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Home Ministry News : गृह मंत्रालय अब English छोड़कर इस भाषा में करेगा काम, अफसरों को निर्देश जारी

Janjwar Desk
13 April 2022 9:30 AM GMT
Home Ministry News  :  गृह मंत्रालय  अब English छोड़कर इस भाषा में करेगा काम, अफसरों को निर्देश जारी
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Home Ministry News : गृह मंत्रालय अब English छोड़कर इस भाषा में करेगा काम, अफसरों को निर्देश जारी

Home Ministry News : आपको बता दें कि हाल के दिनों में मंत्रालय की ओर से जारी सभी बयान हिंदी में ही जारी किए जा रहे हैं। राजभाषा विभाग की ओर से अफसरों को यह निर्देश भी दिया जा रहा है कि ईमेल भी हिंदी में ही भेजें...

Home Ministry News : अभी कुछ दिनों पूर्व ही गृहमंत्री (Home Minister) अमित शाह (Amit Shah) ने हिंदी (Hindi) के इस्तेमाल को लेकर एक बयान दिया था जिसके बाद देश के दक्षिण के राज्यों में तीखी प्रतिक्रिया देखने को मिली थी। इसके बाद एक तरह से राजनीतिक विवाद (Political Differences) जैसी स्थिति बन गयी थी।

आपको बता दें कि हिंदी के इस्तेमाल को लेकर दक्षिणी राज्यों में उत्साह नहीं देखा जाता है। वहां अपनी भाषा के साथ लोगों का एक भावुक लगाव है जिस कारण लोग हिंदी को स्वीकार नहीं कर पाते हैं।

हालांकि इस बीच इन बातों को​ दरकिनार करते हुए गृह मंत्रालय ने अपने सरकारी कामकाज में हिंदी के उपयोग को बढ़ावा देना शुरू कर दिया है। खबरें आ रही हैं कि मंत्रालय में सभी फाइलें तथा उनके नोट्स और बयान हिंदी में जारी करने के निर्देश जारी किए गए हैं।

आपको बता दें कि हाल के दिनों में मंत्रालय की ओर से जारी सभी बयान हिंदी में ही जारी किए जा रहे हैं। राजभाषा विभाग की ओर से अफसरों को यह निर्देश भी दिया जा रहा है कि ईमेल भी हिंदी में ही भेजें।

गौरतलब है कि बीते गुरुवार को केन्द्रीय गृहमंत्री अमित शाह ने कहा था कि विभिन्न राज्यों के लोगों को अंग्रेजी नहीं बल्कि हिंदी में ही एक-दूसरे से संवाद करना चाहिए। संसदीय राजभाषा समिति की 37 वीं बैठक में शाह के हवाले से कहा था प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने फैसला किया है कि सरकार चलाने का माध्यम राजभाषा है, और इससे निश्चित रूप से हिंदी का महत्व बढ़ेगा।

इस दौरान उन्होंने कहा था कि अब समय आ गया है कि राजभाषा को देश की एकता का महत्वपूर्ण अंग बनाया जाए। जब अन्य भाषा बोलने वाले राज्यों के नागरिक एक-दूसरे के साथ संवाद करते हैं, तो यह भारत की भाषा में होना चाहिए।

उस दौरान शाह ने स्पष्ट किया कि अंग्रेजी के विकल्प के रूप में हिंदी को स्वीकार किया जाना चाहिए, न कि स्थानीय भाषाओं को। उन्होंने यह भी सुझाव दिया था कि अन्य स्थानीय भाषाओं के शब्दों को स्वीकार करके हिंदी को और अधिक लचीला बनाया जा सकता है।

आपको बता दें कि अमित शाह राजभाषा समिति के अध्यक्ष हैं, और बीजू जनता दल के बी महताब इसके उपाध्यक्ष हैं। उस दौरान केन्द्रीय गृह और सहकारिता मंत्री अमित शाह ने नौवीं कक्षा तक के छात्रों को हिंदी का प्रारंभिक ज्ञान देने और हिंदी शिक्षण परीक्षाओं पर अधिक ध्यान देने की आवश्यकता पर बल दिया था।

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