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हिमाचल प्रदेश

केंद्रीय मंत्री अनुराग ठाकुर के गृह क्षेत्र में कोरोना से बुरा हाल, सोशल मीडिया के जरिए जनता दिखा रही हकीकत

Janjwar Desk
17 Sep 2020 7:42 AM GMT
केंद्रीय मंत्री अनुराग ठाकुर के गृह क्षेत्र में कोरोना से बुरा हाल, सोशल मीडिया के जरिए जनता दिखा रही हकीकत
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कोरोना संक्रमितों का कहना है कि अस्पताल से अच्छा होता कि उन्हें घर में ही आइसोलेट कर दिया जाता। अस्पताल में जरूरी व न्यूनतम सुविधाएं भी नहीं मिला रही हैं। लोगों को भोजन व दवाई की भी दिक्कत होती है...

विकास राणा की रिपोर्ट

जनज्वार। देश में कोरोना वायरस के मामलों में लगातार बढ़ोतरी हो रही है। इस समय भारत में कोरोना की संख्या 50 लाख को पार कर चुकी है। वहीं हिमाचल प्रदेश में भी लॉकडाउन को हटाए जाने के बाद से ही मामलों में लगातार बढ़ोतरी देखने को मिल रही है। अभी तक हिमाचल में कोरोना के कुल 10411 मामले आ चुके हैं। जिसमें से 3904 केस अभी भी एक्टिव हैं। इस समय हिमाचल में 23 कोविड केयर सेंटर - 11, कोविड हेल्थ सेंटर, 11 कोविड अस्पताल राज्य सरकार द्वारा चलाए जा रहे हैं।

हिमाचल की भाजपा सरकार का दावा है कि अन्य राज्यों की तुलना में हिमाचल में कोरोना मामलों की स्थिति काफी अच्छी है। ऐसा मुख्यमंत्री जयराम ठाकुर मीडिया से लेकर विधानसभा सत्र तक बोल चुके हैं। लेकिन इन दिनों हिमाचल में जैसी खबरें कोविड केयर सेंटर से लेकर कोविड अस्पताल को लेकर आ रही हैं, वो सरकार की पोल खोलने के लिए काफी है। हिमाचल में कोरोना सेंटरों से लेकर अस्पतालों तक में सरकार द्वारा खाने से लेकर विटामिन की दवाईयों की कमी तक की शिकयत जनता सोशल मीडिया के जरिए बता रही है।

एनआईटी हमीरपुर कोविड केयर सेंटर

हिमाचल प्रदेश सरकार और भाजपा के नेता अनुराग ठाकुर के गृह क्षेत्र हमीरपुर में संचलित एनआईटी हमीरपुर कोविड केयर सेंटर में रह रहे कोरोना मरीजों ने सोशल मीडिया के जरिए सेंटर में सरकार द्वारा की गई व्यवस्था और स्वास्थ्य विभाग की तैयारी की पोल खोलते हुए दिखे। हमीरपुर का एनआईटी हमीरपुर जिले का सबसे बड़ा कोविड केयर सेंटर है। कोविड केयर सेंटर में रह रही महिलाओं का कहना है कि सेंटर में हम लोगों को कैदी की तरह रखा जा रहा है। सेंटर में ना ही खाने को कुछ दिया जा रहा है। ना ही कमरों की सफाई की जा रही है। कोरोना केयर सेंटर में टॉयलेट तक जाने के लिए किसी तरह का कोई प्रबंध नहीं किया गया है। यहां पर रखने से अच्छा तो ये ही होता कि हम लोगों को घरों में आइसोलेट कर दिया जाता क्योंकि यहां रहकर हम लोग ऐसे ही बीमार हो जाएंगे।

इस दौरान कई महिलाओं ने कोरोना की रिपोर्ट में देरी होने का आरोप लगाते हुए कहा कि हमारी रिपोर्ट निगेटिव आने के बावजूद हम लोगों को घर तक पहुंचाने की कोई व्यवस्था प्रशासन ने नहीं की है। सेंटर में रह रही सुनीता नाम की महिला ने कहा, मुझे कोविड के लक्षण आने के बाद मेरे और मेरे पति की कोरोना जांच कराई गई। मेरी रिपोर्ट पॉजिटिव आने के बाद मुझे कोविड केयर सेंटर में लाया गया करीब एक हफ्ते के बाद मेरे पति भी कोरोना पॉजिटिव हो गए उन्हें भी सेंटर में भर्ती किया गया। जब मैंने और मेरी पति ने सेंटर में 14 दिन पूरी कर लिए उसके बाद हमारी जांच होने के बाद भी हमें कोरोना मरीजों के साथ रखा हुआ है। प्रशासन ना तो हमें कोरोना रिपोर्ट के बारे में कुछ बता रहा है, ना ही किसी तरह की मदद कर रहा है। अगर कोरोना से नहीं तो गंदगी के कारण हमें दूसरी बीमारी लग जाएगी।

एक अन्य युवती प्रशासन पर सैनिटाइजर से लेकर रिपोर्ट को समय पर ना देने का आरोप लगाते हुए कहती है कि यहां पर महिलाओं के साथ कई बुजुर्ग लोग भी हैं जो लंबे समय से यहां पर एडमिट हो रखे हैं। लेकिन इनकी कोरोना जांच हो जाने के बावजूद भी 10 दिनों तक कोरोना रिपोर्ट नहीं दी जा रही है। इसके अलावा ना काढ़ा और कोरोना से संबंधित विटामिन की दवाईयों को समय पर दिया जा रहा है। सैनिटाइजर जैसी जरूरी चीज भी हम लोगों के लिए उपलब्ध नहीं है।

धर्मशाला कोविड अस्पताल

ऐसे ही हालात कोविड जोनल अस्पताल धर्मशाला में भी देखने को मिले जहां पर दिमागी रूप से परेशान मरीज को कोरोना मरीज़ों के साथ में रखा गया है। अस्पताल में कोविड अस्पताल में मरीज़ों का कहना था कि अस्पताल में हालात इतने गंदे हैं कि हमें कोरोना वायरस होने के बाद कोई लक्षण नहीं थे लेकिन यहां पर एक दिन में ही रहकर हम लोग बीमार होना शुरू हो चुके हैं। हमें चाहे कोरोना कुछ करे ना करे लेकिन जैसे अस्पताल में हालात बने हुए उससे हम पहले ही मर जाएंगे।

हमारे कमरे में दिमागी रूप से बीमार एक पेंशेट को भी हमारे साथ रख दिया गया है। जो खुद भी कोरोना पॉजिटिव है। अस्पताल के प्रशासन को बार-बार बोलने के बावजूद अभी तक इस मरीज के लिए किसी तरह का कोई बंदोबस्त नहीं किया गया है। इस आदमी ने सुबह से ही कमरे में गंद कर के रखा हुआ है। जिसके कारण लोगों को परेशानी का सामना करना पड़ रहा है।

कई बार अस्पताल में शिकायत और फोन से संपर्क करने के बावजूद अभी तक प्रशासन के द्वारा कुछ नहीं किया गया है। हमारी किसी तरह की कोई सुनवाई नहीं हो पा रही है। खाने के नाम पर हम लोगों को सड़ा हुआ खाना दिया जा रहा है। इसके अलावा विटामिन की गोलियां जो कोरोना के दौरान मरीज़ों को दी जा रही हैं, अस्पताल के प्रशासन के द्वारा उपलब्ध नहीं कराया जा रहा है।

धर्मशाला में स्थित अन्य कोविड अस्पताल में भी लोग अपना गुस्सा निकालते हुए खाने लायक खाने की मांग करते दिखे। लोगों का कहना था कि हमें खाने के नाम पर केवल एक परोठा दिया गया है। जानवरों से भी बुरे हालात हमारे यहां पर बने हुए हैं। हम लोगों के साथ बुजुर्ग से लेकर बच्चे तक है। लेकिन सरकार की तरफ से अभी तक पौष्टिक आहार दिया तो जा नहीं रहा है। राज्य की जनता कोरोना से क्या खाक लड़ पाएगी।

नेताओं के बयान

कोरोना काल में कोविड केयर सेंटर समेत अस्पतालों के हालातों को लेकर जनज्वार को कांग्रेस नेता रामलाल ठाकुर ने बताया कि दूसरे राज्यों की तुलना में हिमाचल में कोरोना की हालात काफी खराब है। सिर्फ हमीरपुर ही नहीं बिलासपुर में भी सरकार ने जिन कोविड केयर सेंटरों का निर्माण करवाया है, वहां पर कोई सुविधा नहीं दी गई है। एक कमरे में 46 लोगों को रखा जा रहा है। हर 46 लोगों के लिए एक बाथरूम उपलब्ध है। लोगों को खाने के लिए नहीं दिया जा रहा है। कई बार तो कांग्रेस पार्टी के कार्यकर्ता द्वारा लोगों को खाना उपलब्ध कराया गया है।

इसके अलावा स्थानीय लोगों के द्वारा भी मरीज़ों को खाना दिया जा रहा था, लेकिन ग्रामीण भी कितना खाना लोगों को उपलब्ध करा पाते। स्वारघाट में भी हमारी द्वारा बनाई गई कमेटी के द्वारा ही लोगों को खाना उपलब्ध कराया गया है। हिमाचल की सेवा में दिन रात काम में लगे पुलिस वालों को भी गलब्स, मास्क, सैनिटाइजर जैसी मूल चीजें उपलब्ध नहीं कराई गई है। सरकार के बयानों और जमीन की सच्चाई में जमीन7आसमान का फर्क है।

हमीरपुर से ही भाजपा के मंत्री नरेंद्र ठाकुर ने कहा कि जो भी वीडियो सोशल मीडिया में वायरल किए जा रहे हैं, वो सभी बेबुनियाद हैं। एक दो सेंटरों को छोड़ दिया जाए तो पूरे हिमाचल में सेंटरों के हालातों में काफी ज्यादा सुधार है। खाने के लिए एक समय नियमित किया गया है। जिसमें सभी लोगों को खाना उपलब्ध करा दिया जाता है। बाकी विपक्ष का काम झूठ फैलाना है जिसको वो अच्छी तरह कर रही है।

युवा कांग्रेस के नेता अभिषेक ने कहा है कि महामारी के दौरान क्वारंटाइन सेंटरों में रखे गए लोगों व कोविड सेंटर में रखे गए मरीज़ों को कोई सुविधा नहीं मिल रही है। सोशल मीडिया पर लोग लगातार बदइंतजामी की लाइव तस्वीरें भेज रहे हैं, लेकिन सरकार अपनी चाल से टस से मस नहीं हो रही है। उन्होंने कहा कि यूं तो कमोवेश समूचे प्रदेश में बदइंतजामी की तस्वीर एक जैसी है, लेकिन हाल ही में एनआईटी हमीरपुर में कुप्रबंधन की आई तस्वीरें बता रही हैं कि क्वारंटाइन सेंटरों में लोगों से जानवरों जैसे व्यवहार किया जा रहा है। लोगों को घरों से लाकर क्वारंटाइन सेंटरों में कैद कर दिया है, लेकिन उनकी वहां खैर खबर वाला लेने वाला कोई नहीं है। उनकी सेहत का कोई ध्यान नहीं रखा जा रहा है।

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