किसानों के समर्थन में वामदलों के सांसदों ने संसद तक किया प्रतिरोध मार्च, सिसोदिया पहुंचे गाजीपुर बॉर्डर
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जनज्वार। केंद्र सरकार के नए कृषि कानूनों के विरोध में पिछले लगभग दो महीने से ज्यादा समय से जारी किसान आंदोलन के बीच संसद का बजट सत्र आज शुक्रवार को शुरू हो रहा है। इस दौरान आंदोलनकारी किसानों के समर्थन में वामदलों के सांसदों ने संसद तक एक विरोध मार्च निकाला। विरोध मार्च में शामिल सांसद अपने हाथों में तख्तियां लिए हुए थे, जिनपर किसानों की बात सुनने और उनके समर्थन में नारे लिखे हुए थे।
आज दिल्ली सरकार के उपमुख्यमंत्री मनीष सिसोदिया भी गाजीपुर बॉर्डर पहुंचे। सिसोदिया ने कहा 'पिछली रात पानी और शौचालय की व्यवस्था की गई थी। मैं उस व्यवस्था का निरीक्षण करने के लिए आया हूं।'
इस बीच महाराष्ट्र सरकार में मंत्री अशोक चव्हाण ने कहा है कि अगर जरूरत महसूस हुई तो हम अपना अलग कानून बनाएंगे।
अशोक चव्हाण ने कहा 'तीन कृषि कानूनों को लेकर कैबिनेट की उपसमिति की बैठक इसलिए नहीं हो पा रही, चूंकि मामला न्यायिक प्रक्रिया के अधीन है। लेकिन संबद्ध विभागों को निर्देश दिया गया है कि वे पंजाब, राजस्थान एवं अन्य राज्य सरकारों द्वारा पारित प्रस्तावों का अध्ययन करें। महाराष्ट्र सरकार की उपसमिति के अध्यक्ष उपमुख्यमंत्री अजित पवार हैं और वे अपने स्तर से निर्णय लेंगे।'
इस बीच गुरुवार की घटनाओं के बाद आज शुक्रवार की सुबह तक वहां बड़ी संख्या में किसानों का जनसैलाब उमड़ गया। ये लोग भारतीय किसान यूनियन के नेता राकेश टिकैत के समर्थन में वहां जुटे हैं। इससे पहले गुरुवार को सरकार ने किसानों का आंदोलन खत्म करने की कोशिशें की थी। मीडिया के एक वर्ग ने भी आंदोलन खत्म होने का दावा किया था, जिसके बाद आंदोलन और अधिक मजबूती के साथ उभर आया है।
शुक्रवार सुबह राकेश टिकैत ने कहा कि हम लोग यह जगह खाली नहीं करेंगे और अपनी मांगों के लिए यहीं डटे रहेंगे। उन्होंने कहा कि हम भारत सरकार से अपने मुद्दों पर बात करेंगे। टिकैत ने लोगों से शांति बनाए रखने और शांतिपूर्ण ढंग से विरोध प्रदर्शन करने की अपील की।