप्ति का ऐलान किया गया। इस लेटर में हरियाणा, यूपी, हिमाचल प्रदेश, मध्य प्रदेश, उत्तराखंड जैसे राज्यों ने किसान आंदोलनकारियों से तत्काल मुकदमों को भी वापस लेने की बात कही थी। वहीं इस बीच किसान नेता राकेश टिकैत ने दिल्ली में सीडीएस जनरल बिपिन रावत और उनकी पत्नी मधुलिका रावत के घर जाकर उन्हें श्रद्धांजलि दी है।

आंदोलन समाप्ति का ऐलान

दिल्ली की सीमाओं पर बीते 14 महीनों से डटे किसानों ने गुरुवार को आंदोलन की समाप्ति का ऐलान कर दिया था। बता दें कि सरकार की ओर से मिले नए प्रस्ताव पर किसान संगठनों में सैद्धांतिक सहमति पहले बन गई थी लेकिन गुरुवार दोपहर को इस पर लंबी चर्चा के बाद फैसला हुआ था। इस मीटिंग में किसान संगठनों के 200 से ज्यादा प्रतिनिधि मौजूद थे। सिंघु बॉर्डर का माहौल भी किसानों की वापसी का संकेत दे रहा है। यहां लोग टेंट हटाने लगे हैं और लंगर आदि का सामान गाड़ियों में रखा जाने लगा है।

किसानों ने 13 दिसंबर को अमृतसर के स्वर्ण मंदिर में मत्था टेकने की योजना बनाई है। संयुक्त किसान मोर्चा 15 दिसंबर को दिल्ली में एक और बैठक करेगा।

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