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Hijab Controversy पर विदेश मंत्रालय का पहला बयान, पाक-अमेरिका पर पलटवार, इस मुद्दे पर किसी को बोलने की जरूरत नहीं

Janjwar Desk
12 Feb 2022 7:41 AM GMT
Hijab Controversy पर विदेश मंत्रालय का पहला बयान, पाक-अमेरिका पर पलटवार, इस मुद्दे पर किसी को बोलने की जरूरत नहीं
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Hijab Controversy पर विदेश मंत्रालय का पहला बयान सामने आया ।

Hijab Controversy : हिजाब विवाद को लेकर दुनिया भर में मचे बवाल के बाद भारतीय विदेश मंत्रालय ( Foreign ministry India ) का पहला बयान सामने आया है। विदेश मंत्रलाय के प्रवक्ता अरिंदम बागची ( Arindam Bagchi ) ने कर्नाटक में कुछ शैक्षणिक संस्थानों में वर्दी संबंधी नियमों को लेकर विवाद पर कुछ देशों की आलोचना को खाजिर कर दिया है। उन्होंने कहा कि देश के आंतरिक मामलों ( Internal issues) पर किसी अन्य मकसद से प्रेरित टिप्पणियां हमें स्वीकार्य नहीं है। विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता अरिंदम बागची ने कहा कि जो लोग भारत को जानते हैं उन्हें वास्तविकताओं की पर्याप्त समझ होगी। खासतौर से एमईए ने पाकिस्तान और अमेरिका सहित सभी देशों को न बोलने की नसीहत दी है।




एमईए के प्रवक्ता अरिंदम बागची ने कहा कि कर्नाटक के कुछ शैक्षणिक संस्थानों में वर्दी संबंधी नियमों से जुड़े मामले पर कर्नाटक उच्च न्यायालय विचार कर रहा है। हमारे संवैधानिक ढांचे और तंत्र, लोकतांत्रिक लोकाचार तथा राजतंत्र के संदर्भ में मुद्दों पर विचार किया जाता है, उनका समाधान निकाला जाता है। जो लोग भारत को अच्छी तरह जानते हैं, उन्हें इन वास्तविकताओं की पर्याप्त समझ होगी। हमारे आंतरिक मुद्दों पर किसी अन्य मकसद से प्रेरित टिप्पणियां स्वीकार्य नहीं है। हिजाब विवाद ( Hijab Controversy) पर विदेश मंत्रालय की ये पहली टिप्पणी है।

शुक्रवार को अमेरिकी अंतरराष्ट्रीय धार्मिक स्वतंत्रता मामले के राजदूत राशद हुसैन ने कहा था कि धार्मिक स्वतंत्रता में लोगों को धार्मिक कपड़ों को चुनने की पूरी आजादी होती है। कर्नाटक को धार्मिक कपड़ों की अनुमति का निर्धारण नहीं करना चाहिए। स्कूलों में हिजाब पर प्रतिबंध धार्मिक स्वतंत्रता का उल्लंघन करता है। यह महिलाओं और लड़कियों को कलंकित और हाशिए पर लाता है।

Hijab Controversy : बता दें कि जनवरी 2022 में कर्नाटक के उडुपी में सरकारी प्री-यूनिवर्सिटी वीमेंस कॉलेज में हिजाब के खिलाफ विरोध प्रदर्शन शुरू हुआ था। कॉलेज की छह छात्राओं ने आरोप लगाया कि उन्हें हिजाब पहनने के कारण कक्षा में प्रवेश से वंचित कर दिया गया। मुस्लिम छात्राओं के हिजाब पहनने के विरोध में कुछ छात्र-छात्राएं भगवा शॉल लेकर स्कूल- कॉलेज आने लगे, जिसके कारण मामले ने तूल पकड़ लिया। कर्नाटक के शिवमोगा और बागलकोट जिलों में हिजाब विवाद को लेकर पथराव की खबरें भी सामने आई थीं। अब यह विवाद दुनिया भर में फैल गया है।

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