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राष्ट्रीय

राज्यसभा में कल किसान आंदोलन पर होगी चर्चा, किसानों के मुद्दे पर विपक्ष के हंगामे के कारण नहीं चला सदन

Janjwar Desk
2 Feb 2021 7:35 AM GMT
राज्यसभा में कल किसान आंदोलन पर होगी चर्चा, किसानों के मुद्दे पर विपक्ष के हंगामे के कारण नहीं चला सदन
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उच्च सदन की कार्यवाही शुरू होने के बाद राज्यसभा सभापति वेंकैया नायडू ने किसान आंदोलन पर आज सदन में चर्चा कराने की मांग खारिज कर दिया और कहा कि इस पर कल चर्चा होगी। विपक्ष के विरोध प्रदर्शन व आज चर्चा कराने की मांग की वजह से सदन की कार्यवाही कई बार स्थगित करनी पड़ी और आखिरकार उसे कल तक के लिए स्थगित कर दिया गया...

जनज्वार। दो महीने से अधिक वक्त से दिल्ली की सीमाओं पर चल रहे किसानों के विरोध प्रदर्शन पर बुधवार (3 फरवरी 2021) को राज्यसभा में चर्चा होगी। राज्यसभा के उपसभापति एम वेेंकैया नायडू ने विभिन्न पार्टियों की मांग पर कहा कि सांसदों के विरोध प्रदर्शन पर चर्चा आज नहीं कल होगी। वहीं, मंगलवार को उच्च सदन की कार्यवाही किसानों के मुद्दे पर विरोध के कारण नहीं चल सकी और इसे कल तक के लिए स्थगित कर दिया गया।

विपक्षी सांसदों किसानों के विरोध प्रदर्शन पर चर्चा कराने की मांग को लेकर अपनी सीट पर खड़े होकर विरोध जताने लगे। सांसदों ने नारेबाजी की कि किसानों पर चर्चा के बिना सदन की कार्यवाही नहीं चलेगी। इस पर सभापति वेंकैया नायडू ने आदेश दिया कि हंगामे व नारेबाजी को सदन की कार्यवाही में दर्ज नहीं किया जाए। उन्होंने कहा कि इसे न इलेक्ट्रानिक और न प्रिंट रूप में सदन की कार्यवाही में दर्ज किया जाए।

मंगलवार को सदन की कार्यवाही पहले 10.30 बजे तक, फिर 11.30 बजे और फिर 12.30 बजे तक के लिए स्थगित की गयी। बाद में सदन की कार्यवाही कल सुबह नौ बजे तक के लिए स्थगित कर दी गयी।

कई विपक्षी दलों के सांसदों ने राज्यसभा में कृषि कानूनों के खिलाफ चल रहे किसानों के विरोध प्रदर्शन को लेकर नोटिस दिया था। तृणमूल कांग्रेस के सांसद सुखेंदु शेखर रे और डीएमके सांसद तिरुचि शिवा ने कृषि कानूनों के खिलाफ चल रहे किसानों के विरोध प्रदर्शन को लेकर राज्यसभा में कार्य स्थगन नोटिस दिया था और चर्चा कराने की मांग की थी।

आम आदमी पार्टी के सांसद संजय सिंह ने भी सदन की कार्यवाही स्थगित कर किसानों के मुद्दे पर चर्चा कराने की मांग की। संजय सिंह ने कार्यवाही स्थगित होने के बाद सदन से बाहर कहा कि सबसे पहले तीनों काले कानून वापस लेने पर चर्चा होनी चाहिए। यहां अगर हम किसान के मुद्दे नहीं उठा सकते तो सदन चलाने का मतलब क्या है।

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