Gurmeet Ram Rahim : आखिरी सांस तक जेल में रहने वाला डेरा प्रमुख राम रहीम अपने युवा शिष्यों को रोटी में नशा देकर नपुंसक बना देता था
(अपनी प्रोफाइल के मुताबिक इंडिन एक्टर है गुरमीत राम रहीम)
Gurmeet Ram Rahim (जनज्वार) : डेरा सच्चा सौदा प्रमुख गुरमीत राम रहीम को रंजीत सिंह मर्डर केस में दोषी पाए जाने पर अदालत ने आजीवन कारावास की सजा सुनाई है। वह आखिरी सांस तक सजा काटेगा। गुरमीत के साथ ही 4 अन्य दोषियों को भी यही सजा दी गई है। जिनमें जसबीर, सबदिल, इंदर सेन, अवतार और किशन लाल शामिल हैं। इन आरोपियों में से इंदर सेन की 2020 में मौत हो गई थी।
इसके अलावा अदालत ने गुरमीत राम रहीम पर 31 लाख रुपये और बाकी आरोपियों पर 50-50 हजार रुपये का जुर्माना भी लगाया है। बता दें कि राम रहीम ने रणजीत सिंह को वापस डेरा सच्चा सौदा में मैनेजर बनने का दबाव बनाया था। जब उन्होने मना कर दिया तो कुरुक्षेत्र में उनके गांव के पास उनकी हत्या कर दी गई। इसके बाद पंजाब हरियाणा हाई कोर्ट ने इस मामले की जांच सीबीआई के हाथों में दे दी। यह हत्या 2002 में हुई थी जिसका अब 19 साल बाद फैसला आया है।
डेरा सच्चा सौदा प्रमुख गुरमीत राम रहीम के कई काले कारनामे है। उसके कुछ कारनामे जो उस पर लिखी गई किताब में दर्ज हैं। अगर आप विस्तार से उसके किस्से जानना चाहें तो किताब का नाम है, 'डेरा सच्चा सौदा एंड गुरमीत राम रहीम-ए डिकेड लॉन्ग इनवेस्टिगेशन।' किताब के लेखक अनुराग त्रिपाठी हैं। किताब अमेजन पर उपलब्ध है।
'मुझ पर रहमत हो गई' अंडकोष कटवाने का कोड
बता दें कि गुरमीत साध्वियों को सेक्स स्लेव की तरह ट्रीट किया करता था। जो पुरुष साधु थे, उनके दो काम थे। एक दिनभर काम करना वह भी नशीली रोटियां खाकर। राम रहीम जिन लोगों को अपनी निजी सुरक्षा के लिए चुनता उनके अंडकोष सर्जरी करवा कटवा देता था। एक पीड़ित की माने तो 1999 में हम कुछ साधुओं ने एक बात सुनी कि डॉक्टरों ने डेरे के एक घोड़े के अंडकोष काट दिए। घोड़ा तीन महीने बाद मर गया। फिर पता चला कि पिता जी (गुरमीत का भक्तों के बीच नाम) ने इंसानों पर भी यह प्रयोग करने की सोची है। सबसे पहले गुरमीत के पर्सनल कुक, जो दो साधु थे, उनकी सर्जरी हुई।
इसके बाद अक्टूबर 2000 में हंसराज गुरमीत के कारवां के साथ हमेशा की तरह सत्संग के लिए गया था। रास्ते में गुरमीत ने उससे कहा, 'तुम पर रहमत हो गई है, जल्द ही तुम्हें ईश्वर दिखेंगे।' हंसराज की उम्र उस समय सिर्फ 17 साल ही थी। गुरमीत ने हंसराज से कहा गाँव के अस्पताल में जाना, 'अस्पताल में जाना और डॉ. पंकज गर्ग और डॉ. एमपी सिंह से मिलना। कहना, मुझ पर रहमत हो गई।'
हंसराज ने ऐसा ही किया। वह अस्पताल पंहुचा तो डॉक्टर ने उसे पीने के लिए कोल्ड ड्रिंक दी। फिर जब उसकी आंख खुली, तो अंडकोष गायब हो चुके थे। मतलब उसे नपुंसक बना दिया गया था। इसके बाद हंसराज की जैसे दुनिया ही खत्म हो गई। कुछ बरस बाद हंसराज ने हिम्मत कर परिवार को बताया। घरवाले उसे ले गए। मगर यहां भी डेरा वाले उसे परेशान करते थे। उसके घर वाले तो गुजर गए।
आज हंसराज संगीत सिखाकर अपना घर चलाते है। हंसराज तो वक्त रहते निकल आए, मगर कुछ साधु गुरमीत के कहने पर कत्ल करते रहे। खुद को भी मारते रहे। अंबाला में गुरमीत की पेशी के बाद एक साधु ने गोली मारकर आत्महत्या कर ली थी। इसके अलावा गुरमीत पर साध्वियों से दुराचार व कई हत्याओं का भी आरोप है। बताते हैं कि वह डेरा के भीतर अपनी करेंसी भी चलाता था।