#GHMCResults हैदराबाद नगर निगम चुनाव : भाजपा की बढ़त से कंगना राणावत उत्साहित, कांग्रेस पर साधा निशाना
कंगना राणावत का फाइल फोटो।
जनज्वार। अभिनेत्री कंगना राणावत अभी भाजपा की सदस्य नहीं बनीं हैं, लेकिन वे भाजपा की एक नेता की तरह बयान देती हैं, ट्वीट करती हैं और भाजपा की प्रतिद्वंद्वी राजनीतिक पार्टियों पर कटाक्ष करती हैं। ग्रेटर हैदराबाद म्येनिसिपल इलेक्शन में भाजपा को शुरुआती रूझानों में मिल रही बढत ने कंगना राणावत को उत्साहित कर दिया है और उन्होंने कांग्रेस पर इसको लेकर निशाना साधा है।
कंगना राणावत ने कांग्रेस को टैग करते हुए लिखा है कि वैसे तो आपके शासित राज्यों की हालत खराब है, और वे पूरे दिन कंगना-कंगना चिल्ला रहे हैं, लेकिन हम देख रहे कि भाजपा लगातार दिलों पर राज कर रही है और नई व मुश्किल जगहों पर जीत हासिल कर रही है।
Dear @INCIndia while your government ruled states are in mess and doing Kangana Kangana whole day, can't help but notice @BJP4India is ruling hearts of their toughest critics and entering new territories 🥰 https://t.co/GaSxUox5Zt
— Kangana Ranaut (@KanganaTeam) December 4, 2020
ग्रेटर हैदराबाद नगर निगम की 150 वार्ड सीटों के लिए हुए चुनाव में मैदान में 1122 प्रत्याशी थे। यहां मुख्य मुकाबला राज्य में सत्ताधारी पार्टी के चंद्रशेखर राव की तेलंगाना राष्ट्र समिति, भारतीय जनता पार्टी और असदुद्दीन ओवैसी की एआइएमआइएम के बीच है।
शुक्रवार को यहां हो रही मतगणना में शुरुआती रूझानों में भाजपा बहुमत के जादुई आंकड़े के पार कर 82 सीटो ंपर पहुंचती हुई दिख रही है, वहीं केसीआर की पार्टी टीआरएस 33 और ओवैसी की पार्टी 17 सीटों पर आगे हैं।
राष्ट्रीय अंदाज में लड़ा गया पहला स्थानीय निकाय चुनाव
हैदराबाद नगर निगम का चुनाव देश का पहला स्थानीय निकाय चुनाव है, जिसे राष्ट्रीय अंदाज में लड़ा गया है। इस चुनाव में भाजपा ने अपने वरिष्ठ नेताओं अमित शाह, जेपी नड्डा, योगी आदित्यनाथ आदि को प्रचार के लिए उतारा। यह चुनाव पूरी तरह से विभाजनकारी एजेंडे पर लड़ा गया। चुनाव में टीआरएस की मजबूत उपस्थिति होते हुए भी भाजपा व ओवैसी ने एक-दूसरे को निशाने पर रखा।
भाजपा की युवा इकाई के अध्यक्ष तेजस्वी सूर्या ने चुनाव प्रचार के दौरान ओवैसी को आधुनिक जिन्ना बताया था। वहीं, योगी आदित्यनाथ ने कहा था कि हैदराबाद का नाम बदल कर भाग्यनगर कर दिया जाएगा, जबकि ओवैसी ने उनको जवाब देते हुए कहा था कि आपका नाम बदल जाएगा लेकिन हैदराबाद का नाम नहीं बदलेगा।
हैदराबाद नगर निगम में अगर भाजपा काबिज होने में कामयाब रहती है तो उसे इस राज्य में अपनी राजनीति जड़ें जमाने का मौका मिल जाएगा। इसमें संदेह नहीं कि वह पूरे प्रदेश में खुद के विस्तार के लिए इसे एक प्रयोगशाला के रूप में प्रयोग करेगी।