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Singhu Border : हत्यारोपी को सामने खड़ा कर हिंसा करना चाहती है भाजपा, सिंघु बॉर्डर पर तनाव पैदा कर रहा बहरूपिया- किसान एकता मोर्चा

Janjwar Desk
27 Oct 2021 1:41 PM GMT
Singhu Border : हत्यारोपी को सामने खड़ा कर हिंसा करना चाहती है भाजपा, सिंघु बॉर्डर पर तनाव पैदा कर रहा बहरूपिया- किसान एकता मोर्चा
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Singhu Border : सिंघु बॉर्डर पर लखबीर सिंह के समर्थन में प्रदर्शन कर रहे कुछ लोगों पर पुलिस ने लाठीचार्ज किया।

जनज्वार। पुलिस सिंघु बॉर्डर (Singhu Border) पर किसानों पर लाठीचार्ज कर रही है। बताया जा रहा है कि कुछ लोग निहंगों द्वारा मारे गए लखबीर के पक्ष में प्रदर्शन कर रहे थे। ये लोग दक्षिणपंथी समूह के लोग बताए जा रहे हैं जो निहंगों के डेरे में जाकर हवन करने को आमादा हैं। ये सभी लोग पश्चिमी उत्तरप्रदेश व हरियाणा के बताए जा रहे हैं। ये लोग पंजाब से मृतक लखबीर की पत्नी बेटी को भी साथ ले आये हैं।

भारी संख्या में यूपी और उत्तराखंड से किसान सिंघु के लिए रवाना हो चुके हैं। अभी के लिए सभी किसानों को नरेला पर रोक दिया गया है। पुलिस ने बल प्रयोग करते हुए किसानों को आगे जाने की इजाजत नहीं दी है।

किसान एकता मोर्चा ने ट्वीट कर कहा- पुलिस और किसानों के बीच न हुई तकरार न हुई लाठीचार्ज, कुछ ही मिनटों में अपडेट करेंगे पूरी खबर।

किसान एकता मोर्चा ने दूसरे ट्वीट में कहा- 302 के आरोपी चंद्रमोहन को भाजपा सामने करके बॉर्डर पर हिंसा करना चाहती है। इस कथित महाराज पर इसकी पत्नी व निजी सहायक की हत्या का आरोप है। हम इस बहरूपिये को जानते है। जो सिंघु बॉर्डर पर तनाव पैदा कर रहा है। हम यह भी जानते है कि इसके पीछे भाजपा खड़ी है। अगर कुछ भी होता है इसकी भाजपा जिम्मेदार होगी।

लखबीर केस की बात करें तो पुलिस ने दो निहंगों को तो गिरफ्तार कर लिया था, वहीं दो ने सरेंडर कर दिया था। ऐसे में कुल चार लोगों की गिरफ्तारी हो चुकी है। लेकिन इस मामले को लेकर अभी भी विवाद जारी है। एक तरफ किसान नेता राकेश टिकैत इसे केंद्र की एक साजिश बता रहे हैं तो वहीं सरकार भी किसान आंदोलन को 'हिंसक' बता रही है।

वैसे लखबीर की पोस्टमार्टम रिपोर्ट भी सामने आ चुकी है। बताया गया है कि लखबीर के शरीर पर 36 चोट के निशान थे, उसे काफी बेरहमी से पीटा गया था। अभी के लिए संयुक्त किसान मोर्चा ने खुद को इस विवाद से पूरी तरह दूर रखा है। वे निहंगों को भी अपने किसान आंदोलन का हिस्सा नहीं मान रहे हैं। लेकिन लखबीर के न्याय के लिए चुनावी रण बने उत्तराखंड और यूपी से किसान आना शुरू हो गए हैं।

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