विदेशी मीडिया ने लगाई PM मोदी की लंका, पर विज्ञापनों के लिए भारतीय मीडिया बजा रहा डंका
जनज्वार ब्यूरो, नई दिल्ली। कोरोना महामारी को देखते हुए दुनिया भर के मीडिया संस्थानो ने पीएम मोदी को खलनायक बताया है। विदेशी मीडिया का कहना है कि मोदी सरकार की गलती से भारत में कोरोना ने कहर मचाया है। बावजूद इसके मोदी सरकार महज कुर्सी मैनेजमेंट कर रही है।
'न्यूयार्क टाइम्स' ने लिखा कि नासिक में ऑक्सीजन लीक से मौतों की घटना के बाद भी मोदी की तारीफ की गई। कुंभ जैसे बड़े मेले किए गए। पश्चिम बंगाल में बड़ी-बड़ी रैलियां की जाती रहीं। मोदी ने 2020 की गलतियों से सबक नहीं लिया और नई गलतियों का पुलिंदा खोल दिया। बंगाल चुनाव की रैलियों में भीड़ लगातार बिना मास्क नजर आती रही। अब हालात यह हैं कि कब्रिस्तानों और श्मशान घाटों पर लाशों के ढ़ेर लगे हैं।
कोरोना की दूसरी लहर ने मोदी की छवि तार-तार कर दी है। दुनियाभर में लोगों को भरोसा दिया गया था कि मोदी कोरोना को हरा चुके हैं। लेकिन यह बात गलत साबित हो चुकी है। यह ठीक है कि कोरोना की पहली लहर में मोदी ने काफी हद तक इसके कहर को रोक दिया था। लोकिन दूसरी लहर ने उन्हें कहीं का नहीं छोड़ा। मुर्दाघरों में लाशों के ढ़ेर लगे हैं।
'द गार्जियन' ने मुख्य पेज पर श्मशान घाटों में जल रही चिताओं की उंची लपटों को दिखाया है। 'द टाइम्स लंदन' ने अपनी हेडलाइन में लिखा है कि 'दूसरी सुनामी में फंसे मोदी।' हर दिन तीन लाख कोरोना मामले आ रहे हैं। सरकार ने हालात की गंभीरता को नहीं समझा और कोरोना की सुनामी खड़ी कर दी।
'ग्लोबल प्रेस' जो हमेशा ब्राजील को निशाने पर रखता था, इस बार भारत को आड़े हाथों लिया है। 'द टाइम्स' ने लिखा है कि कोरोना की दूसरी लहर ने सरकार को गठरी साबित कर दिया है। देश औंधे मुंह गिर गया है। 'फाइनेंशियल टाइम्स' और 'द वाशिंगटन' पोस्ट ने भी यूपी के कब्रिस्तान दिखाए हैं। जहां चौबिसों घण्टे सातों दिन लाशों का क्रिया कर्म हो रहा है।