Begin typing your search above and press return to search.
राष्ट्रीय

Ghulam Nabi Azad की दूर नहीं हुई कांग्रेस से नाराजगी, कबूल की कश्मीर घाटी में आतंकवाद कम होने की बात

Janjwar Desk
24 Oct 2021 5:09 AM GMT
Ghulam Nabi Azad की दूर नहीं हुई कांग्रेस से नाराजगी, कबूल की कश्मीर घाटी में आतंकवाद कम होने की बात
x

जी-23 गुट के नेता गुलाम नबी आजाद ने कश्मीर घाटी में आतंकवाद में कमी की बात कबूल की।

Ghulam Nabi Azad : जी-23 के नेता आजाद का बयान उस समय आया जब केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह तीन दिवसीय दौरे के तहत जम्मू-कश्मीर में हैं।

Ghulam Nabi Azad : कांग्रेस ( Congress ) के वरिष्ठ नेता और जी-23 के अगुवा गुलाम नबी आजाद की पार्टी हाईकमान से नाराजगी अभी कम नहीं हुई है। उन्होंने अपने बयान से पार्टी आलाकमान को एक बार फिर नाराज कर दिया है। उन्होंने यह कबूल किया है कि जम्मू-कश्मीर ( Jammu-Kashmir ) में आतंकवाद ( Terrorism ) कम कम हुआ है। पहले की तुलना में कश्मीर घाटी में आतंकवाद नियंत्रण में है। यह बेहद सुखद स्थिति है। जम्मू-कश्मीर के पूर्व मुख्यमंत्री का यह बयान कांग्रेस के लिए एक सियासी झटका है। इसका लाभ बीजेपी ( BJP ) यूपी चुनाव में उठा सकती है। उनका यह बयान उस समय आया है जब केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ( Union Home Minister ) जम्मू-कश्मीर की तीन दिवसीय दौरे पर हैं।

आतंकवाद से सख्ती से निपटने की जरूरत

तीन दिन पहले उन्होंने पत्रकारों से अनौपचारिक बातचीत के दौरान कहा था कि कश्मीर में अब आतंकवादियों से सख्ती से निपटने की जरूरत है। इसके लिए सुरक्षाबलों को कोई समाधान निकालना होगा। पिछले 30 वर्षों में आतंकवादियों ने जम्मू-कश्मीर ( Jammu-Kashmir ) में आतंकवाद को बढ़ावा देने और लोगों की हत्याओं के लिए विभिन्न हथकंडे अपनाए हैं। पुलिस और सुरक्षाबल की एजेंसियां को एक-दो आतंकवादियों को पकड़कर उनके हथकंडों के बारे में विस्तारपूर्वक पता करना चाहिए। इसमें जरा सी भी देरी नहीं करनी होगी। सुरक्षाबलों को अब आतंकवादियों से निपटने के लिए स्थायी समाधान ढूंढना होगा।

गुलाम नबी आजाद ( Gulam Nabi Azad ) ने आतंकवादियों से सख्ती से निपटने की बात पहले भी कह चुके हैं। वह जम्मू-कश्मीर के मुख्यमंत्री रह चुके हैं और वहां के हालात से अच्छी तरह से वाकिफ हैं। ऐसा नहीं है कि गुलाम नबी आजाद जिस समय जम्मू-कश्मीर के मुख्यमंत्री थे उस समय आतंकवादी गतिविधियों में कुछ कमी आई थी लेकिन गुलाम नबी आजाद के अधिकतर कार्यकाल के दौरान जम्मू-कश्मीर में आतंकवादी गतिविधियों की घटनाओं में काफी कमी देखी गई थी।

विकास के लिए शांति पहली शर्त

फिलहाल, केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ( Amt Shah ) जम्मू-कश्मीर के तीन दिवसीय दौरे पर हैं। उनके दौरे का आज दूसरा दिन है। इस बीच कांग्रेस नेता आजाद का यह बयान उनके लिए खुशी की बात है। शाह ने शनिवार को एलजी मनोज सिन्हा, सैन्य और खुफिया अधिकारियों सहित अन्य वरिष्ठ प्रशासनिक अधिकारियों के साथ हुई बैठक के बाद कहा कि आतंकवाद से सख्ती से निपटा जाएगा। सेना को हर संभव कदम उठाने के लिए उन्होंने कहा है। साथ ही कहा कि जम्मू-कश्मीर के विकास की पहली शर्त शांति है। उन्होंने वहां के युवाओं से विकास की प्रक्रिया में सहभागी होने की अपील की है। साथ ही कहा है कि विधानसभा चुनाव परिसीमन का काम पूरा होने के बाद कराया जाएगा। शाह आज जम्मू में और कल फिर श्रीनगर में पब्लिकरैली को संबोधित करेंगे।

Next Story

विविध