किसान आंदोलन : करनाल में 71 किसान प्रदर्शनकारियों पर FIR, 108 किसान अबतक हो चुके हैं शहीद
खट्टर की सभा में तोड़फोड़ का दृश्य। फोटो: सोशल मीडिया से।
जनज्वार। हरियाणा के करनाल में रविवार को मुख्यमंत्री मनोहर लाल खट्टर की सभा में विरोध प्रदर्शन को लेकर 71 प्रदर्शनकारियों पर प्राथमिकी दर्ज की गयी है। किसानों ने 10 जनवरी को करनाल जिले के कैमला गांव में भाजपा के चलाए जा रहे समानांतर अभियान किसान महापंचायत के कार्यक्रम स्थल पर किसानों ने तोड़फोड़ की थी। इसके बाद मुख्यमंत्री खट्टर ने इसके लिए कांग्रेस व वाम दलों को जिम्मेवार बताया था। कृषि कानून पर तीखे विरोध का सामना कर रही भाजपा ने कानून को सही ठहराने की कवायद के तहत किसान महापंचायत का अपना समानांतर अभियान शुरू किया है।
कैमला गांव में विरोध प्रदर्शन को लेकर पुलिस ने 71 लोगों के खिलाफ दर्ज मामले में सार्वजनिक संपत्ति को नुकसान पहुंचाने का आरोप लगाया है। विरोध के कारण मुख्यमंत्री को यहां अपनी सभा रद्द करनी पड़ी थी।
हरियाणा के मुख्यमंत्री मनोहर लाल खट्टर ने अपनी सभा में हंगामे के बाद किसान नेता गुरनाम सिंह चढूनी पर किसानों को उकसाने का आरेाप लगाया और कहा कि आंदोलन के पीछे कांग्रेस व कम्युनिस्ट का हाथ है। उन्होंने कहा कि जिस तरह कृषि बिल का विरोध हो रहा है, उसी तरह जीएसटी का विरोध किया गया था लेकिन अब व्यापारी उससे खुश हैं। खट्टर ने कहा है कि कम से कम एक साल के लिए कृषि कानूनों को लागू करके देखना चाहिए। खट्टर ने कहा कि हमें किसी चीज का उपयोग करने के बाद ही पता चलता है कि वह ठीक है या नहीं। मेरा मानना है कि हमें एक साल कृषि कानूनों का उपयोग करके देखना चाहिए।
हमें किसी चीज का उपयोग करने के बाद ही पता चलता है कि वह ठीक है या नहीं।
— Manohar Lal (@mlkhattar) January 10, 2021
मेरा मानना है कि हमें 1 साल कृषि कानूनों का उपयोग करके देखना चाहिए।https://t.co/CtpDmrpU7W pic.twitter.com/Vs9YlbE1hG
अबतक 108 किसान हुए हैं शहीद, सुप्रीम कोर्ट में आज अहम सुनवाई
मालूम हो 26 नवंबर 2020 से शुरू हुए किसान आंदोलन का आज सोमवार को 47वां दिन है। किसान एकता मोर्चा के अनुसार, इस आंदोलन के दौरान अबतक 108 किसान शहीद हुए हैं। आंदोलन के दौरान कई किसानों ने आत्महत्या की जबकि कई दूसरों की मौत अन्य वजहों से हुई है।
किसान एकता मोर्चा ने इसे अपने अधिकारों को वापस पाने के लिए अपने जीवन का बलिदान बताया है और है कि आखिर यह कबतक चलेगा? सरकार चुप क्यों है? किसान एकता मोर्चा ने कहा है कि अन्यायपूर्ण कानूनों का पालन नहीं करना एक पूरी जिम्मेवारी है और हमारे किसान इस जिम्मेवारी को पूरी तरह से निभा रहे हैं। उनकी लड़ाई में उनका साथ दें।
Sacrificing Their Lives to Earn Back Their Rights!!
— Kisan Ekta Morcha (@Kisanektamorcha) January 10, 2021
Till date, 108 people have been martyred during the peaceful farmer protest.
How long will this last? Why is the government silent? #FarmerSuicideModiQuiet pic.twitter.com/QoQ2SufOVt
उधर, सुप्रीम कोर्ट में आज जहां किसान आंदोलन व कृषि कानूनों पर अहम सुनवाई होनी है। किसान संगठनों ने यह स्पष्ट किया है कि अदालत इस मामले में कानून की वैधानिकता पर सुनवाई करे व इसे सही और गलत नहीं ठहरा सकता है।