Begin typing your search above and press return to search.
राष्ट्रीय

Fatehpur News: UP के PWD ने किसानों को बिना मुआवजा दिए ही बना डाली सड़क, अदालत की शरण में अन्नदाता

Janjwar Desk
21 Jun 2022 12:32 PM IST
Fatehpur News: UP के PWD ने किसानों को बिना मुआवजा दिए ही बना डाली सड़क, अदालत की शरण में अन्नदाता
x

Fatehpur News: UP के PWD ने किसानों को बिना मुआवजा दिए ही बना डाली सड़क, अदालत की शरण में अन्नदाता

Fatehpur News: मायावती सरकार के ड्रीम प्रोजेक्ट बिंदकी बाईपास के निर्माण में पीडब्ल्यूडी ने बड़ा खेल कर डाला। कार्यदाई संस्था ने सात ऐसे किसानों की जमीन से सड़क निकाल दी, जिनको उनकी जमीन का एक ढेला तक नहीं मिल सका है।

लईक अहमद की रिपोर्ट

Fatehpur News: मायावती सरकार के ड्रीम प्रोजेक्ट बिंदकी बाईपास के निर्माण में पीडब्ल्यूडी ने बड़ा खेल कर डाला। कार्यदाई संस्था ने सात ऐसे किसानों की जमीन से सड़क निकाल दी, जिनको उनकी जमीन का एक ढेला तक नहीं मिल सका है। जिसपर अभी तक बाईपास भी चालू नहीं हो सका है। एक किसान का मामला हाईकोर्ट में लंबित है। नतीजतन अभी तक जिले की सबसे बड़ी व्यवसायिक नगरी कही जाने वाली बिंदकी जाम की समस्या से निजात नहीं पा सकी है।

यहां रहने वाले, किसान सुधीर यादव, नरेंद्र सिंह, महेंद्र गुप्ता, राम कुमार, राम किशोर व प्रेम नारायण इत्यादि वे अन्नदाता हैं जिनकी जमीन से सड़क निर्माण के बाद प्रशासन ने मुआवजा नहीं दिया गया है। वजह यह है कि संस्था इन किसानों की जमीन को न रूरल मान रही है और न ही अर्बन। पीडब्ल्यूडी विभाग जो मूल्य चुकाना चाह रही थी वह किसानों को नाकाफी लगी। लिहाजा एक किसान मामले को हाई कोर्ट की शरण में ले गये है। किसान कर्मेद्र सिंह को मुआवजा ना मिलने का दर्द झलका। कहाकि कई बार प्रशासन और पीडब्ल्यूडी विभाग के अधिकारियों के बीच मीटिंग हुई हल नहीं निकला। किसान निरास हो चुके है।

प्रोजेक्ट पर लगी सियासी नजर

मायावती सरकार की राह आसान करने वाले इस प्रोजेक्ट पर सियासी नजर भी लगी है। सपा और फिर भाजपा की सरकारों ने इस तरफ ध्यान नहीं दिया।लिहाजा करीब 5 किलोमीटर सवा आठ करोड़ के इस बाईपास के आखिर छोर पर 300 मीटर पर निर्माण रुका हुआ है। यहां बताना यह भी जरूरी है कि इस प्रोजेक्ट पर 13 साल पहले काम शुरू हुआ था जो अब तक अधूरा है, उसपर विवादित भी।

जाम की समस्या से नहीं मिल सकी निजात

बाईपास का निर्माण अभी तक पूरा ना होने की वजह से जिले की सबसे बड़ा व्यवसायिक नगरी बिंदकी जाम की समस्या से आजिज है। यहां पर मंगलवार व शुक्रवार को दो साप्ताहिक बाजार भी लगती हैं। बुंदेलखंड सहित आसपास से जिला जुड़ा होने की वजह से बड़ी संख्या में लोग बिंदकी आकर खरीद-फरोख्त करते हैं। बाईपास ना चालू होने के कारण भारी वाहन नगर के अंदर से गुजर रहे हैं। इसके चलते कई जानलेवा हादसे भी हो चुके हैं।

किसानों की जमीन आपसी समझौते से ली

बिंदकी बाईपास निर्माण की पहल 2008 से शुरू हुई। बिंदकी कोहना,जाफराबाद, जनता,पुरानी बिंदकी के 422 किसानों की जमीन प्रशासन ने आपसी समझौते से ली जबकि भूमि को अधिग्रहण करके लिया जाना था। इंही वजहों से कुछ किसानों के मुवावजे की मांग में कानूनी पेच फंस गया।

मीटिंग में व्यस्त अफसर

अन्नदाताओं की इस समस्या को लेकर जब अपर जिलाधिकारी विनय कुमार पाठक से बात की गई तो उन्होंने किसानों के मामले को गंभीरता से ना लेने के बजाय यह कहकर बात खत्म कर दी कि 'वह मीटिंग में हैं। समय मिलने पर बात करेंगे।' इधर दूसरी तरफ अब यह सभी किसान अदालत की शरण मे जाने का मन बना चुके हैं, तो कुछ चले भी गए हैं। आने वाले समय में यह देखना रुचिकर रहेगा कि इन किसानों को अदालत से न्याय मिलता है अथवा सरकारी नाइंसाफी में पिसकर रह जाएंगे।

Janjwar Desk

Janjwar Desk

    Next Story

    विविध