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IHU Variant : अब सामने आया कोरोना का ओमिक्रोन से भी तेजी से फैलने वाला वेरिएंट IHU, वायरस में आ रहे बदलाव चिंताजनक

Janjwar Desk
5 Jan 2022 1:53 PM IST
Omicron Sub Variant : ओमिक्रोन का सब वेरिएंट BA.2 ज्यादा संक्रामक, डेनमार्क की स्टडी में चौंकाने वाला खुलासा
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ओमिक्रोन का सब वेरिएंट BA.2 ज्यादा संक्रामक

IHU Variant : फ्रांस में पता चला है कि वहां एक सार्स कोव-2 का नया ही वेरिएंट (New Variant) संक्रमण फैला रहा है| यह नया B.1.640.2, वेरिएंट 12 कोविड पॉजिटिव मरीजों का विश्लेषण के बाद मिला है जो दक्षिणपूर्व फ्रांस के एक ही इलाके में रहते हैं...

IHU Variant : ऐसा अब माना जाने लगा है कि भारत में कोविड-19 (Covid-19) की तीसरी लहर आ चुकी है| इस लहर में पिछले महीने से फैल रहे कोरोना वायरस के ओमिक्रॉन वेरिएंट की सबसे बड़ा हाथ माना जा रहा है| ओमीक्रोन की बहुत तेजी से फैलता है और इसके संक्रमण के लक्षण भी काफी अलग होते हैं| इसी बीच फ्रांस में पता चला है कि वहां एक सार्स कोव-2 का नया ही वेरिएंट (New Variant) संक्रमण फैला रहा है| मीडिया रिपोर्टस के अनुसार यह भी तेजी से फैलने वाला वेरिएंट है और विशेषज्ञ इसके बारे में अधिक जानकारी जुटाने में लग गए हैं| लेकिन अभी तक इस B.1.640.2 या IHU वेरिएंट के बारे में क्या पता चला है और इसके खतरनाक होने की क्या संभावना है|

फ्रांस से मिला वेरिएंट

बता दें कि यह नया B.1.640.2, वेरिएंट 12 कोविड पॉजिटिव मरीजों का विश्लेषण के बाद मिला है जो दक्षिणपूर्व फ्रांस के एक ही इलाके में रहते हैं| मेडआरजिव में प्रकाशित लेकिन समीक्षा होने वाले एक शोधपत्र में फ्रांस में IHU मेडिटेरेनी इफेक्शन के वैज्ञानिकों ने कहा है कि इस नए वेरिएंट से संक्रमित मरीज की पहचान कर ली गई है| बताया गया था कि यह मरीज कैमरून की ट्रिप से फ्रांस लौटा था|

बता दें कि शोधकर्ताओं ने अभी इस वेरिएंट का नाम IHU नाम दिया है जबकि शोधकर्ताओं का यह समूह नाम देने के लिए अधीकृत नहीं है| विश्व स्वास्थ्य संगठन ही किसी नए वेरिएंट का नामकरण करता है| यह नाम तभी दिया जाता है जब वेरिएंट के बारे में यह स्पष्ट हो जाए कि वह चिंता का विषय बन चुका है|

ऐसे रखें सावधानी जरूरी

शोधकर्ताओं के अनुसार इस वेरिएंट का संक्रमण को आरटी पीसीआर टेस्ट के जरिए आसानी पहचाना जा सकता है| इस संक्रमण कि पहचान के लिए पूरी जीनोम सीक्वेंसिंग करने की जरूरत नहीं पड़ेगी जिसमें समय लगता है| कई विशेषज्ञों ने माना है कि इस वेरिएंट से घबराने जैसी बात तो नहीं है, लेकिन बेशक विस्तृत जानकारी आने तक सावधानी जरूरी है| साथ ही विश्व स्वास्थ्य संगठन इस भी पर पूरी निगरानी रख रहा है|

46 म्यूटेशन और 37 विलोपन

मीडिया रिपोर्टस के अनुसार सार्स कोव-2 वायरस अन्य संक्रमण कारी रोगाणुओं की तरह म्यूटेट होता रहता है यानी बदलता रहता है| अब तक इस वायरस के बहुत सारे म्यूटेशन हो चुके हैं| शोधकर्ताओं ने भी इस नए वेरिएंट में मूल वायरल स्ट्रेन की तुलना में कम से 46 म्यूटेशन और 37 विलोपन (deletions) देखे हैं| जिसकी वजह से 30 अमीनो एसिड विस्थापन और 12 विलोपन हो चुके हैं| शोधकर्ताओं के अनुसार यह सार्स कोव-2 वेरिएंट के ये आंकड़े अप्रत्याशित रूप से सामाने आने और बाहर ले एक खास भौगोलिक क्षेत्र में आने का एक और उदाहरण है|

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