गाजियाबाद पिटाई वीडियो मामला: बॉम्बे हाईकोर्ट ने पत्रकार राणा अयूब को दी गिरफ्तारी से सुरक्षा
पत्रकार राणा अयूब पर लगा फंड रेजिंग के नाम पर धोखाधड़ी का आरोप, हिंदू आईटी सेल ने दर्ज करवाई FIR
जनज्वार डेस्क। बॉम्बे हाईकोर्ट ने सोमवार को पत्रकार राणा अयूब को गाजियाबाद पिटाई वीडियो मामले में 4 हफ्ते के लिए गिरफ्तारी से सुरक्षा दे दी है। गाजियाबाद पुलिस ने एक बुजुर्ग मुस्लिम के साथ मारपीट के मामले में ट्वीट को लेकर ट्विटर, कांग्रेस नेताओं, पत्रकार मोहम्मद जुबैर और राणा अयूब के खिलाफ एफआईआर दर्ज की थी।
जस्टिस पीडी नायक ने अपने आदेश में लिखा कि राणा अयूब अपने लिए तब तक गिरफ्तारी से सुरक्षा की मांग की है, जब तक वो जहां केस चल रहा है वो वहां के कोर्ट जाकर अपना मामला प्रस्तुत करें।
बार एंड बेंच की रिपोर्ट के मुताबिक बॉम्बे हाईकोर्ट ने अपने आदेश में बताया-अगर इस मामले में गिरफ्तारी की जाती है तो 25,000 के पीआर बॉन्ड पर आवेदक तो तुरंत रिहा किया जाएगा। ये राहत 4 हफ्तों के लिए दी गई है।
जिस वीडियो को लेकर केस दर्ज हुआ है उसमें बुजुर्ग व्यक्ति ने दावा किया था कि उनकी पिटाई करने वालों ने उनसे 'जय श्री राम' का नारा लगाने को कहा था। हालांकि पुलिस ने इस मामले में साम्प्रदायिक पहलू होने से इनकार किया है।
एफआईआर में आरोप लगाया गया है कि द वायर, राणा अयूब, मोहम्मद जुबैर, समा मोहम्मद, सबा नकवी, मसकूर उस्मानी, सलमान निजामी ने ''ट्विटर पर घटना की सत्यता को जांचे बिना घटना को साम्प्रदायिक रंग दे दिया।''
बुजुर्ग से जुड़ी घटना को लेकर गाजियाबाद पुलिस ने 15 जून को अपने बयान में कहा, ''सोशल मीडिया पर बुजुर्ग के साथ मारपीट और अभद्रता के वायरल वीडियो के संबंध में जांच करने पर पाया गया कि पीड़ित अब्दुल समद दिनांक 05/06/21 को बुलंदशहर से बेहटा, लोनी बॉर्डर आया था, जहां से एक अन्य व्यक्ति के साथ मुख्य आरोपी परवेश गुज्जर के घर बंथला, लोनी गया था।''
बयान में पुलिस ने बताया कि मुख्य आरोपी परवेश गुज्जर की गिरफ्तारी हो चुकी है, 2 अन्य आरोपियों कल्लू और आदिल की भी गिरफ्तारी की गई है। पुलिस ने कहा कि बाकी आरोपियों की भी जल्द गिरफ्तारी कर 'विधिक कार्यवाही सुनिश्चित की जाएगी।'