Begin typing your search above and press return to search.
राष्ट्रीय

Gumla News : गुमला में चेकडैम टूटने से 10 हजार लोगों का आवागमन हुआ बाधित

Janjwar Desk
16 Jun 2022 1:46 PM GMT
Gumla News : गुमला में चेकडैम टूटने से 10 हजार लोगों का आवागमन हुआ बाधित
x

Gumla News : गुमला में चेकडैम टूटने से 10 हजार लोगों का आवागमन हुआ बाधित

Gumla News : सुरेश महली अपनी आपबीती बताते हुए कहते हैं कि चेकडैम बहने से बिल्कुल पहले मैं उस चेकडैम के सहारे नदी पार कर रहा था। तभी अचानक नदी में पानी का बहाव तेज हो गया। मेरा एक पैर पीछे से चेकडैम में बहने लगा। हालांकि बहने से मैं बाल-बाल बच गया...

झारखंड से विशद कुमार की रिपोर्ट

Gumla News : झारखंड के गुमला जिले के बिशुनपुर प्रखंड अंतर्गत कटिया गांव निवासी सुरेश महली बताते हैं कि बिशुनपुर प्रखंड के अति नक्सल प्रभावित क्षेत्र कसमार के एक दर्जन गांवों की कुल आबादी है लगभग 10 हजार। इस पूरी आबादी के के लिए आवागमन का एकमात्र साधन था घाघरा नदी पर बना 2008 का एक चेकडैम, जो पिछले दिनों हुई बारिश में टूट गया। इस चेकडैम के टूटने से लोगों के लिए आवागमन बाधित हो गया है।

सुरेश महली अपनी आपबीती बताते हुए कहते हैं कि चेकडैम बहने से बिल्कुल पहले मैं उस चेकडैम के सहारे नदी पार कर रहा था। तभी अचानक नदी में पानी का बहाव तेज हो गया। मेरा एक पैर पीछे से चेकडैम में बहने लगा। हालांकि बहने से मैं बाल-बाल बच गया। सुरेश वे बनालात में प्रज्ञा केंद्र चलाते हैं। हर दिन गांव से नदी पार कर बनालात जाना पड़ता है। वे कहते हैं चेकडैम के बहने से हम सभी गांव वालों सामने आवागमन की समस्या खड़ी हो गयी है।

चेकडैम के बहने से प्रभावित होने वाले गांव के सुरेंद्र उरांव, बुद्धराम उरांव, पूजा देवी, मनोज कुमार, मनु नगेसिया, सीताराम लोहरा, छोटू खेरवार अपनी परेशानी बताते हुए कहते हैं कि प्रशासन अगर जल्द व्यवस्था नहीं करता है, तो बरसात के दिनों में हमारे साथ-साथ हमारे आसपास के गांव भी टापू में तब्दील हो जायेंगे। इससे बच्चों को स्कूल जाने में तो परेशानी होगी ही, मरीजों को इलाज के लिए अस्पताल ले जाने और वापस लाने में भी परेशानी होगी। खाद्य पदार्थों के लिए गांव को लोगों को काफी संघर्ष करना पड़ेगा।

लोगों का कहना है कि गुमला जिले के बिशुनपुर प्रखंड के एक दर्जन गांवों की आबादी के लिए बरसात के दिनों में बिशुनपुर प्रखंड मुख्यालय से गांव पहुंचने की आस पहली बारिश में ही टूट गयी है। आपको बता दें कि कटिया, टेमरकरर्चा, कुमारी, आसनपानी, निरासी, जमटी सहित अन्य गांवों के ग्रामीणों की लाइफ लाइन कहे जाने वाली घाघरा नदी में 2008 में बना चेकडैम इस साल प्री मानसून की पहली बारिश में ही बह गया है।

इसी चेकडैम के सहारे गांव के लोग नदी पार प्रखंड मुख्यालय आना-जाना करते थे। चूंकि घाघरा नदी पर पुल नहीं है, इसलिए चेकडैम के बहने के बाद संबंधित गांवों के ग्रामीणों के सामने आवागमन की विकराल समस्या खड़ी हो गयी है।

आपको बता दें कि घाघरा नदी में पुल बनाने की मांग को लेकर वर्षों से स्थानीय ग्रामीणआंदोलन करते आ रहे हैं। ग्रामीणों के बहुत प्रयास के बाद 2022 में बनालात नदी में पुल निर्माण का कार्य प्रारंभ हुआ है। लेकिन, बरसात में संभवत: काम बंद हो जायेगा और निर्माण कार्य अधूरा ही रह जायेगा।

दूसरी ओर, नदी में पुलिया निर्माण प्रारंभ होने से ग्रामीणें में काफी खुशी का माहौल था, लेकिन अचानक पिछले दिनों रात से लेकर दोपहर तक लगातार हुई बारिश के कारण नदी में आयी तेज रफ्तार पानी की धारा गांव पहुंचने का एकमात्र सहारा चेकडैम को अपने साथ बहा ले गयी। जिससे ग्रामीणों के समक्ष आवागमन का घोर संकट पैदा हो गया है।

Janjwar Desk

Janjwar Desk

    Next Story

    विविध