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Gujarat Riots 2002 : तीस्ता सीतलवाड़ को मिली बड़ी राहत, सुप्रीम कोर्ट ने दी अंतरिम जमानत

Janjwar Desk
2 Sep 2022 11:00 AM GMT
Gujarat Riots 2002 : तीस्ता सीतलवाड़ को मिली बड़ी राहत, सुप्रीम कोर्ट ने दी अंतरिम जमानत
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Gujarat Riots 2002 : तीस्ता सीतलवाड़ को मिली बड़ी राहत, सुप्रीम कोर्ट ने दी अंतरिम जमानत

Gujarat Riots 2002 : तीस्ता सीतलवाड़ को सुप्रीम कोर्ट से बड़ी राहत मिली है, सुप्रीम कोर्ट ने कार्यकर्ता तीस्ता सीतलवाड़ को अंतरिम जमानत दे दी है...

Gujarat Riots 2002 : तीस्ता सीतलवाड़ को सुप्रीम कोर्ट से बड़ी राहत मिली है। सुप्रीम कोर्ट ने कार्यकर्ता तीस्ता सीतलवाड़ को अंतरिम जमानत दे दी है। जानकारी के लिए आपको बता दें कि तीस्ता सीतलवाड़ को 2002 के गुजरात दंगों के मामलों में निर्दोष लोगों को फंसाने के लिए कथित रूप से दस्तावेज बनाने के आरोप में गिरफ्तार किया गया था।

तीस्ता सीतलवाड़ को सरेंडर करना होगा अपना पासपोर्ट

सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि तीस्ता सीतलवाड़ को जांच में पूरा सहयोग करना होगा। सुप्रीम कोर्ट ने तीस्ता सीतलवाड़ से अपना पासपोर्ट सरेंडर करने के लिए कहा। बता दें कि सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि उसने इस मामले पर केवल अंतरिम जमानत के दृष्टिकोण से विचार किया है। गुजरात उच्च न्यायालय तीस्ता सीतलवाड़ की जमानत याचिका पर इस अदालत द्वारा की गई किसी भी टिप्पणी से स्वतंत्र और अप्रभावित रूप से फैसला करेगा।

हाईकोर्ट से रेगुलर बेल मिलने तक दी गई अंतरिम जमानत

बता दें कि आदेश में सुप्रीम कोर्ट ने यह साफ किया है कि तीस्ता सीतलवाड़ को अपना पासपोर्ट सरेंडर करना पड़ेगा। जब तक हाई कोर्ट से उन्हें रेगुलर बेल नहीं मिल जाती वह देश से बाहर नहीं जा सकती हैं। वहीं तीस्ता सीतलवाड़ को इस मामले में जांच एजेंसियों को लगातार अपना सहयोग देना होगा। सुप्रीम कोर्ट का कहना है कि वे तीस्ता सीतलवाड़ को बेल पर नहीं छोड़ रहे हैं, सिर्फ जब तक हाई कोर्ट द्वारा रेगुलर बेल पर कोई फैसला नहीं आ जाता, कोर्ट द्वारा उन्हें अंतरिम जमानत दी जा रही है।

सरकार से तीस्ता सीतलवाड़ की याचिका पर मांगा जवाब

बता दें कि इससे पहले सुप्रीम कोर्ट ने गुरुवार को हैरत जताई थी कि गुजरात हाईकोर्ट ने कार्यकर्ता तीस्ता सीतलवाड़ की जमानत याचिका को 19 सितंबर को सुनवाई के लिए क्यों सूचीबद्ध किया है। हाई कोर्ट द्वारा राज्य सरकार को नोटिस दिए जाने के छह सप्ताह बाद शीर्ष अदालत ने अपनी प्रतिक्रिया देते हुए सरकार से तीस्ता सीतलवाड़ की याचिका पर जवाब मांगा था और शुक्रवार दोपहर दो बजे तक उसे सूचित करने के लिए कहा था।

तीस्ता सीतलवाड़ पर निर्दोष लोगों को फंसाने का आरोप

आपको बता दें कि तीस्ता सीतलवाड़ और श्रीकुमार दोनों को जून में गिरफ्तार किया गया था। उन पर 2002 के गोधरा दंगों के बाद के मामलों में निर्दोष लोगों को फंसाने के लिए सबूत गढ़ने का आरोप है। वे साबरमती केंद्रीय जेल में बंद हैं। श्रीकुमार ने जमानत के लिए हाईकोर्ट का दरवाजा भी खटखटाया है। वहीं इस मामले के तीसरे आरोपी पूर्व आईपीएस अधिकारी संजीव भट्ट ने जमानत के लिए आवेदन नहीं किया है। संजीव भट्ट पहले से ही एक अन्य आपराधिक मामले में जेल में थे, जब उन्हें इस मामले में गिरफ्तार किया गया था।

तीस्ता सीतलवाड़ और श्रीकुमार को किया गया था गिरफ्तार

मुंबई के तीस्ता सीतलवाड़ और श्रीकुमार को 24 जून को सुप्रीम कोर्ट द्वारा जकिया जाफरी द्वारा दायर एक याचिका खारिज करने के कुछ दिनों के भीतर गिरफ्तार कर लिया गया था। जकिया के पति और पूर्व कांग्रेस सांसद एहसान जाफरी अहमदाबाद में दंगों के दौरान मारे गए थे, जिसमें एसआईटी की क्लीन चिट को चुनौती दी गई थी।

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