गुजरात के आदिवासी विधायक छोटूभाई वसावा ने राष्ट्रपति को पत्र लिखकर बताया 'जान को खतरा'
जनज्वार ब्यूरो/गांधीनगर। भारतीय ट्राइबल पार्टी (बीटीपी) के नेता और झागडिया से विधायक छोटूभाई वसावा ने राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद को एक पत्र लिखकर आशंका जताई है कि उन्हें किसी फर्जी मुठभेड़ में मारा जा सकता है, लिहाजा उन्हें जल्द से जल्द पर्याप्त सुरक्षा मुहैया कराई जाए।
बीटीपी प्रमुख और उनके बेटे व देदियापाड़ा से विधायक महेश वसावा ने पिछले शुक्रवार को गुजरात से राज्यसभा की चार सीटों के लिए हुए चुनाव में वोट नहीं दिया था। चूंकि चौथी सीट के लिए लड़ाई बहुत कांटे की थी, लिहाजा सत्ताधारी भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) और विपक्षी कांग्रेस दोनों पार्टियां चाहती थीं कि बीटीवी उनके उम्मीदवार को वोट दे, लेकिन पिता-पुत्र ने मतदान में हिस्सा ही नहीं लिया।
राज्यसभा चुनाव में वोट न देने के पीछे के कारण के बारे में वसावा ने कहा कि अनुसूची 5 और जनजातियों के संवैधानिक अधिकारों को लागू न करने के कारण उन्होंने वोट नहीं दिया। उन्होंने कहा कि न तो भाजपा ने जनजातियों के अधिकारों का समर्थन किया और न कांग्रेस ने ही।
वसावा ने राष्ट्रपति को लिखे अपने पत्र में कहा है कि वह और उनके पुत्र सामाजिक न्याय के लिए अपनी आवाज उठाते रहे हैं। गुजरात में जातीय विभाजन विद्रोह की स्थिति में पहुंच गया है।
उन्होंने कहा है, 'इन ताकतों का विरोध करने के कारण हमारी जान को खतरा है।' अतीत में भी गुजरात सरकार और पुलिस ने असामाजिक तत्वों के साथ मिलकर राजनीतिक साजिश रची थी और फर्जी मुठभेड़ें की थी।
वसावा ने पहले भी किसी फर्जी मुठभेड़ में मारे जाने की आशंका जाहिर की थी। 2017 के विधानसभा चुनाव से ठीक पहले उन्होंने कहा था कि उन्हें एक फर्जी मुठभेड़ में खत्म करने की एक राजनीतिक साजिश रची गई थी।