नफरत : केंद्रीय मंत्री नारायण राणे ने बाला साहब के स्मारक पर चढ़ाए फूल तो शिवसैनिकों ने गोमूत्र से किया 'शुद्धीकरण'
मंत्री नारायण राणे ने बाला साहब की समाधी पर चढ़ाए फूल तो शिवसेना ने गौमूत्र से कराई सफाई.
जनज्वार ब्यूरो। मुंबई में गुरुवार को COVID नियमों की अनदेखी करते हुए जन आशीर्वाद यात्रा निकालने के आरोप में 19 लोगों पर केस दर्ज किया गया है। जिन लोगों पर मुकदमा हुआ है, उनमें ज्यादातर यात्रा के आयोजक हैं। आरोप है कि यात्रा के दौरान इसमें शामिल लोग सोशल डिस्टेंसिंग का नियम तोड़ते हुए नजर आये। अधिकतर ने मास्क भी नहीं पहना था।
इस यात्रा के दौरान केंद्रीय सूक्ष्म, लघु और मध्यम उद्यम मंत्री नारायण राणे ने शिवाजी पार्क जाकर बाला साहब ठाकरे के समाधिस्थल पर फूल चढ़ाया था। राणे के वहां से जाने के बाद स्थानीय शिवसेना कार्यकर्ता अप्पा पाटिल ने कुछ साथियों के साथ मिकलर गोमूत्र और दूध से बाला साहेब ठाकरे स्मारक को 'पवित्र' करने का काम किया। इससे पहले शिवसेना सांसद संजय राउत और विनायक राउत ने राणे के बाला साहब समाधिस्थल पर जाने का विरोध किया था।
फडणवीस ने शिवसैनिकों को बताया तालिबानी
इस घटना को लेकर पूर्व CM देवेंद्र फडणवीस ने शिवसेना कार्यकर्ताओं की तुलना तालिबान से की। उन्होंने कहा, 'बालासाहेब ठाकरे के स्मारक की सफाई करने वाले लोग जंग खाए तालिबानी विचारधारा के हैं। जिन लोगों ने यह काम किया है, वे बालासाहेब की शिवसेना को नहीं समझते हैं। उन्होंने महाराष्ट्र की संस्कृति में अपनी संकीर्ण मानसिकता दिखाई है। यह तालिबानी सोच का परिणाम है।'
7 पुलिस स्टेशनों में दर्ज हुई FIR
राणे की जन आशीर्वाद यात्रा के आयोजकों के खिलाफ मुंबई के विले पार्ले, खेरवाड़ी, माहिम, शिवाजी पार्क, दादर, चेंबूर और गोवंडी पुलिस स्टेशन में केस दर्ज किया गया है। इन सभी इलाकों से गुरुवार को यह यात्रा गुजरी थी।
राणे को बाला साहब नहीं देंगे आशीर्वाद-शिवसेना
शिवसेना कार्यकर्ता अप्पा पाटिल ने संवाददाताओं को बताया, 'नारायण राणे यहां बालासाहेब को श्रद्धांजलि देने आए थे, लेकिन उसी दौरान उन्होंने उस पार्टी की आलोचना की जिसकी स्थापना बाला साहेब ने की है। उनके आने से यह स्थान अशुद्ध हो गया था, इसलिए हम इसे स्वच्छ करना चाहते थे।'
राणे पहले शिवसेना में थे और महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री रह चुके हैं। बाद में उन्होंने पार्टी छोड़ कर कांग्रेस का दामन थाम लिया था और 2019 में वह भाजपा में शामिल हो गए। पार्टी छोड़ने के बाद राणे लगातार ठाकरे परिवार और शिवसेना के खिलाफ बयानबाजी करते रहे हैं।
क्या हैं राणे की 'यात्रा' के मायने?
गुरुवार को हुई राणे की 'जन आशीर्वाद यात्रा' के पीछे की कहानी अब सामने आना शुरू हो गई है। दरअसल भाजपा का शीर्ष नेतृत्व राणे से 560 किमी की 'जन आशीर्वाद यात्रा' करा कर सूबे की 9 लोकसभा और 33 विधानसभा सीटों को आगामी चुनाव के लिए साधना चाहता है। केंद्रीय मंत्रिपद की कमान संभालने के बाद राणे गुरुवार की सुबह मुंबई पहुंचे और उन्होंने मुंबई एयरपोर्ट परिसर स्थित छत्रपति शिवाजी महाराज की प्रतिमा पर माल्यार्पण कर 'जन आशीर्वाद यात्रा' की शुरुआत की।
शिवसेना के हर कार्यक्रम में छत्रपति शिवाजी महाराज की प्रतिमा रहती है और उस पर फूलमाला चढ़ाने के बाद ही कार्यक्रम की शुरुआत होती है, लेकिन 2014 के लोकसभा चुनाव के वक्त से भाजपा ने 'शिवछत्रपति का आशीर्वाद, चलो चलें मोदी के साथ' का नारा बुलंद करते हुए छत्रपति शिवाजी महाराज के प्रतीक को शिवसेना से हासिल कर लिया।
चूंकि मुंबई में हिंदुत्व और स्व. बाल ठाकरे को मानने वाला एक बहुत बड़ा वर्ग है, लिहाजा राणे ने शिवाजी पार्क जाकर ठाकरे के स्मृति स्थल का भी दर्शन किया। इसके बाद वे पास के ही वीर सावरकर स्मारक भी गए। इस प्रकार भाजपा ने शिवसेना से नाराज चल रहे हिंदुत्व के वोट को अपने खेमे में करने की कोशिश की है।